शिमला: हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की समीक्षा की. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने इस योजना के तहत अनाथ एवं निराश्रित बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है. इस योजना के तहत योजना बाल देखभाल संस्थानों के 1084 बच्चों को 2.15 करोड़ रुपये दिए गए हैं. वहीं, इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में राज्य में 2718 अनाथ बच्चों को ₹4.38 करोड़ वितरित किए गए हैं.
बैठक के दौरान धनीराम शांडिल ने कहा राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है. ताकि वे सम्मानजनक जीवन यापन कर सकें और विकास में महिलाओं का एकसमान सहयोग सुनिश्चित किया जा सके.वहीं, मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनाथ एवं निराश्रित बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है. इन बच्चों को सर्वोत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध करवाने के साथ ही उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण सहित अन्य उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.
उन्होंने कहा इस योजना के तहत सामाजिक सुरक्षा के लिए बाल देखभाल संस्थानों के 1084 बच्चों को 2 करोड़ 15 लाख 37 हजार रुपये वितरित किए गए हैं. इसके अतिरिक्त इस वित्तीय वर्ष में राज्य में 2718 अनाथ बच्चों को 4 करोड़ 34 लाख 88 हजार रुपये वितरित किए गए हैं. इस योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों के 1084 बच्चों को 5 हजार रुपये प्रति बच्चे की दर से वस्त्र भत्ते के लिए 54 लाख 20 हजार रुपये और उत्सव भत्ते के रूप में 59 लाख 81 हजार 500 रुपये प्रदान किए गए हैं.
उन्होंने कहा बाल देखभाल संस्थानों के इन बच्चों को पुस्तकों, लेखन सामग्री सहित अन्य सुविधाओं के लिए 32 लाख 52 हजार रुपये और पोषक आहार के लिए भी इतनी ही राशि प्रदान की गई है. इसके अलावा इन संस्थानों के मेधावी छात्रों को 30 लैपटॉप भी वितरित किए गए हैं. उन्होंने कहा 48 लाभार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए 28 लाख 30 हजार 707 रुपये तथा 17 लाभार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए 26 लाख 95 हजार 994 रुपये वितरित किए गए हैं.
डॉ. शांडिल ने कहा प्रदेश में मातृ-शिशु देखभाल सुविधाएं सुनिश्चित करते हुए नवजात शिशुओं और धात्री महिलाओं को पोषक आहार, टीकाकरण, समुचित एवं समयबद्ध स्वास्थ्य देखभाल सहित अन्य सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं. इसको लेकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अनुकूूल वातावरण एवं समुचित सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं. राज्य सरकार इसके लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध करा रही है.
बैठक में बेटी है अनमोल योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, मदर-टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना, महिलाओं को स्वरोजगार में सहायता योजना, विधवा पुनर्विवाह योजना, वात्सल्य अभियान, सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0, शक्ति अभियान सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं की भी समीक्षा की गई.
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