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फायर सेफ्टी के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटर्स को बंद करें, MCD और DDA को हाईकोर्ट ने दिया आदेश - Fire safety issues - FIRE SAFETY ISSUES

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को MCD और DDA को फायर सेफ्टी के मानदंडों को पूरा नहीं करने वाले कोचिंग सेंटर्स को बंद करने का आदेश दिया. साथ ही जांच के लिए वकीलों की टीम भी भेजने का आदेश दिया.

कोर्ट की फाइल फोटो
कोर्ट की फाइल फोटो (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 10, 2024, 10:49 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने फायर सेफ्टी के मानदंडों को पूरा नहीं करने वाले कोचिंग सेंटर्स को बंद करने का आदेश दिया है. जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने दिल्ली नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को ये आदेश दिया. कोर्ट ने पहले की सुनवाई के दौरान मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर की जांच के लिए वकीलों की टीम भेजने का आदेश दिया था.

हाई कोर्ट ने कहा था कि जिन कोचिंग सेंटर्स के परिसर के बाहर बिजली के उपकरण लगे हैं उन्हें दूसरे स्थानों पर स्थापित किया जाए, क्योंकि वे आम लोगों के लिए खतरे का सबब है. इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी गौतम नारायण ने अप्रैल में दो बार कोचिंग सेंटर्स की जांच की गई थी. जांच में पता चला कि दिल्ली नगर निगम जिन कोचिंग सेंटर्स के बंद होने का दावा कर रही थी वे अभी भी चल रहे हैं, लेकिन नाम बदलकर.

गौतम नारायण ने कहा कि इन कोचिंग संस्थानों में फायर सेफ्टी मानदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है. एक संस्थान के प्रवेश द्वार पर ही बिजली का बोर्ड स्थापित किया गया है. आग लगने की स्थिति में उसका रास्ता ही बंद हो सकता है. इस पर हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाते हुए कहा कि उसके आदेश के बावजूद ये कोचिंग संस्थान बंद क्यों नहीं हुए? उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और डीडीए को निर्देश दिया कि फायर सेफ्टी मानदंडों का पालन नहीं करने वाले कोचिंग संस्थानों को बंद करें.

यह भी पढ़ेंः झारखंड मुक्ति मोर्चा की संपत्ति की जांच के आदेश के खिलाफ याचिका पर लोकपाल को दिल्ली हाई कोर्ट का नोटिस

बता दें, मुखर्जी नगर में 15 जून 2023 को कोचिंग सेंटर में आग लगी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया था. हाईकोर्ट ने बिना फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र के चल रहे कोचिंग सेंटर को बंद करने का आदेश दिया था. साथ ही फायर सर्विस अथॉरिटी को ऑडिट करने का निर्देश देते हुए यह पता लगाने को कहा था कि अथॉरिटी ये पता लगाएं कि ऐसी इमारतों के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट हैं या नहीं.

मुखर्जी नगर में कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद मची अफरातफरी के बाद छात्रों ने रस्सी के सहारे उतरकर अपनी जान बचाई थी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इस मामले में मुखर्जी नगर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 336, 337, 338, 120बी और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

यह भी पढ़ेंः हम निर्वाचन आयोग के काम का प्रबंधन नहीं कर सकते, जानें दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐसा क्यों कहा - PM Modi speech case

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने फायर सेफ्टी के मानदंडों को पूरा नहीं करने वाले कोचिंग सेंटर्स को बंद करने का आदेश दिया है. जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने दिल्ली नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को ये आदेश दिया. कोर्ट ने पहले की सुनवाई के दौरान मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर की जांच के लिए वकीलों की टीम भेजने का आदेश दिया था.

हाई कोर्ट ने कहा था कि जिन कोचिंग सेंटर्स के परिसर के बाहर बिजली के उपकरण लगे हैं उन्हें दूसरे स्थानों पर स्थापित किया जाए, क्योंकि वे आम लोगों के लिए खतरे का सबब है. इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी गौतम नारायण ने अप्रैल में दो बार कोचिंग सेंटर्स की जांच की गई थी. जांच में पता चला कि दिल्ली नगर निगम जिन कोचिंग सेंटर्स के बंद होने का दावा कर रही थी वे अभी भी चल रहे हैं, लेकिन नाम बदलकर.

गौतम नारायण ने कहा कि इन कोचिंग संस्थानों में फायर सेफ्टी मानदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है. एक संस्थान के प्रवेश द्वार पर ही बिजली का बोर्ड स्थापित किया गया है. आग लगने की स्थिति में उसका रास्ता ही बंद हो सकता है. इस पर हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाते हुए कहा कि उसके आदेश के बावजूद ये कोचिंग संस्थान बंद क्यों नहीं हुए? उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और डीडीए को निर्देश दिया कि फायर सेफ्टी मानदंडों का पालन नहीं करने वाले कोचिंग संस्थानों को बंद करें.

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बता दें, मुखर्जी नगर में 15 जून 2023 को कोचिंग सेंटर में आग लगी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया था. हाईकोर्ट ने बिना फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र के चल रहे कोचिंग सेंटर को बंद करने का आदेश दिया था. साथ ही फायर सर्विस अथॉरिटी को ऑडिट करने का निर्देश देते हुए यह पता लगाने को कहा था कि अथॉरिटी ये पता लगाएं कि ऐसी इमारतों के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट हैं या नहीं.

मुखर्जी नगर में कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद मची अफरातफरी के बाद छात्रों ने रस्सी के सहारे उतरकर अपनी जान बचाई थी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इस मामले में मुखर्जी नगर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 336, 337, 338, 120बी और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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