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हाथरस सत्संग भगदड़; भोले बाबा की महिला अनुयायी बोलीं, पहली बार देखा ऐसा मंजर...कांप गई रूह - Hathras Satsang Stampede

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 11:15 AM IST

सत्संग के बाद प्रभु के निकलते ही वहां उपस्थित भाई-बहन भागने लगे. ऐसी भगदड़ मची कि, दर्दनाक हादसा हो गया. 20 साल में पहली बार ऐसा मंजर देखा है, जिससे रूह कांप गई. गनीमत ये रही कि, हमारे साथ गए 150 से अधिक लोग सुरक्षित हैं.

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महिला मायादेवी ने घटना के बारे में बताया. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

आगरा: हाथरस में सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में मंगलवार दोपहर नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में ऐसी भगदड़ मची कि, 121 लोगों से अधिक की जान चली गई. सैकड़ों ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने मौत का मंजर देखा. जिनमें शाहगंज के केदार नगर निवासी मायादेवी भी शामिल हैं.

मायादेवी 20 साल से भोले बाबा की अनुयायी हैं और उनके हर सत्संग में जाती है. उन्होंने बताया कि, सत्संग के बाद प्रभु के निकलते ही वहां उपस्थित भाई-बहन भागने लगे. ऐसी भगदड़ मची कि, दर्दनाक हादसा हो गया. 20 साल में पहली बार ऐसा मंजर देखा है, जिससे रूह कांप गई. गनीमत ये रही कि, हमारे साथ गए 150 से अधिक लोग सुरक्षित हैं.

ये भी पढ़ेंः कौन हैं संत भोले बाबा; जिनके सत्संग में मची भगदड़, क्यों छोड़ी थी यूपी पुलिस की नौकरी

मायादेवी ने बताया कि, मैं 20 साल से प्रभु से जुड़ी हुई हूं. परिवार बेहद पेरशान था. तभी सत्संग में आने वाले लोगों को देखकर मैं भी पास वाली गली में स्थित बाबा की कुटिया में आयोजित सत्संग में जाने लगी. मेरी परेशानी दूर हुई तो मेरा भोले बाबा पर विश्वास हो गया. तभी से भोले बाबा के सत्संग में जा रही हूं.

मैं मंगलवार को हाथरस जिले के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में भी गई थी. केदार नगर से ही तीन बसों से 150 से अधिक महिला और पुरुष गए थे. जिसमें से सभी सुरक्षित हैं. आगरा आ गए हैं.

ये भी पढ़ेंः हाथरस सत्संग भगदड़; CM Yogi डीजीपी से बोले, फरार भोले बाबा को तलाश कर गिरफ्तार करें

माया देवी ने बताया कि, मंगलवार सुबह 10 बजे बस में आगरा से सत्संग स्थल पर पहुंच गईं थीं. सत्संग में लाखों अनुयायी थे. हर बार की तरह मैं और मेरे साथ गए भाई बहन ने जल सेवा की. हम जल सेवा की ड्यूटी में थे.

माया देवी बताती हैं कि, मंगलवार दोपहर करीब एक बजे प्रभु सत्संग स्थल से निकले. फिर आरती हुई. इसी दौरान वहां प्रभु के दर्शन के लिए लोग भागने लगे. हम बस में पहुंच गई थी. सभी खाना खा रहे थे. तभी चीख पुकार मची. बस से देखा कि, भगदड़ मची हुई है. लोग दब गए हैं. ये देखकर मैं भी हैरान रह गई. गनीमत ये रही कि, तीन बसों से 150 से अधिक लोग गए, वे सुरक्षित लौट आए.

