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मेरठ शहर का होगा कायाकल्प; महापुरुषों और क्रान्तिवीरों के स्थल बनेंगे आकर्षण का केंद्र, जानिए क्या है प्लान? - Meerut News - MEERUT NEWS

मेरठ विकास प्राधिकरण ने शहर को सजाने संवारने के लिए योजना (Meerut Development Authority) तैयार कर ली है. मेरठ में कुल 44 धरोहर स्थलों के कायाकल्प करने की योजना तैयार की गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 5:15 PM IST

जानकारी देते राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी (Video credit: ETV Bharat)

मेरठ : यूपी का मेरठ शहर जिसे 'क्रांतिधरा' के नाम से भी जाना जाता है. अब इस शहर का कायाकल्प होने जा रहा है. अब इस शहर में मेरठ विकास प्राधिकरण की पहल के बाद हेरिटेज वाॅक परियोजना की शुरुआत हो रही है. आइए जानते हैं क्या है पूरा प्लान?


यूपी के मेरठ को कोई पश्चिमी यूपी की सियासत का केंद्र बिंदु कहता है तो कोई इसे क्रांतिधरा, पाण्डवों की राजधानी भी मेरठ के हस्तिनापुर को कहा जाता है. वहीं, रावण की ससुराल और मंदोदरी का मायका भी मेरठ को माना जाता है. यहां के सरधना के ऐतिहासिक चर्च का भी अपना इतिहास रहा है. इस शहर के कायाकल्प की योजना अब तैयार हो गई है. अब इस शहर में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिसके लिए आवश्यक काम की भी शुरुआत हो चुकी है.



मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी अभिषेक पांडेय बताते हैं कि प्राधिकरण ने शहर को सजाने संवारने के लिए योजना तैयार कर ली है. उन्होंने बताया कि राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकान्त बाजपेयी की तरफ से इस बारे में अवगत कराया गया था, जिसके बाद इस सिलसिले में महत्वपूर्ण बैठक हुई और उनके द्वारा दिए गये प्रस्ताव पर मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने पूरी कार्ययोजना बना ली है. पुराना शहर अब अपना ऐतिहासिक महत्व बताते हुए चमकता हुआ दिखाई देगा. मेरठ में कुल 44 विरासत स्थलों के कायाकल्प के लिए कार्य होगा.


राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बताया कि मेरठ क्रांतिधरा कहलाती है, लेकिन यहां पुरानी इमारतें जर्जर हो रही थीं, जो क्रांति के चिन्ह बने थे वे भी धीरे-धीरे धूमिल हो रहे थे, वहीं जो शहर के पुराने हिस्से थे वह भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थे, वह अपना रूप खोते जा रहे थे, जिसके बाद अब पुराने मेरठ में कायाकल्प को लेकर कार्य प्रगति पर है.

उन्होंने बताया कि पुराने शहर में बुढ़ाना गेट क्षेत्र में अमर शहीद मंगल पांडेय की मूर्ति, शहर में अलग स्थानों पर मौजूद दो अशोक की लाट स्थापित हैं जोकि अलग-अलग स्थानों पर हैं जो अपना स्वरूप खो चुकी थीं. इसी प्रकार महात्मा गांधी की मूर्ति, इंदिरा चौक पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मूर्ति, सुभाष चौक पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति, शहर में एक चौराहे पर लगी चंद्रशेखर आजाद और कामरेड मुसद्दीलाल की मूर्ति, शहर का प्रमुख पहचान स्थल घंटाघर और शहर के बुढ़ाना गेट में स्थित घंटाघर समेत सैनिक वाटिका के कायाकल्प का कार्य शुरु हो चुका है.

राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी कहते हैं कि क्रांतिधरा पर क्रान्तिकारियों का स्मरण बना रहे और आने वाली पीढ़ियां भी इनसे प्रेरित होती रहें, इसके लिए यह अति आवश्यक है कि नई पीढ़ी यह जान सके कि देश को आजाद कराने में किन-किन का योगदान था. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि ऐसे सभी स्थानों का कायाकल्प हो.

