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हरियाणा विधानसभा चुनाव में नौ पार्टियों के महागठबंधन का कितना पड़ेगा असर, जानें राजनीतिक विश्लेषकों की राय - Haryana Assembly Elections - HARYANA ASSEMBLY ELECTIONS

Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल कुछ दिन में बजने वाला है. लेकिन उसके पहले छोटी बड़ी सभी पार्टियां अपनी संभावनाएं तलाश रही है. हरियाणा के बड़े ओबीसी नेता राजकुमार सैनी ने भी नौ दलों का हरियाणा महागठबंधन बनाया है. आखिर इसका कितना प्रभाव आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है, आइए समझते हैं.

हरियाणा विधानसभा चुनाव
हरियाणा विधानसभा चुनाव (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 9, 2024, 1:17 PM IST

कुरुक्षेत्र: विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने सभी प्रकार के प्रयास शुरू कर दिए हैं ताकि जनता के बीच में जाकर वह ज्यादा से ज्यादा वोट प्राप्त कर सके. इसी क्रम में हरियाणा में ओबीसी समाज के बड़े चेहरे राजकुमार सैनी के द्वारा विभिन्न पार्टियों का महागठबंधन का निर्माण किया गया था.

महागठबंधन में शामिल पार्टी: बीजेपी छोड़ने के बाद राजकुमार साहनी ने अपनी खुद की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी बनायी थी. अब उसी के नेतृत्व में महागठबंधन हरियाणा का गठन किया गया है. इस महागठबंधन में लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी, भारतीय वीर दल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रवादी परिवर्तन पार्टी, सर्वजन लोकशक्ति पार्टी, लिबरल सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय जनराज पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शामिल है.

इन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगा महागठबंधन: राजकुमार सैनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनके मुख्य एजेंडे यह होंगे. जातिगत जनगणना अनुसार 100% आरक्षण जनसंख्या के अनुपात में, एक परिवार एक रोजगार, मनरेगा को किसान व मजदूर से जोड़ना, नौकरी मिलने तक 10000 रुपये महीना बेरोजगारी भत्ता, विधवा महिला, विकलांग, वृद्धा को 5000 रुपये पेंशन, हरियाणा में RWA एक्ट बनाएंगे और जो संविधान में अधिकार दिए गए हैं उनकी पूर्ण प्राप्ति शोषित वंचित समाज को हो, मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की जिम्मेदारी होगी.

नायब सैनी हैं भाजपा के ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपने दाव पेंच लगाने शुरू कर दिए हैं. भारतीय जनता पार्टी के द्वारा कुछ समय पहले ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया गया था जहां पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाकर कुरुक्षेत्र सांसद नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. राजनीतिक जानकारों का यह मानना था कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ही भारतीय जनता पार्टी के द्वारा मुख्यमंत्री को बदला गया है. लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी पांच सीट ही जीत पाई. हालांकि मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सैनी ने कई बड़ी सौगात दी है, और अब मौजूदा स्थिति से ऐसा लग रहा है कि लोकसभा चुनाव से माहौल बदल गया है और आने वाले समय में इसका और भी प्रभाव पड़ सकता है.
महागठबंधन से बीजेपी की ओबीसी वोट पर कितना पड़ेगा प्रभाव: वरिष्ठ पत्रकार विनोद के अनुसार "राजकुमार सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में महागठबंधन किया गया है और राजकुमार सैनी हरियाणा में अपने आप को एक बड़ा ओबीसी नेता के रूप में देखते हैं. शुरुआती समय में जब उन्होंने पार्टी बनाई थी तब उनका प्रभाव अच्छा था लेकिन अब धीरे-धीरे उनका प्रभाव खत्म हो गया है. मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सैनी ओबीसी समाज का बड़ा चेहरा बन कर उभरे हैं. अगर ओबीसी समाज की वोट बैंक की बात करें तो राजकुमार सैनी भी ओबीसी समाज का प्रतिनिधि करते हैं लेकिन मुख्यमंत्री के द्वारा अब ओबीसी समाज सहित हरियाणा में बड़ा उलटफेर कर दिया गया है. उन्होंने बहुत सी योजनाएं हरियाणा के लोगों को दी है और हरियाणा के लिए जहां वह मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं तो वहीं ओबीसी समाज के एक बड़ा नेता के रूप में भी सामने आए हैं. जिसके चलते अब ऐसा मालूम हो रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में राजकुमार सैनी या महागठबंधन का भारतीय जनता पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं होगा.".

महागठबंधन का दूसरी पार्टियों पर क्या रहेगा प्रभाव: वरिष्ठ पत्रकार विनोद बताते हैं किर "हरियाणा में महागठबंधन किया गया है लेकिन कुछ ऐसी पार्टियों है जिसको लोग जानते भी नहीं है. हालांकि राजकुमार सैनी हरियाणा का एक बड़ा नाम रहे हैं कुरुक्षेत्र से सांसद रहे हैं लेकिन जो अन्य पार्टियों के द्वारा गठबंधन किया गया है उसमें बहुत सी पार्टी के बारे में लोग जानते भी नहीं हैं इसलिए कांग्रेस या अन्य किसी पार्टी पर भी इस महागठबंधन का कोई खास असर नहीं होगा."

