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फांसी की सजा से बरी हुए दो महिलाओं के हत्यारोपी - high court news

फांसी की सजा से दो महिलाओं के हत्यारोपी हाईकोर्ट ने बरी कर दिए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 23, 2024, 7:25 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज अपने महत्वपूर्ण फैसले में फर्रुखाबाद जिले में हुई तीन महिलाओं की हत्या के मामले में फांसी की सजा पाए अभियुक्त मोहम्मद शकील तथा मोहम्मद कलीम को फांसी की सजा से बरी कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मोहम्मद शकील व मोहम्मद कलीम की आपराधिक अपील की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है.

मामले के तथ्यों के अनुसार 25/26 जुलाई वर्ष 2007 की रात में कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत अज्ञात लोग घर में घुसकर वादी के भाई की पत्नी यासमीन, मां नूरजहां व बहन नसरीन तीनों महिलाओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसकी प्राथमिक की कोतवाली थाने जिला फर्रुखाबाद में दर्ज कराई गई थी. विवेचना के दौरान अपीलार्थी का नाम प्रकाश में आया था.

शकील के घर से 315 बोर की पिस्टल बरामद हुई. आरोप पत्र शकील, कलीम, लल्लन व अन्य के खिलाफ दाखिल की. इस मामले का विचार स्पेशल जज इसी एक्ट की अदालत में किया गया जिसमें ट्रायल कोर्ट ने दिनांक 3 नवंबर 2022 को दोनों अभियुक्तों मोहम्मद कलीम वास मोहम्मद शकील को फांसी की सजा सुनाई थी इसके साथ ही ₹50000 का जुर्माना भी लगाया था. ट्रायल कोर्ट के 3 नवंबर 2022 के आदेश को हाई कोर्ट पर चुनौती दी गई थी. दोनों अपीलों की सुनवाई एक साथ की गई. विवेचना के दौरान ट्रायल के दौरान कुल 14 गवाह परीक्षित कराए गए. इसके साथी पांच डिफेंस के गवाह थे और दो चांस विटनेस थे.

न्यायालय ने कहा की ट्रायल कोर्ट एक्स्ट्रा जुडिशल कन्फेशन व हत्या करने के कारण को सिद्ध करने में पूर्णतः असफल रही है और इसके साथ कोई भी गवाह लास्ट सीन अंतिम बार देखे जाने को भी सिद्ध कर सकी. न्यायालय ने कहा न्यायालय ने कहा की ट्रायल कोर्ट अपराधियों के विरुद्ध अभियुक्तों के विरुद्ध केस को साबित करने में असफल रही है. इस आधार पर दोनों अभियुक्तों मोहम्मद शकील व मोहम्मद कलीम को फांसी की सजा से बरी कर दिया है. न्यायालय ने मृत्युदंड को ट्रायल कोर्ट के पुष्टि करने के आदेश को भी निरस्त कर दिया.

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज अपने महत्वपूर्ण फैसले में फर्रुखाबाद जिले में हुई तीन महिलाओं की हत्या के मामले में फांसी की सजा पाए अभियुक्त मोहम्मद शकील तथा मोहम्मद कलीम को फांसी की सजा से बरी कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मोहम्मद शकील व मोहम्मद कलीम की आपराधिक अपील की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है.

मामले के तथ्यों के अनुसार 25/26 जुलाई वर्ष 2007 की रात में कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत अज्ञात लोग घर में घुसकर वादी के भाई की पत्नी यासमीन, मां नूरजहां व बहन नसरीन तीनों महिलाओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसकी प्राथमिक की कोतवाली थाने जिला फर्रुखाबाद में दर्ज कराई गई थी. विवेचना के दौरान अपीलार्थी का नाम प्रकाश में आया था.

शकील के घर से 315 बोर की पिस्टल बरामद हुई. आरोप पत्र शकील, कलीम, लल्लन व अन्य के खिलाफ दाखिल की. इस मामले का विचार स्पेशल जज इसी एक्ट की अदालत में किया गया जिसमें ट्रायल कोर्ट ने दिनांक 3 नवंबर 2022 को दोनों अभियुक्तों मोहम्मद कलीम वास मोहम्मद शकील को फांसी की सजा सुनाई थी इसके साथ ही ₹50000 का जुर्माना भी लगाया था. ट्रायल कोर्ट के 3 नवंबर 2022 के आदेश को हाई कोर्ट पर चुनौती दी गई थी. दोनों अपीलों की सुनवाई एक साथ की गई. विवेचना के दौरान ट्रायल के दौरान कुल 14 गवाह परीक्षित कराए गए. इसके साथी पांच डिफेंस के गवाह थे और दो चांस विटनेस थे.

न्यायालय ने कहा की ट्रायल कोर्ट एक्स्ट्रा जुडिशल कन्फेशन व हत्या करने के कारण को सिद्ध करने में पूर्णतः असफल रही है और इसके साथ कोई भी गवाह लास्ट सीन अंतिम बार देखे जाने को भी सिद्ध कर सकी. न्यायालय ने कहा न्यायालय ने कहा की ट्रायल कोर्ट अपराधियों के विरुद्ध अभियुक्तों के विरुद्ध केस को साबित करने में असफल रही है. इस आधार पर दोनों अभियुक्तों मोहम्मद शकील व मोहम्मद कलीम को फांसी की सजा से बरी कर दिया है. न्यायालय ने मृत्युदंड को ट्रायल कोर्ट के पुष्टि करने के आदेश को भी निरस्त कर दिया.

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