नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भगवान और पूजा स्थल के नाम पर वोट मांगकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर 26 अप्रैल को सुनवाई करेगा. याचिका में प्रधानमंत्री को छह साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका पर जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी.
याचिका वकील आनंद एस जोंधाले ने दायर की है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है. कहा गया कि नौ अप्रैल को प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में अपने भाषण के दौरान हिंदू और सिख गुरुओं के नाम पर बीजेपी के लिए वोट मांगे और विपक्ष को मुसलमानों से जोड़कर बोला. चुनाव में धर्म का प्रयोग करना जनप्रतिनिधित्व कानून का खुला उल्लंघन है.
याचिका में मांग की गई की प्रधानमंत्री को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जाए. प्रधानमंत्री का भाषण लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में बाधा पैदा कर सकता है. कोर्ट निर्वाचन आयोग को निर्दश दे कि वो प्रधानमंत्री के भाषण पर संज्ञान ले और प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करे. प्रधानमंत्री देशभर में ऐसे भाषण दे रहे हैं, जिससे एक समुदाय के खिलाफ घृणा का माहौल पैदा हो सकता है. निष्पक्ष चुनाव के लिए ऐसे भाषणों पर रोक लगनी चाहिए.
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