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बनभूलपुरा हिंसा: मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के बेटे-भाई की जमानत याचिका पर हुई सुनवाई, HC ने सरकार से मांगा जवाब - Haldwani Banbhoolpura violence

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

Haldwani violence, Banbhoolpura violence, Uttarakhand High Court, Nainital High Court: उत्तराखंड हाईकोर्ट में मंगलवार 24 सितंबर को हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा के आरोपी अब्दुल मोईद और जावेद सिद्दीकी के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने दोनों की डिफॉल्ट बेल पर राज्य सरकार को आपत्ति पेश करने को कहा है.

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हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा (File photo)

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के बेटे अब्दुल मोईद और भाई जावेद सिद्दीकी की डिफॉल्ट अपील में दायर जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने अब्दुल मोईद की डिफॉल्ट बेल पर राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर व जावेद सिद्दीकी की डिफॉल्ट बेल पर सरकार को अंतिम अवसर देते देते हुए दो सप्ताह के भीतर आपत्ति पेश करने को कहा है.

कोर्ट ने मोईद के मामले में 26 अक्टूबर व जावेद के मामले में 13 अक्टूबर की तिथि नियत की है. आज 24 सितंबर मंगलवार को आरोपी पक्ष की तरफ से कहा गया कि कोर्ट ने पहले साफिया मलिक को जमानत दी है. उसके बाद इस केस के जुड़े अन्य 50 आरोपियों को जमानत दी गई है, उसी को आधार मानते हुए उन्हें भी जमानत पर रिहा किया जाये.

आरोपी पक्ष के वकील ने कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने बिना मामले की जांच किए उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 417, 420, 467, 468 और 471 के तहत अभियोग पंजीकृत कर दिया है. महीनों बीत गए, लेकिन पुलिस अभी तक उनका जुर्म साबित करने में नाकाम रही है. जबकि जुर्म होने के 90 दिन के भीतर पुलिस को जुर्म की जांच रिपोर्ट न्यायलय में पेश करना जरूरी है. इस मामले में पुलिस ने अभी तक जांच रिपोर्ट पेश नहीं की. लिहाजा उनको जमानत पर रिहा किया जाये.

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नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के बेटे अब्दुल मोईद और भाई जावेद सिद्दीकी की डिफॉल्ट अपील में दायर जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने अब्दुल मोईद की डिफॉल्ट बेल पर राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर व जावेद सिद्दीकी की डिफॉल्ट बेल पर सरकार को अंतिम अवसर देते देते हुए दो सप्ताह के भीतर आपत्ति पेश करने को कहा है.

कोर्ट ने मोईद के मामले में 26 अक्टूबर व जावेद के मामले में 13 अक्टूबर की तिथि नियत की है. आज 24 सितंबर मंगलवार को आरोपी पक्ष की तरफ से कहा गया कि कोर्ट ने पहले साफिया मलिक को जमानत दी है. उसके बाद इस केस के जुड़े अन्य 50 आरोपियों को जमानत दी गई है, उसी को आधार मानते हुए उन्हें भी जमानत पर रिहा किया जाये.

आरोपी पक्ष के वकील ने कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने बिना मामले की जांच किए उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 417, 420, 467, 468 और 471 के तहत अभियोग पंजीकृत कर दिया है. महीनों बीत गए, लेकिन पुलिस अभी तक उनका जुर्म साबित करने में नाकाम रही है. जबकि जुर्म होने के 90 दिन के भीतर पुलिस को जुर्म की जांच रिपोर्ट न्यायलय में पेश करना जरूरी है. इस मामले में पुलिस ने अभी तक जांच रिपोर्ट पेश नहीं की. लिहाजा उनको जमानत पर रिहा किया जाये.

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