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लखनऊ में लौटेंगे नवाबी दिन, कैसरबाग चौराहे की लौटी पुरानी शान-ओ-शौकत, पुरानी विरासत के रंग-रूप में तैयार - KAISARBHAG HERITAGE ZONE

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 6, 2024, 8:00 PM IST

Updated : Aug 6, 2024, 9:58 PM IST

पर्यटन विभाग की तरफ से उत्तर प्रदेश के हर बड़े शहर को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए कई तरह के निर्माण कार्य और पर्यटन जोन-हेरिटेज जोन आदि का निर्माण करा रहा है. इसी कड़ी में कैसरबाग चौराहे की पुरानी शान-ओ-शौकत लौट आई है.

लखनऊ में कैसरबाग चौराने की शान लौट आई है.
लखनऊ में कैसरबाग चौराने की शान लौट आई है. (Photo Credit; ETV Bharat)
लखनऊ में कैसरबाग चौराने की शान लौट आई है. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊः पर्यटन विभाग की तरफ से उत्तर प्रदेश के हर बड़े शहर को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए कई तरह के निर्माण कार्य और पर्यटन जोन-हेरिटेज जोन आदि का निर्माण करा रहा है. इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ में पर्यटन विभाग और LDA ने मिलकर हेरिटेज जोन की घोषणा साल 2021 में की. इसमें कैसरबाग क्षेत्र से लेकर पुराने इमामबाड़ा क्षेत्र के करीब 3 किलोमीटर लंबे रूट को हेरिटेज जोन में तब्दील करना था. जिसमें सबसे बड़ी चुनौती कैसरबाग चौराहे को उसकी पुरानी शान शौकत वापस दिलानी थी. अब कैसरबाग चौराहा बनकर लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है.

कैसरबाग सर्किल या कैसरबाग चौराहा लखनऊ की पहचान: लखनऊ के लोग कैसरबाग चौराहे से पूरी तरह से परिचित हैं. पर्यटकों के लिए भी कैसरबाग एक बड़ा टूरिस्ट पॉइंट है. लखनऊ विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ.एसए रिजवी बताते हैं कि कैसरबाग चौराहे का निर्माण सन 1850 में वाजिद अली शाह के सपनों के अनुसार किया गया था. इसका नाम सबसे पहले मिर्जा केसर जमा भी था. कुछ विद्वानों का मत है कि उनके नाम पर इसका नाम कैसरबाग रखा गया था. कैसरबाग के दो विशाल दरवाजे जिन्हें लखी गेट कहा जाता है, यहां की शान में इजाफा करते हैं.

चौलक्खी कोठी में रहती थीं बेगम हजरत महल : वहीं पूर्वी दरवाजे के बाहर यहां चार लाख की एक कोठी थी, जिसे चौलक्खी कोठी कहा जाता था. यहीं पर बेगम हजरत महल निवास करती थीं. इसी के अंदर और भी अनेक भवनों के साथ पूरा खानदान रहता था. यहां पर एक अनोखा और खूबसूरत बगीचा के साथ कैसरबाग पैलेस भी बनवाया गया था. वहीं चौराहे पर जो गोल सर्कल बना है, उसे अंग्रेजों ने जिस वस्तुकला से कैसरबाग का निर्माण हुआ था, उसी के अनुसार तैयार करवाया था. इस चौराहे पर 6 सड़कें मिलती हैं. इस चौराहे की खूबसूरती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके चारों तरफ बने भवन नवाबों के काल के आर्किटेक्चर और डिजाइन को दिखाते हैं. हेरिटेज जोन में आने के बाद इस चौराहे को दोबारा से रिनोवेट करने का काम शुरू हुआ था जो अब लगभग पूरा हो चुका है.

हेरिटेज जोन बनाने की जिम्मेदारी फैकेल्टी ऑफ आर्किटेक्चर को मिली : हेरिटेज जोन की जिम्मेदारी प्राविधिक विश्वविद्यालय के घटक संस्थान फैकेल्टी ऑफ आर्किटेक्चर को मिली है. कैसरबाग से लेकर बड़े इमामबाड़ा तक पूरी रोड को हेरिटेज जोन के तौर पर तैयार किया जाना है. इस रोड को "अवध पॉइंट" के तौर पर विकसित किया जा रहा है. इस योजना के तहत पूरे 4 किलोमीटर की रोड पर पड़ने वाले सभी भवनों, प्राइवेट संस्थानों को एक समान रंग और एक स्कल्पचर के तौर पर सजाया जा रहा है. इसी कड़ी में सबसे पहले कैसरबाग चौराहे को उसकी पुराने शान शौकत के अनुसार तैयार किया गया है.