विधानसभा चुनाव बीजेपी वर्सेस कांग्रेस: वरिष्ठ पत्रकार विनोद के अनुसार "राजकुमार सैनी के द्वारा महागठबंधन जरूर कर लिया गया है लेकिन इस महागठबंधन का आगामी विधानसभा चुनाव में कुछ खास प्रभाव नहीं होगा. आने वाला चुनाव हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच में लड़ा जा रहा है. मुख्य तौर पर यही पार्टी सरकार बनाने के लिए आगे आएंगे और ज्यादा सीट भी इनकी होगी. महागठबंधन का इन दोनों पार्टियों पर कोई भी असर नहीं होगा. लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को कितनी वोट मिलती है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में महागठबंधन, 9 राजनीतिक दल एक साथ लड़ेंगे हरियाणा विधानसभा चुनाव - political party Alliance in Haryana

ये भी पढ़ें: हरियाणा के चुनावी मैदान में महागठबंधन की कांग्रेस- बीजेपी को चुनौती, जीत के लिए बनायी रणनीति - Mahagathbandhan in Haryana

कुरुक्षेत्र: विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने सभी प्रकार के प्रयास शुरू कर दिए हैं ताकि जनता के बीच में जाकर वह ज्यादा से ज्यादा वोट प्राप्त कर सके. इसी क्रम में हरियाणा में ओबीसी समाज के बड़े चेहरे राजकुमार सैनी के द्वारा विभिन्न पार्टियों का महागठबंधन का निर्माण किया गया था.

महागठबंधन में शामिल पार्टी: बीजेपी छोड़ने के बाद राजकुमार साहनी ने अपनी खुद की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी बनायी थी. अब उसी के नेतृत्व में महागठबंधन हरियाणा का गठन किया गया है. इस महागठबंधन में लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी, भारतीय वीर दल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रवादी परिवर्तन पार्टी, सर्वजन लोकशक्ति पार्टी, लिबरल सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय जनराज पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शामिल है.

इन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगा महागठबंधन: राजकुमार सैनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनके मुख्य एजेंडे यह होंगे. जातिगत जनगणना अनुसार 100% आरक्षण जनसंख्या के अनुपात में, एक परिवार एक रोजगार, मनरेगा को किसान व मजदूर से जोड़ना, नौकरी मिलने तक 10000 रुपये महीना बेरोजगारी भत्ता, विधवा महिला, विकलांग, वृद्धा को 5000 रुपये पेंशन, हरियाणा में RWA एक्ट बनाएंगे और जो संविधान में अधिकार दिए गए हैं उनकी पूर्ण प्राप्ति शोषित वंचित समाज को हो, मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की जिम्मेदारी होगी.

नायब सैनी हैं भाजपा के ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपने दाव पेंच लगाने शुरू कर दिए हैं. भारतीय जनता पार्टी के द्वारा कुछ समय पहले ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया गया था जहां पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाकर कुरुक्षेत्र सांसद नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. राजनीतिक जानकारों का यह मानना था कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ही भारतीय जनता पार्टी के द्वारा मुख्यमंत्री को बदला गया है. लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी पांच सीट ही जीत पाई. हालांकि मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सैनी ने कई बड़ी सौगात दी है, और अब मौजूदा स्थिति से ऐसा लग रहा है कि लोकसभा चुनाव से माहौल बदल गया है और आने वाले समय में इसका और भी प्रभाव पड़ सकता है.
महागठबंधन से बीजेपी की ओबीसी वोट पर कितना पड़ेगा प्रभाव: वरिष्ठ पत्रकार विनोद के अनुसार "राजकुमार सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में महागठबंधन किया गया है और राजकुमार सैनी हरियाणा में अपने आप को एक बड़ा ओबीसी नेता के रूप में देखते हैं. शुरुआती समय में जब उन्होंने पार्टी बनाई थी तब उनका प्रभाव अच्छा था लेकिन अब धीरे-धीरे उनका प्रभाव खत्म हो गया है. मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सैनी ओबीसी समाज का बड़ा चेहरा बन कर उभरे हैं. अगर ओबीसी समाज की वोट बैंक की बात करें तो राजकुमार सैनी भी ओबीसी समाज का प्रतिनिधि करते हैं लेकिन मुख्यमंत्री के द्वारा अब ओबीसी समाज सहित हरियाणा में बड़ा उलटफेर कर दिया गया है. उन्होंने बहुत सी योजनाएं हरियाणा के लोगों को दी है और हरियाणा के लिए जहां वह मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं तो वहीं ओबीसी समाज के एक बड़ा नेता के रूप में भी सामने आए हैं. जिसके चलते अब ऐसा मालूम हो रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में राजकुमार सैनी या महागठबंधन का भारतीय जनता पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं होगा.".

महागठबंधन का दूसरी पार्टियों पर क्या रहेगा प्रभाव: वरिष्ठ पत्रकार विनोद बताते हैं किर "हरियाणा में महागठबंधन किया गया है लेकिन कुछ ऐसी पार्टियों है जिसको लोग जानते भी नहीं है. हालांकि राजकुमार सैनी हरियाणा का एक बड़ा नाम रहे हैं कुरुक्षेत्र से सांसद रहे हैं लेकिन जो अन्य पार्टियों के द्वारा गठबंधन किया गया है उसमें बहुत सी पार्टी के बारे में लोग जानते भी नहीं हैं इसलिए कांग्रेस या अन्य किसी पार्टी पर भी इस महागठबंधन का कोई खास असर नहीं होगा."

विधानसभा चुनाव बीजेपी वर्सेस कांग्रेस: वरिष्ठ पत्रकार विनोद के अनुसार "राजकुमार सैनी के द्वारा महागठबंधन जरूर कर लिया गया है लेकिन इस महागठबंधन का आगामी विधानसभा चुनाव में कुछ खास प्रभाव नहीं होगा. आने वाला चुनाव हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच में लड़ा जा रहा है. मुख्य तौर पर यही पार्टी सरकार बनाने के लिए आगे आएंगे और ज्यादा सीट भी इनकी होगी. महागठबंधन का इन दोनों पार्टियों पर कोई भी असर नहीं होगा. लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को कितनी वोट मिलती है.

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