कैथल: हरियाणा सहकारिता घोटाले में आए दिन एक से बढ़कर एक खुलासे हो रहे हैं. कैथल नई अनाजमंडी में को-ऑपरेटिव मार्केटिंग कम प्रोसेसिंग सोसायटी में भी 14 युवाओं को फर्जी तरीके से नौकरी पर लगाए जाने का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इन युवाओं में से किसी को क्लर्क तो किसी को हेल्पर के पद पर रखा गया. साठ गांठ के चलते 28 दिसंबर तक सभी कर्मचारियों ने सोसायटी में ज्वाइनिंग भी कर ली थी. इसमें हैफेड डीएम से लेकर मैनेजर और अन्य सदस्यों पर सांठगांठ कर फर्जी भर्ती करने के आरोप लगे हैं.
फर्जी तरीके से भर्ती सामने आने के बाद लोगों ने सीएम विंडो से लेकर राज्यमंत्री कमलेश ढांडा को भी इसकी शिकायत की गई. ऐसे में 11 जनवरी को राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने हैफेड के एमडी. को पत्र लिखा. पत्र में मंत्री ने बताया है कि हैफेड डीएम सुरेश वैद्य और मैनेजर शिशनपाल ने नियमों को ताक पर रखकर गलत तरीके से 14 युवाओं को भर्ती किया है. उन्होंने पत्र में दोनों अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने की सिफारिश की थी. फिलहाल एक महीना बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
हैफेड डीएम पर दस्तावेजों से छेड़छाड़ का आरोप: सोसायटी मैनेजर शिशनपाल ने डीएम हैफेड सुरेश वैद्य पर गंभीर आरोप लगाया है. सोसायटी मैनेजर शिशनपाल ने आरोप लगाया है कि डीएम ने छुट्टी वाले दिन सोसायटी कार्यालय में आकर समिति की निदेशक मंडल मीटिंग की प्रोसिंडिंग बुक के साथ गलत तरीके से छेड़छाड़ कर उसमें बदलाव करने के आरोप लगाए हैं. इसको लेकर 19 जनवरी 2024 को डीएम हैफेड सुरेश वैद्य को एक लिखित में पत्र भी भेजा था. इसमें लिखा था कि बैठक वाले दिन आपकी तरफ से भर्ती को लेकर कोई भी आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई थी, लेकिन 17 जनवरी को छुट्टी वाले दिन ऑफिस में आकर कर्मचारियों पर अपने पद का दबाव बनाते हुए प्रोसीडिंग बुक में पिछली तारीखों में भर्ती पर असहमति दर्ज कर अपने साइन किए. मीटिंग वाले दिन अलग- अलग पेन के साथ ही हस्ताक्षर किए हैं. इससे साफ है कि प्रोसिडिंग बुक में गलत तरीके से छेड़छाड़ की गई है
ऐसे ही हुआ खुलासा: बता दें कि 22 दिसंबर 2023 को समिति निदेशक मंडल की एक मीटिंग की गई. जिसमें एजेंडा रखा गया कि मार्केटिंग सोसायटी में जिले के विभिन्न स्थानों में फसल खरीद के लिए सहायक लेखाकार,स्टोर कीपर, क्लर्क, विक्रेता, सेवादार और चौकीदार पदों के लिए 14 युवाओं की नियुक्ति करनी है. इस पर सदस्यों के साथ साथ हैफेड डीएम सुरेश वैध, तत्कालीन एआर जितेंद्र कौशिक, सोसायटी मैनेजर शिशनपाल सहित सभी ने हस्ताक्षर करके प्रस्ताव पास किया था. इसमें निरीक्षक इंचार्ज निदेशक शमशेर सिंह ने साइन नहीं किए थे. फर्जी तरीके से इस भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दे दिया गया और मीटिंग के 6 दिन बाद 28 दिसंबर को सभी कर्मचारियों की ज्वाइनिंग भी करा दी गई थी. जब निरीक्षण शमशेर सिंह ने इसका विरोध किया और लोगों द्वारा भी इसकी शिकायत की गई और तो राज्यमंत्री ने भी मुख्यालय के मुख्य अधिकारियों को इसकी शिकायत लिखी और अधिकारियों ने आनन फानन में भर्ती प्रक्रिया पर बाद में अपनी असहमति जताई और भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की बात कही गई.
इन युवाओं को अलग-अलग पदों पर किया गया था भर्ती: जानकारी के मुताबिक 22 दिसंबर 2023 को समिति निदेशक मंडल की मीटिंग में जिले के विभिन्न स्थानों पर फसल खरीद के लिए 14 युवाओं को नौकरी पर रखा गया था. इसमें सूरज किरण, नितिश, विक्रम, मुकेश रानी, हेमंत, रविंद्र, यश, नवीन, शुभम, दीपक, पवन, पूजा रानी, राहुल और मीना के नाम पर सहमति जताई थी.
क्या कहते हैं मार्केटिंग कमेटी को ऑपरेटिव के प्रबंधक निदेशक?: मार्केटिंग कमेटी कोऑपरेटिव हैफेड पंचकूला के प्रबंधक निदेशक जे. गणेशन ने कहा 'राज्य मंत्री की तरफ से भर्ती में अनियमितता को लेकर एक शिकायत मिली थी. इसको लेकर जांच की जा रही है. जांच होने के बाद ही कुछ कहा जाएगा. यदि किसी ने गलत काम किया है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.'
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई- कमलेश ढांडा: वहीं, इस मामले में हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा 'लोगों द्वारा मुझे शिकायत मिली थी कि कैथल नई अनाज मंडी में बनी को- ऑपरेटिव मार्केटिंग कम प्रोसेसिंग सोसायटी में हैफेड डीएम सुरेश वैद्य और सोसायटी मैनेजर शिशपालन ने गलत तरीके से 14 युवाओं की भर्ती की है. इसके बाद मैंने हैफेड और कोऑपरेटिव प्रबंधक निदेशक को दोनों अधिकारियों को सस्पेंड करने की सिफारिश की थी. इसकी जांच मुख्यालय लेवल पर की जा रही है. उम्मीद है कि जल्द ही विभाग की तरफ से एक्शन होगा.'
क्या कहते हैं कैथल डीएम हैफेड सुरेश वैद्य?: हैफेड डीएम सुरेश वैद्य ने कहा कि मंडल की बैठक वाले दिन वह प्रोसीडिंग बुक में अपनी अटेंडेंस लगाकर किसी कार्य के लिए बाहर चला गया था. जब उसने शाम को वापस आकर देखा तो प्रोसीडिंग बुक में 14 युवाओं को नौकरी पर रखने के लिए लिखा गया था. उसने उसी समय भर्ती प्रक्रिया पर असहमति जताई दी थी.
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