आर्किटेक्टचर कॉलेज की डायरेक्टर प्रोफेसर वंदना सहगल ने बताया कि इस चौराहे पर जितनी भी पुरानी इमारतें हैं, उनकी पुरानी खूबसूरती और डिजाइन का पूरा ध्यान रखा गया है. यह पूरा काम भारतीय पुरातत्व विज्ञान की निगरानी में किया जा रहा है. प्रोफेसर ने बताया कि इस हेरिटेज जोन को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि आने वाले पर्यटक कम समय में पूरे लखनऊ का अनुभव इस सड़क पर घूम कर प्राप्त कर सकें.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में बनेगी UP की पहली ड्रोन चौकी, क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस की तैयारी, इस तरह करेगी काम - UP first drone post in Lucknow

लखनऊ में कैसरबाग चौराने की शान लौट आई है. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊः पर्यटन विभाग की तरफ से उत्तर प्रदेश के हर बड़े शहर को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए कई तरह के निर्माण कार्य और पर्यटन जोन-हेरिटेज जोन आदि का निर्माण करा रहा है. इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ में पर्यटन विभाग और LDA ने मिलकर हेरिटेज जोन की घोषणा साल 2021 में की. इसमें कैसरबाग क्षेत्र से लेकर पुराने इमामबाड़ा क्षेत्र के करीब 3 किलोमीटर लंबे रूट को हेरिटेज जोन में तब्दील करना था. जिसमें सबसे बड़ी चुनौती कैसरबाग चौराहे को उसकी पुरानी शान शौकत वापस दिलानी थी. अब कैसरबाग चौराहा बनकर लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है.

कैसरबाग सर्किल या कैसरबाग चौराहा लखनऊ की पहचान: लखनऊ के लोग कैसरबाग चौराहे से पूरी तरह से परिचित हैं. पर्यटकों के लिए भी कैसरबाग एक बड़ा टूरिस्ट पॉइंट है. लखनऊ विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ.एसए रिजवी बताते हैं कि कैसरबाग चौराहे का निर्माण सन 1850 में वाजिद अली शाह के सपनों के अनुसार किया गया था. इसका नाम सबसे पहले मिर्जा केसर जमा भी था. कुछ विद्वानों का मत है कि उनके नाम पर इसका नाम कैसरबाग रखा गया था. कैसरबाग के दो विशाल दरवाजे जिन्हें लखी गेट कहा जाता है, यहां की शान में इजाफा करते हैं.

चौलक्खी कोठी में रहती थीं बेगम हजरत महल : वहीं पूर्वी दरवाजे के बाहर यहां चार लाख की एक कोठी थी, जिसे चौलक्खी कोठी कहा जाता था. यहीं पर बेगम हजरत महल निवास करती थीं. इसी के अंदर और भी अनेक भवनों के साथ पूरा खानदान रहता था. यहां पर एक अनोखा और खूबसूरत बगीचा के साथ कैसरबाग पैलेस भी बनवाया गया था. वहीं चौराहे पर जो गोल सर्कल बना है, उसे अंग्रेजों ने जिस वस्तुकला से कैसरबाग का निर्माण हुआ था, उसी के अनुसार तैयार करवाया था. इस चौराहे पर 6 सड़कें मिलती हैं. इस चौराहे की खूबसूरती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके चारों तरफ बने भवन नवाबों के काल के आर्किटेक्चर और डिजाइन को दिखाते हैं. हेरिटेज जोन में आने के बाद इस चौराहे को दोबारा से रिनोवेट करने का काम शुरू हुआ था जो अब लगभग पूरा हो चुका है.

हेरिटेज जोन बनाने की जिम्मेदारी फैकेल्टी ऑफ आर्किटेक्चर को मिली : हेरिटेज जोन की जिम्मेदारी प्राविधिक विश्वविद्यालय के घटक संस्थान फैकेल्टी ऑफ आर्किटेक्चर को मिली है. कैसरबाग से लेकर बड़े इमामबाड़ा तक पूरी रोड को हेरिटेज जोन के तौर पर तैयार किया जाना है. इस रोड को "अवध पॉइंट" के तौर पर विकसित किया जा रहा है. इस योजना के तहत पूरे 4 किलोमीटर की रोड पर पड़ने वाले सभी भवनों, प्राइवेट संस्थानों को एक समान रंग और एक स्कल्पचर के तौर पर सजाया जा रहा है. इसी कड़ी में सबसे पहले कैसरबाग चौराहे को उसकी पुराने शान शौकत के अनुसार तैयार किया गया है.

आर्किटेक्टचर कॉलेज की डायरेक्टर प्रोफेसर वंदना सहगल ने बताया कि इस चौराहे पर जितनी भी पुरानी इमारतें हैं, उनकी पुरानी खूबसूरती और डिजाइन का पूरा ध्यान रखा गया है. यह पूरा काम भारतीय पुरातत्व विज्ञान की निगरानी में किया जा रहा है. प्रोफेसर ने बताया कि इस हेरिटेज जोन को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि आने वाले पर्यटक कम समय में पूरे लखनऊ का अनुभव इस सड़क पर घूम कर प्राप्त कर सकें.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में बनेगी UP की पहली ड्रोन चौकी, क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस की तैयारी, इस तरह करेगी काम - UP first drone post in Lucknow

Last Updated : Aug 6, 2024, 9:58 PM IST
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