पानीपत: लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान जल्द होने वाला है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपना दमखम दिखाने में जुटी हुई है. हरियाणा की राजनीति में हुए बड़े बदलाव के बाद प्रदेश के 10 लोकसभा सीट में से करनाल लोकसभा सीट पर सभी प्रदेशवासियों की निगाहें टिकी हुई हैं. पूर्व सीएम मनोहर लाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया था. अब भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें करनाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. लेकिन कांग्रेस ने करनाल लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी का नाम फाइनल नहीं किया है. करनाल लोकसभा सीट पंजाबी समुदाय की बाहुल्य वोट बैंक मानी जाती है. ऐसे में मनोहर लाल को इस लोकसभा चुनाव में पंजाबी वोट बैंक का बड़ा सहयोग मिल सकता है.
मनोहर लाल करनाल से बीजेपी उम्मीदवार: मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पंजाबी वोट बैंक नाराज जरूर हुआ था, लेकिन लोकसभा सीट पर मनोहर लाल का ऐलान होने के बाद पंजाबी वोट बैंक फिर से बीजेपी की तरफ रुख कर गया है. ऐसे में भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए मजबूत उम्मीदवार मनोहर लाल के सामने कांग्रेस पार्टी से राज बब्बर का नाम सामने आ रहा है. पंजाबी वोट बैंक का ध्रुवीकरण करने के लिए करनाल लोकसभा से राज बब्बर को चुनावी मैदान में उतर जा सकता है.
कांग्रेस का उम्मीदवार कौन?: दूसरा नाम बीजेपी से रोहतक लोकसभा से अरविंद शर्मा का भी नाम सामने आ रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि रोहतक से भाजपा ने अरविंद शर्मा का टिकट काट दिया है. चर्चा है कि यदि बीजेपी अरविंद शर्मा का टिकट काटती है, तो अरविंद शर्मा कांग्रेस में शामिल होकर करनाल लोकसभा से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं. करनाल लोकसभा सीट पर अरविंद शर्मा कांग्रेस पार्टी से ही लोकसभा चुनाव को दो बार जीत चुके हैं.
इन नामों पर चर्चा तेज: वहीं, तीसरा नाम कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य का सामने आ रहा है और कांग्रेस पार्टी से ही चौथा नाम राजेश शर्मा जोकि रोहतक के रहने वाले हैं. फिलहाल दिल्ली में रहते हैं. राजेश शर्मा का परिवार कांग्रेस का कार्यकर्ता है. राजेश शर्मा के पिता संत लाल शर्मा के राजीव गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक अच्छे संबंध बताए जाते हैं.
सुषमा स्वराज को मिली हार: करनाल लोक सभा पर भाजपा की दिग्गज नेत्री सुषमा स्वराज को कांग्रेस के चिरंजी लाल शर्मा ने हराया था. पिछले चुनाव में मोदी लहर पर सवार भाटिया ने एकतरफा जीत दर्ज की. 1999 के चुनाव में भजन लाल की दोबारा जीत का सपना भाजपा के आइडी स्वामी ने तोड़ दिया था. इसका पुरस्कार उन्हें तत्कालीन वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनने के रूप में मिला.
करनाल लोकसभा सीट का इतिहास: आपको बता दें कि 1952 और 1957 में करनाल लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. जिसमें दो सांसद चुने गए थे, इसमें एक अनुसूचित जाति के सांसद चुने गए थे. वहीं, 1962 में जनसंघ पार्टी से रामेश्वर नंद ने कांग्रेस पार्टी के वीरेंद्र कुमार को हराया था. 1967 और 1971 में कांग्रेस पार्टी के माधव राम शर्मा ने जन संघ के रामेश्वर नंद को हराया था. 1977 में भारतीय लोकल पार्टी के भगवत दयाल ने कांग्रेस पार्टी के जगदीश प्रसाद को हराया था.
2019 में बीजेपी की बड़ी जीत: करनाल लोकसभा सीट से 1980,84,89 मैं चिरंजी लाल शर्मा ने सुषमा स्वराज को हराया था. 1998 में कांग्रेस पार्टी के भजनलाल ने भाजपा पार्टी के आईडी स्वामी को करनाल लोकसभा से हराया था. 1996 और 1991 में भाजपा पार्टी के आईडी स्वामी ने कांग्रेस पार्टी के चिरंजी लाल व भजनलाल को हराया था. 2004 और 2009 में कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार अरविंद शर्मा ने भाजपा के आईडी स्वामी व बीएसपी पार्टी से वीरेंद्र मराठा को हराया था. वहीं, 2014 में भाजपा पार्टी के उम्मीदवार अश्विनी चोपड़ा ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अरविंद शर्मा को पटकनी दी थी. जबकि 2019 में भाजपा पार्टी से उम्मीदवार संजय भाटिया ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप शर्मा को 6 लाख 56 हजार 142 वोट से हराया था. यह देश की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी जीत थी.
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