ETV Bharat / state

प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए अनुमति लेने के दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक - Private school fees issue - PRIVATE SCHOOL FEES ISSUE

Delhi High Court: दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दिया जिसमें कहा गया था कि प्राइवेट स्कूल बिना अनुमति के फीस नहीं बढ़ा सकते हैं.

d
d
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 1, 2024, 9:10 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दिया है, जिसमें कहा गया है कि मान्यता प्राप्त निजी स्कूल शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान बिना पूर्व अनुमति के फीस नहीं बढ़ा सकते हैं. जिन स्कूलों ने सरकारी एजेंसियों से स्कूल के लिए भूमि हासिल की है. जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने यह आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी.

शिक्षा निदेशालय ने 27 मार्च को अपने आदेश में सभी स्कूलों से कहा था कि वे 1 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच फीस बढ़ाने का अपना प्रस्ताव भेजें. याचिका एक्शन कमेटी अनऐडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स ने दायर किया था. कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि कई फैसलों में ये कहा जा चुका है कि निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की पूर्व अनुमति तब तक लेने की आवश्यकता नहीं है जब तक वे अनावश्यक लाभ या शिक्षा के व्यापारीकरण का काम नहीं करें.

कोर्ट ने कहा कि अगर कोई स्कूल कैपिटेशन फीस ले रहा है तो वो व्यापारीकरण है. दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को हाईकोर्ट के पहले के आदेश का सम्मान करना चाहिए. शिक्षा निदेशालय का व्यवहार स्कूलों को बार-बार सर्कुलर भेजकर डराने और धमकाने का है. कोर्ट ने कहा कि अगर हाईकोर्ट के पहले के फैसले पर दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को कोई आपत्ति है तो उसे डिवीजन बेंच के समक्ष अपनी बात उठानी चाहिए, जहां इस मामले से संबंधित वाद लंबित है.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली हाईकोर्ट का विस्तार करने की मांग पर केंद्र को नोटिस जारी - Delhi High Court expansion

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दिया है, जिसमें कहा गया है कि मान्यता प्राप्त निजी स्कूल शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान बिना पूर्व अनुमति के फीस नहीं बढ़ा सकते हैं. जिन स्कूलों ने सरकारी एजेंसियों से स्कूल के लिए भूमि हासिल की है. जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने यह आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी.

शिक्षा निदेशालय ने 27 मार्च को अपने आदेश में सभी स्कूलों से कहा था कि वे 1 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच फीस बढ़ाने का अपना प्रस्ताव भेजें. याचिका एक्शन कमेटी अनऐडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स ने दायर किया था. कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि कई फैसलों में ये कहा जा चुका है कि निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की पूर्व अनुमति तब तक लेने की आवश्यकता नहीं है जब तक वे अनावश्यक लाभ या शिक्षा के व्यापारीकरण का काम नहीं करें.

कोर्ट ने कहा कि अगर कोई स्कूल कैपिटेशन फीस ले रहा है तो वो व्यापारीकरण है. दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को हाईकोर्ट के पहले के आदेश का सम्मान करना चाहिए. शिक्षा निदेशालय का व्यवहार स्कूलों को बार-बार सर्कुलर भेजकर डराने और धमकाने का है. कोर्ट ने कहा कि अगर हाईकोर्ट के पहले के फैसले पर दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को कोई आपत्ति है तो उसे डिवीजन बेंच के समक्ष अपनी बात उठानी चाहिए, जहां इस मामले से संबंधित वाद लंबित है.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली हाईकोर्ट का विस्तार करने की मांग पर केंद्र को नोटिस जारी - Delhi High Court expansion

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.