हाथरस : सत्संग के दौरान हादसे को लेकर प्रशासन की ओर से कोई पुख्ता स्पष्टीकरण अभी तक नहीं आया है. हालांकि मौके पर मौजूद लोगों को हवाला देकर पुलिस प्रशासन महिलाओं के भोले बाबा के निकलने पर उनके पैर छूने को होड़ में हादसा होने की वजह बता रहा है. बहरहाल प्रशासनिक अधिकारी असल वजह जाांच के बाद ही बताने को कह रहे हैं. बता दें, एडीजी जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ की मंडलाायुक्त चैत्र वी. को मामले की जांच सौंप गई है.
एडीजी जोन अनुप कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उन्होंने कुछ महिलाओं से अनौपचारिक बातचीत की थी. महिलाओं का कहना था कि बाबा उनके संत हैं. उनके पैर छूने के लिए महिलाएं आगे बढ़ रही थीं, लेकिन रास्ते में कुछ पानी भरा था. इसके चलते कुछ महिलाएं फिसल कर गिर गईं. इसके बाद दूसरी महिलाएं धक्कामुक्की करते हुए आगे बढ़ीं तो एक दूसरे पर गिरने लगीं. इसी दौरान भगदड़ भी मच गई. एडीजी ने कहा कि यह जांच का विषय है. ऐसे हादसों में पुलिस प्रशासन द्वारा कार्रवाई निश्चित है वह की जा रही है.
80 हजार की परमिशन पर जुटे थे दो लाख लोग !
क्या 80 हजार लोगों के जुटने की परमिशन पर करीब 2 लाख लोगों के इकट्ठा होने की खबर पुलिस व खुफिया विभाग ने अपने अला अधिकारियों को दी थी. क्या तादाद से अधिक लोगों का इक्कठा होना ही हादसे की मुख्य वजह बानी. यह कुछ सवाल हैं जिनके जवाब लोग जरूर जानना चाहेंगे.
सिंकदरामऊ के रतिभानपुर मुगल गढ़ी में भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुए हादसे को लेकर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी यह तो स्वीकार कर रहे हैं कि कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एसडीएम की परमिशन थी और वहां सुरक्षा के इंतजाम भी थे. हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार तथा आगरा जोन की एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ दोनों ने लगभग यही बात कही है. हादसे के संबंध में दोनों ही अधिकारियों ने यह माना है कि हादसे की वजह प्रथमदृष्टया भगदड़ है.
दरअसल प्रशासनिक स्तर पर चूक तो जरूर हुई है. एडीजी जोन की मानें तो कार्यक्रम में लगभग डेढ़ से 2 लाख लोग इकट्ठा थे. अब यह कोई स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि क्या इतने बड़े जलसे के लिए परमिशन ली गई थी. यदि कम लोग दिखाकर ज्यादा लोग इकट्ठा किया जा रहे थे तो लोकल इंटेलिजेंस क्या कर रही थी. हादसे के बाद मौके पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी का कहना है कि जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.