कैथल: हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने कैथल में पत्रकारों से बात करते हुए कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान बैठकर बातचीत करने से ही निकलता है. वहीं लोकसभा चुनाव के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सभी लोकसभा क्षेत्र में खोले गये चुनाव कार्यालयों में काम हो रहा है. कार्यकर्ता पूरे उत्साह के साथ सरकार की नीतियों का प्रचार प्रसार कर रहे हैं.
बेहतर होगा बजट: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने कहा कि बीजेपी ने अभी तक जितने बजट पेश किए हैं, उसने देश को ऊंचाई तक पहुंचाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा का आने वाला बजट सबका साथ सबका विश्वास के तहत हरियाणा के लोगों को जनकल्याणकारी नीतियों की सौगात देने वाला होगा. आज मनोहर लाल की सरकार में बिना खर्ची बिना पर्ची नौकरियां मिल रही है. चिरायु योजना के माध्यम से मुफ्त इलाज मिल रहा है. गरीब लोगों को पक्का छत मुहैया करवाने का काम मनोहर सरकार कर रही है. सरकार हरियाणा प्रदेश को नई पहचान देने का काम कर रही है जिससे प्रदेश नए आयाम स्थापित कर रहा है.
बातचीत से होगा समाधान: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि आंदोलन से आम पब्लिक को दिक्कत होती है. आंदोलन करना, सड़कों को जाम करने से समाधान नही निकलता." उन्होंने कहा कि "55 साल के कांग्रेस कार्यकाल में कृषि बजट केवल 25 हजार करोड़ रुपए था, जो मात्र 10 साल के कार्यकाल में बढकर 1लाख 25 हजार करोड़ रुपए हो गया है जो किसानों की खुशहाली किसानों के विकास और कृषि जगत के लिए नई सौगात देने का काम कर रहा है. जो लोग किसानों के नाम पर सिर्फ 25 हजार करोड़ रुपए देते थे वह क्या किसानों का भला करते थे".
कांग्रेस पर निशाना: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने कहा कि "जो लोग आंदोलन कर रहे हैं, वह किसान नहीं है. कांग्रेस पार्टी आंदोलन करने के लिए उन्हें उकसा रही है. केंद्र और प्रदेश में 10 साल कांग्रेस की सरकार रही. कांग्रेस श्वेत पत्र जारी कर बताए कि उसने इन 10 सालों में किसानों के लिए क्या काम किया है. स्वामीनाथन आयोग पर एमएसपी तय करने के लिए कमेटी बनाई गई थी, जिसके भूपेंद्र सिंह हुड्डा अध्यक्ष थे. 10 साल हरियाणा में सरकार रहने के बाद भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कभी एमएसपी के लिए कोई भी काम नहीं किया. हुड्डा ने एमएसपी लागू करने की कमेटी का अध्यक्ष रहते हुए कभी सिफारिश तक नहीं की".
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