रोहतक: प्रदेश भर के रोडवेज कर्मचारी कई जिलों में इलेक्ट्रिक एसी बस चलाने के विरोध में खुलकर सामने आ रहे हैं. इन रोडवेज कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है. साथ ही रोडवेज बेड़े में सरकारी बस शामिल करने की मांग की है. रोहतक में हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन की गुरुवार को राज्य कार्यकारिणी की बैठक हुई. बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई.
8 मार्च को रोहतक में होगा राज्य स्तरीय सम्मेलन: मीटिंग में प्रमुख तौर पर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र, विनोद और प्रदेश महासचिव सुमेर सिवाच मौजूद रहे. मीटिंग में यह भी तय हुआ कि 24 मार्च को ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के आहृान पर दिल्ली में संसद कूच कार्यक्रम में भी रोडवेज कर्मचारी भाग लेने के लिए जाएंगे. इससे पहले 8 मार्च को रोहतक में हरियाणा रोडवेज सांझा मोर्चा की राज्य स्तरीय सम्मेलन होगी.
ये है यूनियन की मांगे: हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र दिनोद ने प्रदेश सरकार की पॉलिसी पर सवाल खड़ा किया. साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार और परिवहन मंत्री से अपील की कि रोडवेज के बेड़े में प्राइवेट किलोमीटर स्कीम की बजाय सरकारी बस शामिल की जाए. साथ ही निजीकरण की नीतियों को बंद किया जाए. यूनियन ने प्रदेश के कई जिलों में निजीकरण के आधार पर इलेक्ट्रिक बस चलाने के निर्णय को रद्द करने की भी मांग की.
आंदोलन की चेतावनी: यूनियन ने बताया कि इलेक्ट्रिक बस 62 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से चलाने का निर्णय है, जबकि एक इलेक्ट्रिक बस के बदले 6 साधारण बसें आती है. साथ ही सरकारी बस चलने पर युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अपनी नीति में परिवर्तन नहीं किया तो रोडवेज कर्मचारी आंदोलन को मजबूर होंगे.
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