नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी मामले की सुनवाई करेंगे. इससे पहले तीन अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की तरफ से कहा गया था कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है, ऐसे में वे डिफॉल्ट जमानत के हकदार हैं. सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वकील ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है जो अधूरे तथ्यों पर आधारित है. अधूरे तथ्यों के आधार पर संज्ञान लेना कानून सम्मत नहीं है. कोर्ट ने सत्येंद्र जैन के वकील को इस मामले में लिखित दलीलें दाखिल करने की अनुमति दी थी.
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से कहा गया था कि हाल ही में हाईकोर्ट ने इस मामले में दो सह-आरोपियों की डिफॉल्ट जमानत खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने ये माना था कि आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट अधूरी है, ऐसे में आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत पाने का हक नहीं है. ऐसे में आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत पाने का हक नहीं है. ईडी ने कहा था कि सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट में अभी लंबित है.
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ये हैं मामले में आरोपी: बता दें कि सत्येंद्र जैन पर यह आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई, जिसमें अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया गया है. गौरतलब है कि ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 में गिरफ्तार किया था. 27 जुलाई, 2022 को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह आरोपियों और चार कंपनियों को आरोपी बनाया था.
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