यह भी पढ़ें : बसपा नेता दारा सिंह प्रजापति की कॉलोनी पर चला बुलडोजर, सोशल मीडिया पर लिखा पोस्ट, मेरठ विकास प्राधिकरण ने की कार्रवाई

यह भी पढ़ें : मेरठ में अब किसान भी होंगे टाउनशिप के पार्टनर, नई स्कीम में मिला मौका

जानकारी देते राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी (Video credit: ETV Bharat)

मेरठ : यूपी का मेरठ शहर जिसे 'क्रांतिधरा' के नाम से भी जाना जाता है. अब इस शहर का कायाकल्प होने जा रहा है. अब इस शहर में मेरठ विकास प्राधिकरण की पहल के बाद हेरिटेज वाॅक परियोजना की शुरुआत हो रही है. आइए जानते हैं क्या है पूरा प्लान?


यूपी के मेरठ को कोई पश्चिमी यूपी की सियासत का केंद्र बिंदु कहता है तो कोई इसे क्रांतिधरा, पाण्डवों की राजधानी भी मेरठ के हस्तिनापुर को कहा जाता है. वहीं, रावण की ससुराल और मंदोदरी का मायका भी मेरठ को माना जाता है. यहां के सरधना के ऐतिहासिक चर्च का भी अपना इतिहास रहा है. इस शहर के कायाकल्प की योजना अब तैयार हो गई है. अब इस शहर में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिसके लिए आवश्यक काम की भी शुरुआत हो चुकी है.



मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी अभिषेक पांडेय बताते हैं कि प्राधिकरण ने शहर को सजाने संवारने के लिए योजना तैयार कर ली है. उन्होंने बताया कि राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकान्त बाजपेयी की तरफ से इस बारे में अवगत कराया गया था, जिसके बाद इस सिलसिले में महत्वपूर्ण बैठक हुई और उनके द्वारा दिए गये प्रस्ताव पर मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने पूरी कार्ययोजना बना ली है. पुराना शहर अब अपना ऐतिहासिक महत्व बताते हुए चमकता हुआ दिखाई देगा. मेरठ में कुल 44 विरासत स्थलों के कायाकल्प के लिए कार्य होगा.


राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बताया कि मेरठ क्रांतिधरा कहलाती है, लेकिन यहां पुरानी इमारतें जर्जर हो रही थीं, जो क्रांति के चिन्ह बने थे वे भी धीरे-धीरे धूमिल हो रहे थे, वहीं जो शहर के पुराने हिस्से थे वह भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थे, वह अपना रूप खोते जा रहे थे, जिसके बाद अब पुराने मेरठ में कायाकल्प को लेकर कार्य प्रगति पर है.

उन्होंने बताया कि पुराने शहर में बुढ़ाना गेट क्षेत्र में अमर शहीद मंगल पांडेय की मूर्ति, शहर में अलग स्थानों पर मौजूद दो अशोक की लाट स्थापित हैं जोकि अलग-अलग स्थानों पर हैं जो अपना स्वरूप खो चुकी थीं. इसी प्रकार महात्मा गांधी की मूर्ति, इंदिरा चौक पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मूर्ति, सुभाष चौक पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति, शहर में एक चौराहे पर लगी चंद्रशेखर आजाद और कामरेड मुसद्दीलाल की मूर्ति, शहर का प्रमुख पहचान स्थल घंटाघर और शहर के बुढ़ाना गेट में स्थित घंटाघर समेत सैनिक वाटिका के कायाकल्प का कार्य शुरु हो चुका है.

राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी कहते हैं कि क्रांतिधरा पर क्रान्तिकारियों का स्मरण बना रहे और आने वाली पीढ़ियां भी इनसे प्रेरित होती रहें, इसके लिए यह अति आवश्यक है कि नई पीढ़ी यह जान सके कि देश को आजाद कराने में किन-किन का योगदान था. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि ऐसे सभी स्थानों का कायाकल्प हो.

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