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HC में उपपा की प्रत्याशी किरन आर्य मामले में सुनवाई, कोर्ट ने अल्मोड़ा निर्वाचन अधिकारी को दिए ये निर्देश - Uttarakhand High Court - UTTARAKHAND HIGH COURT

Uttarakhand High Court नैनीताल हाईकोर्ट में आज उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की प्रत्याशी किरन आर्य के खिलाफ दायर याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने सुनवाई की. जिसमें अल्मोड़ा निर्वाचन अधिकारी को 16 अप्रैल की शाम तक किरन आर्य के प्रचार वाहनों को प्रचार करने की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 16, 2024, 8:59 PM IST

Updated : Apr 16, 2024, 9:05 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अल्मोड़ा पिथौरागढ़ संसदीय सीट के निर्वाचन अधिकारी को आदेश दिए हैं कि उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की प्रत्याशी किरन आर्य के आय-व्यय का ब्यौरा सही है, तो उनके प्रचार वाहनों को 16 अप्रैल की शाम तक प्रचार की अनुमति दें. दरअसल निर्वाचन अधिकारी अल्मोड़ा ने लोकसभा चुनाव का खर्च पेश न करने पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की प्रत्याशी किरन आर्य के प्रचार वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी थी. जिससे इस आदेश को किरन आर्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

मामले के अनुसार किरन आर्य ने अपनी याचिका में कहा है कि वे अल्मोड़ा पिथौरागढ़ संसदीय सीट से एकमात्र महिला प्रत्याशी हैं और वह दूरस्थ क्षेत्रों में प्रचार में व्यस्त थी. चुनाव आयोग की ओर से आय-व्यय का ब्यौरा देने के नोटिस देने के जबाव में वे 12 और 13 अप्रैल को निर्वाचन कार्यालय गई थी. साथ ही उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड को भी प्रत्यावेदन दिया, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने सभी प्रचार वाहनों पर रोक लगाते हुए उनके वाहनों को प्रचार की अनुमति नहीं दी है, जबकि इसी तरह का एक अन्य नोटिस बसपा प्रत्याशी को दिया गया, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर/ जिलाधकारी द्वारा उनके प्रचार वाहनों पर रोक नहीं लगाई. रिटर्निंग ऑफिसर का यह एक भेदभाव रवैया है, क्योंकि वे प्रदेश में उभरती हुई पार्टी की उम्मीदवार हैं.

बता दें कि इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट में ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा मामले में दायर तीन जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई. जिसमें खंडपीठ ने राज्य सरकार को हरिद्वार में ज्ञान गोदड़ी स्थापित करने के लिए जगह चिन्हित करने के आदेश दिए हैं.

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मामले के अनुसार किरन आर्य ने अपनी याचिका में कहा है कि वे अल्मोड़ा पिथौरागढ़ संसदीय सीट से एकमात्र महिला प्रत्याशी हैं और वह दूरस्थ क्षेत्रों में प्रचार में व्यस्त थी. चुनाव आयोग की ओर से आय-व्यय का ब्यौरा देने के नोटिस देने के जबाव में वे 12 और 13 अप्रैल को निर्वाचन कार्यालय गई थी. साथ ही उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड को भी प्रत्यावेदन दिया, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने सभी प्रचार वाहनों पर रोक लगाते हुए उनके वाहनों को प्रचार की अनुमति नहीं दी है, जबकि इसी तरह का एक अन्य नोटिस बसपा प्रत्याशी को दिया गया, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर/ जिलाधकारी द्वारा उनके प्रचार वाहनों पर रोक नहीं लगाई. रिटर्निंग ऑफिसर का यह एक भेदभाव रवैया है, क्योंकि वे प्रदेश में उभरती हुई पार्टी की उम्मीदवार हैं.

बता दें कि इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट में ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा मामले में दायर तीन जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई. जिसमें खंडपीठ ने राज्य सरकार को हरिद्वार में ज्ञान गोदड़ी स्थापित करने के लिए जगह चिन्हित करने के आदेश दिए हैं.

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Last Updated : Apr 16, 2024, 9:05 PM IST
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