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हरियाणा बीजेपी को जल्द मिलेगा नया अध्यक्ष, जानें दौड़ में कौन आगे, संगठन में भी फेरबदल संभव - Haryana BJP New President - HARYANA BJP NEW PRESIDENT

Haryana BJP New President: हरियाणा में जल्द ही बीजेपी का मेकओवर हो सकता है. हरियाणा में जहां पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है, वहीं संगठन के स्तर पर भी फेरबदल देखने को मिल सकते हैं.

Haryana BJP New President
Haryana BJP New President (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 7, 2024, 6:45 AM IST

चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन चौकाने वाला रहा. हरियाणा में पांच सीट हारने के बाद पार्टी में बैठकों और मंथन का दौर जारी है. मुख्यमंत्री नायब सैनी पार्टी के नेताओं के साथ हार की वजहों पर मंथन कर चुके हैं. शुक्रवार को दिल्ली में सीएम नायब सैनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हार का मंथन करेंगे. मुख्यमंत्री नायब सैनी अभी हरियाणा में अध्यक्ष की भूमिका में भी काम कर रहे हैं.

बीजेपी संगठन में बदलाव संभव: अब लोकसभा चुनाव के बाद अगले कुछ महीनों में हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में हरियाणा में जल्द ही पार्टी का मेकओवर हो सकता है. हरियाणा में जहां पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है, वहीं संगठन के स्तर पर भी फेरबदल देखने को मिल सकते हैं. हरियाणा में विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी नए प्रदेश अध्यक्ष को जातीय समीकरणों के हिसाब से भी नियुक्त कर सकती है.

जातीय समीकरण को साधने की कोशिश: लोकसभा चुनाव में बीजेपी उन विधानसभा सीटों पर ज्यादा पिछड़ी है, जहां पर जाट मतदाता ज्यादा है. ऐसे में बीजेपी डैमेज कंट्रोल के लिए किसी जाट चेहरे को प्रदेश का अध्यक्ष बना सकती है. इस वक्त चार चेहरे बीजेपी अध्यक्ष पद के दौर में है. इनमें पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और सुभाष बराला बड़े जाट नेता हैं.

ये नेता अध्यक्ष पद की दौड़ में: अगर बीजेपी किसी जाट नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी, तो ये तीनों उस दौड़ में सबसे आगे दिखाई देते हैं. वहीं अगर पंजाबी वोट बैंक को साधने के लिए किसी को कमान दी गई, तो उसमें करनाल से सांसद रहे संजय भाटिया और मनीष ग्रोवर को भी मौका मिल सकता है. इसके साथ ही संगठन में भी पार्टी बड़े स्तर पर फेरबदल कर सकती है. जिसमें लोकसभा चुनावों की परफॉर्मेंस को देखते हुए जिला अध्यक्षों के चेहरे भी बदल सकती है.

वहीं संगठन के ढांचे में विधानसभा चुनाव से पहले सभी सियासी समीकरणों को ध्यान में रखकर काम कर सकती है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पार्टी जल्द ही किसी नए चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त कर सकती है. ताकि विधानसभा चुनाव के लिए संगठन अपनी सक्रियता को तेज कर सके.

ये भी पढ़ें- राव इंद्रजीत का सनसनीखेज बयान- बीजेपी वर्कर्स शहरों तक ही सीमित रहे, अगर देहात के अंदर हमारे खुद के वर्कर नहीं होते, तो ये इलेक्शन मैं हार गया था - Rao Indrajit On Bjp

ये भी पढ़ें- किसान संगठन बोले- कंगना रनौत को सही जवाब मिला, अगर Cisf जवान पर कठोर कार्रवाई हुई तो लेंगे बड़ा फैसला - Farmers Organization On Kangana Slap

चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन चौकाने वाला रहा. हरियाणा में पांच सीट हारने के बाद पार्टी में बैठकों और मंथन का दौर जारी है. मुख्यमंत्री नायब सैनी पार्टी के नेताओं के साथ हार की वजहों पर मंथन कर चुके हैं. शुक्रवार को दिल्ली में सीएम नायब सैनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हार का मंथन करेंगे. मुख्यमंत्री नायब सैनी अभी हरियाणा में अध्यक्ष की भूमिका में भी काम कर रहे हैं.

बीजेपी संगठन में बदलाव संभव: अब लोकसभा चुनाव के बाद अगले कुछ महीनों में हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में हरियाणा में जल्द ही पार्टी का मेकओवर हो सकता है. हरियाणा में जहां पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है, वहीं संगठन के स्तर पर भी फेरबदल देखने को मिल सकते हैं. हरियाणा में विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी नए प्रदेश अध्यक्ष को जातीय समीकरणों के हिसाब से भी नियुक्त कर सकती है.

जातीय समीकरण को साधने की कोशिश: लोकसभा चुनाव में बीजेपी उन विधानसभा सीटों पर ज्यादा पिछड़ी है, जहां पर जाट मतदाता ज्यादा है. ऐसे में बीजेपी डैमेज कंट्रोल के लिए किसी जाट चेहरे को प्रदेश का अध्यक्ष बना सकती है. इस वक्त चार चेहरे बीजेपी अध्यक्ष पद के दौर में है. इनमें पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और सुभाष बराला बड़े जाट नेता हैं.

ये नेता अध्यक्ष पद की दौड़ में: अगर बीजेपी किसी जाट नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी, तो ये तीनों उस दौड़ में सबसे आगे दिखाई देते हैं. वहीं अगर पंजाबी वोट बैंक को साधने के लिए किसी को कमान दी गई, तो उसमें करनाल से सांसद रहे संजय भाटिया और मनीष ग्रोवर को भी मौका मिल सकता है. इसके साथ ही संगठन में भी पार्टी बड़े स्तर पर फेरबदल कर सकती है. जिसमें लोकसभा चुनावों की परफॉर्मेंस को देखते हुए जिला अध्यक्षों के चेहरे भी बदल सकती है.

वहीं संगठन के ढांचे में विधानसभा चुनाव से पहले सभी सियासी समीकरणों को ध्यान में रखकर काम कर सकती है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पार्टी जल्द ही किसी नए चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त कर सकती है. ताकि विधानसभा चुनाव के लिए संगठन अपनी सक्रियता को तेज कर सके.

ये भी पढ़ें- राव इंद्रजीत का सनसनीखेज बयान- बीजेपी वर्कर्स शहरों तक ही सीमित रहे, अगर देहात के अंदर हमारे खुद के वर्कर नहीं होते, तो ये इलेक्शन मैं हार गया था - Rao Indrajit On Bjp

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