ETV Bharat / state

चाइल्ड वेलफेयर कमेटियों में खाली पदों पर 15 अप्रैल तक भर्ती करें दिल्ली सरकारः हाईकोर्ट

Child Welfare Committees: चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में भर्ती के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है. सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 15 अप्रैल तक सभी प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया.

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 26, 2024, 8:56 PM IST

f
df

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में भर्तियों के लिए सारी औपचारिकताएं 15 अप्रैल तक पूरी कर लें. सोमवार को जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने चेतावनी दी कि अगर इस आदेश का पालन नहीं होता है तो सुनवाई की अगली तिथि को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब देंगे. अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि भर्तियों के लिए महिला और बाल कल्याण विभाग को प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी हो रही है और इसमें कुछ समय लगेगा. उसके बाद कोर्ट ने कहा कि आप 31 मार्च तक भर्तियों की सभी औपचारिकताएं पूरी कर लें. तब दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने 15 दिन का और समय मांगा, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया.

हाईकोर्ट ने 15 अप्रैल तक का समय देते हुए चेतावनी दी कि अगर 15 अप्रैल तक भर्तियों के लिए औपचारिकताएं पूरी नहीं की गईं तो मुख्य सचिव को कोर्ट आकर बताना होगा कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ. याचिका बचपन बचाओ आंदोलन ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का और प्रभसहाय कौर ने कहा कि दिल्ली के चाइल्ड वेलफेयर कमेटियों और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में स्टाफ की कमी की वजह से बच्चों के पुनर्वास और उनकी देखभाल में समस्या आ रही है.

यह भी पढ़ेंः ईडी के सामने आज भी पेश नहीं हुए केजरीवाल, आप का आरोप- दबाव न बनाये मोदी सरकार

उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि स्टाफ की कमी की वजह से ठीक से जांच भी नहीं हो पाती है. याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्यों और चेयरपर्सन के पद खाली हैं. 28 नवंबर 2023 के दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग के सर्कुलर के मुताबिक 11 चाइल्ड वेलफेयर कमेटियों में से 6 में चेयरपर्सन और 11 सदस्यों के पद खाली हैं. इन कमेटियों का संचालन पदेन या कार्यकारी चेयरपर्सन कर रहे हैं.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के अधिकतर चाइल्ड वेलफेयर कमेटियां कोरम के अभाव में काम नहीं कर रही हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्युरी अनंत कुमार अस्थाना ने कहा कि कमोबेश यही हालात जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के भी हैं.

यह भी पढ़ेंः यौन उत्पीड़न मामले में प्रेमोदय खाखा की याचिका खारिज, डिफॉल्ट जमानत देने से हाईकोर्ट का इनकार

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में भर्तियों के लिए सारी औपचारिकताएं 15 अप्रैल तक पूरी कर लें. सोमवार को जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने चेतावनी दी कि अगर इस आदेश का पालन नहीं होता है तो सुनवाई की अगली तिथि को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब देंगे. अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि भर्तियों के लिए महिला और बाल कल्याण विभाग को प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी हो रही है और इसमें कुछ समय लगेगा. उसके बाद कोर्ट ने कहा कि आप 31 मार्च तक भर्तियों की सभी औपचारिकताएं पूरी कर लें. तब दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने 15 दिन का और समय मांगा, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया.

हाईकोर्ट ने 15 अप्रैल तक का समय देते हुए चेतावनी दी कि अगर 15 अप्रैल तक भर्तियों के लिए औपचारिकताएं पूरी नहीं की गईं तो मुख्य सचिव को कोर्ट आकर बताना होगा कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ. याचिका बचपन बचाओ आंदोलन ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का और प्रभसहाय कौर ने कहा कि दिल्ली के चाइल्ड वेलफेयर कमेटियों और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में स्टाफ की कमी की वजह से बच्चों के पुनर्वास और उनकी देखभाल में समस्या आ रही है.

यह भी पढ़ेंः ईडी के सामने आज भी पेश नहीं हुए केजरीवाल, आप का आरोप- दबाव न बनाये मोदी सरकार

उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि स्टाफ की कमी की वजह से ठीक से जांच भी नहीं हो पाती है. याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्यों और चेयरपर्सन के पद खाली हैं. 28 नवंबर 2023 के दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग के सर्कुलर के मुताबिक 11 चाइल्ड वेलफेयर कमेटियों में से 6 में चेयरपर्सन और 11 सदस्यों के पद खाली हैं. इन कमेटियों का संचालन पदेन या कार्यकारी चेयरपर्सन कर रहे हैं.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के अधिकतर चाइल्ड वेलफेयर कमेटियां कोरम के अभाव में काम नहीं कर रही हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्युरी अनंत कुमार अस्थाना ने कहा कि कमोबेश यही हालात जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के भी हैं.

यह भी पढ़ेंः यौन उत्पीड़न मामले में प्रेमोदय खाखा की याचिका खारिज, डिफॉल्ट जमानत देने से हाईकोर्ट का इनकार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.