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करनाल में स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस सर्विस को इलाज की दरकार, 5 वर्षो में 3 लाख किमी दौड़ने के बाद हांफ रही है गाडियां - Karnal Ambulance Service

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 29, 2024, 2:52 PM IST

Karnal Ambulance Service: करनाल जिले में दौड़ रही स्वास्थ्य विभाग एम्बुलेंस तय लिमिट से ज्यादा का चल चुकी है. जबकि ज्यादातर एंबुलेंस चलने की हालत में नहीं है. जिसके चलते हमें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जहां सरकार स्वास्थ्य विभाग में सभी प्रकार के इंतजाम की बात करती है, तो वहीं धरातल पर कुछ और ही दिखाई दे रहा है.

Karnal Ambulance Service
Karnal Ambulance Service (ETV BHARAT)
Karnal Ambulance Service (ETV BHARAT)

करनाल: हरियाणा सरकार स्वास्थ्य विभाग में अच्छी सेवाएं देने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है. सरकार दावे भी कर रही है कि हम प्रत्येक जिले में किसी भी प्रकार से मरीज के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है. किसी को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी. करनाल जिले में दौड़ रही स्वास्थ्य विभाग एम्बुलेंस तय लिमिट से ज्यादा का चल चुकी है.

करनाल में दौड़ रही हैं पुरानी एंबुलेंस: नियमानुसार एम्बुलेंस गाड़ी पांच साल या 3 लाख किलोमीटर तक इस्तेमाल की जा सकती है. जबकि करनाल जिले में 19 गाड़ियां पांच वर्ष से अधिक पुरानी है और तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी हैं. बावजूद इसके ये गाड़ियां सड़कों पर दौड़ाई जा रही है. एम्बुलेंस चालक ने बताया कि गाड़ियां ज्यादा पुरानी हो चुकी है. जिस वजह से अक्सर खराबी आती है और ब्रेक डाउन होता है. रिपेयरिंग के लिए भेजी जाती है. लेकिन सामान नहीं मिलने के कारण देरी होती है.

हर महीने करीब 3000 कॉल होती है रिसीव: जिला स्वास्थ्य विभाग प्रबंधक गोपाल शर्मा ने बताया कि जिले की 24 पीएचसी, 3 सिविल हॉस्पिटल, 5 सीएचसी और 1 सब डिवीजन अस्पताल में 29 एम्बुलेंस तैनात की गई है. ये सभी गाडियां डायल 112 से कनेक्ट है और हर महीने करीब 3000 कॉल रिसीव होती है. विभाग के पास उपलब्ध 10 गाड़ियां 2018 मॉडल, 9 गाड़ियां 2019 मॉडल, 7 गाड़ियां 2021 मॉडल, 1 गाड़ी 2023 मॉडल और 2 एम्बुलेंस 2024 मॉडल की है.

एंबुलेंस संचालन में दिक्कत: वर्ष 2018 और 2019 मॉडल की एंबुलेंस गाड़ियां तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी है. शर्मा ने बताया कि जिले में एम्बुलेंस ड्राइवर के कुल 91 पद है. जिनमे से 28 पद खाली है, वहीं इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन की 54 पोस्ट है लेकिन 17 पद रिक्त है. स्टाफ की कमी के कारण एंबुलेंस संचालन में दिक्कत होती है.

धरातल पर सरकार के दावे फेल: एंबुलेंस पर ड्राइवर की नौकरी करने वाले ड्राइवर ने बताया यहां पर ज्यादातर एंबुलेंस चलने की हालत में नहीं है. जिसके चलते हमें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जहां सरकार स्वास्थ्य विभाग में सभी प्रकार के इंतजाम की बात करती है, तो वहीं धरातल पर कुछ और ही दिखाई दे रहा है. इसी से आप अनुमान लगा सकते हैं कि जब मुख्यमंत्री के गृह जिले करनाल में इस प्रकार की हालत है तो प्रदेश के अन्य जिलों में क्या स्थिति होगी.

ये भी पढ़ें: सोनीपत में डेयरी संचालक की गोली मारकर हत्या, कार में मिला शव - Dairy operator murdered in Sonipat

ये भी पढ़ें: शेयर मार्केट के नाम पर लाखों रुपये की ठगी के 6 आरोपी गिरफ्तार, 1.55 लाख रुपये बरामद

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करनाल: हरियाणा सरकार स्वास्थ्य विभाग में अच्छी सेवाएं देने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है. सरकार दावे भी कर रही है कि हम प्रत्येक जिले में किसी भी प्रकार से मरीज के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है. किसी को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी. करनाल जिले में दौड़ रही स्वास्थ्य विभाग एम्बुलेंस तय लिमिट से ज्यादा का चल चुकी है.

करनाल में दौड़ रही हैं पुरानी एंबुलेंस: नियमानुसार एम्बुलेंस गाड़ी पांच साल या 3 लाख किलोमीटर तक इस्तेमाल की जा सकती है. जबकि करनाल जिले में 19 गाड़ियां पांच वर्ष से अधिक पुरानी है और तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी हैं. बावजूद इसके ये गाड़ियां सड़कों पर दौड़ाई जा रही है. एम्बुलेंस चालक ने बताया कि गाड़ियां ज्यादा पुरानी हो चुकी है. जिस वजह से अक्सर खराबी आती है और ब्रेक डाउन होता है. रिपेयरिंग के लिए भेजी जाती है. लेकिन सामान नहीं मिलने के कारण देरी होती है.

हर महीने करीब 3000 कॉल होती है रिसीव: जिला स्वास्थ्य विभाग प्रबंधक गोपाल शर्मा ने बताया कि जिले की 24 पीएचसी, 3 सिविल हॉस्पिटल, 5 सीएचसी और 1 सब डिवीजन अस्पताल में 29 एम्बुलेंस तैनात की गई है. ये सभी गाडियां डायल 112 से कनेक्ट है और हर महीने करीब 3000 कॉल रिसीव होती है. विभाग के पास उपलब्ध 10 गाड़ियां 2018 मॉडल, 9 गाड़ियां 2019 मॉडल, 7 गाड़ियां 2021 मॉडल, 1 गाड़ी 2023 मॉडल और 2 एम्बुलेंस 2024 मॉडल की है.

एंबुलेंस संचालन में दिक्कत: वर्ष 2018 और 2019 मॉडल की एंबुलेंस गाड़ियां तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी है. शर्मा ने बताया कि जिले में एम्बुलेंस ड्राइवर के कुल 91 पद है. जिनमे से 28 पद खाली है, वहीं इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन की 54 पोस्ट है लेकिन 17 पद रिक्त है. स्टाफ की कमी के कारण एंबुलेंस संचालन में दिक्कत होती है.

धरातल पर सरकार के दावे फेल: एंबुलेंस पर ड्राइवर की नौकरी करने वाले ड्राइवर ने बताया यहां पर ज्यादातर एंबुलेंस चलने की हालत में नहीं है. जिसके चलते हमें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जहां सरकार स्वास्थ्य विभाग में सभी प्रकार के इंतजाम की बात करती है, तो वहीं धरातल पर कुछ और ही दिखाई दे रहा है. इसी से आप अनुमान लगा सकते हैं कि जब मुख्यमंत्री के गृह जिले करनाल में इस प्रकार की हालत है तो प्रदेश के अन्य जिलों में क्या स्थिति होगी.

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