ये भी पढ़ेंः हाथरस सत्संग भगदड़; मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंची, प्रशासन ने 116 मृतकों की सूची जारी की

हर बार क्यों मचती है भगदड़: भोले बाबा के सत्संग में हर बार भगदड़ मचती है. इस बारे में मीरा देवी बताती हैं कि, ये पहली बार नहीं हुआ है. हर बार और हर जगह सत्संग में ऐसा ही होता है. सत्संग में आरती के बाद जैसे ही प्रभु निकलते हैं. उन्हें देखने या उनके पैरों की धूल लेने के लिए लोग भागते हैं. जिससे ही भगदड़ मचती है. खूब धक्का-मुक्की होती है. मगर, हर बार प्रभु के सत्संग स्थल पर तैनात उनकी टीम ये संभाल लेती है. मंगलवार को स्थिति गंभीर हो गई.

ये भी पढ़ेंः हाथरस सत्संग भगदड़; आगरा में हाथरस से भी बड़े दो सत्संग होने थे, प्रशासन ने दोनों आयोजन की अनुमति निरस्त की

आगरा: हाथरस में सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में मंगलवार दोपहर नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में ऐसी भगदड़ मची कि, 121 लोगों से अधिक की जान चली गई. सैकड़ों ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने मौत का मंजर देखा. जिनमें शाहगंज के केदार नगर निवासी मायादेवी भी शामिल हैं.

मायादेवी 20 साल से भोले बाबा की अनुयायी हैं और उनके हर सत्संग में जाती है. उन्होंने बताया कि, सत्संग के बाद प्रभु के निकलते ही वहां उपस्थित भाई-बहन भागने लगे. ऐसी भगदड़ मची कि, दर्दनाक हादसा हो गया. 20 साल में पहली बार ऐसा मंजर देखा है, जिससे रूह कांप गई. गनीमत ये रही कि, हमारे साथ गए 150 से अधिक लोग सुरक्षित हैं.

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मायादेवी ने बताया कि, मैं 20 साल से प्रभु से जुड़ी हुई हूं. परिवार बेहद पेरशान था. तभी सत्संग में आने वाले लोगों को देखकर मैं भी पास वाली गली में स्थित बाबा की कुटिया में आयोजित सत्संग में जाने लगी. मेरी परेशानी दूर हुई तो मेरा भोले बाबा पर विश्वास हो गया. तभी से भोले बाबा के सत्संग में जा रही हूं.

मैं मंगलवार को हाथरस जिले के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में भी गई थी. केदार नगर से ही तीन बसों से 150 से अधिक महिला और पुरुष गए थे. जिसमें से सभी सुरक्षित हैं. आगरा आ गए हैं.

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माया देवी ने बताया कि, मंगलवार सुबह 10 बजे बस में आगरा से सत्संग स्थल पर पहुंच गईं थीं. सत्संग में लाखों अनुयायी थे. हर बार की तरह मैं और मेरे साथ गए भाई बहन ने जल सेवा की. हम जल सेवा की ड्यूटी में थे.

माया देवी बताती हैं कि, मंगलवार दोपहर करीब एक बजे प्रभु सत्संग स्थल से निकले. फिर आरती हुई. इसी दौरान वहां प्रभु के दर्शन के लिए लोग भागने लगे. हम बस में पहुंच गई थी. सभी खाना खा रहे थे. तभी चीख पुकार मची. बस से देखा कि, भगदड़ मची हुई है. लोग दब गए हैं. ये देखकर मैं भी हैरान रह गई. गनीमत ये रही कि, तीन बसों से 150 से अधिक लोग गए, वे सुरक्षित लौट आए.

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हर बार क्यों मचती है भगदड़: भोले बाबा के सत्संग में हर बार भगदड़ मचती है. इस बारे में मीरा देवी बताती हैं कि, ये पहली बार नहीं हुआ है. हर बार और हर जगह सत्संग में ऐसा ही होता है. सत्संग में आरती के बाद जैसे ही प्रभु निकलते हैं. उन्हें देखने या उनके पैरों की धूल लेने के लिए लोग भागते हैं. जिससे ही भगदड़ मचती है. खूब धक्का-मुक्की होती है. मगर, हर बार प्रभु के सत्संग स्थल पर तैनात उनकी टीम ये संभाल लेती है. मंगलवार को स्थिति गंभीर हो गई.

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