चंडीगढ़: बीजेपी हरियाणा की सत्ता में लगातार तीसरी बार आने के लिए पूरा दम लगा रही है. फिर चाहे बात सीएम के दिल्ली दौरों की है, या सरकार की तरफ से लिए जा रहे फैसलों की हो. इसी कड़ी में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे को भी देखा जा सकता है.
16 जनवरी को फिर आएंगे अमित शाह: हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत बीजेपी के लिए कितनी अहम है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय गृह मंत्री और राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह 29 जून के बाद 16 जुलाई को महेंद्रगढ़ दौरे पर आ रहे हैं. बड़ी बात यह है कि यह कार्यक्रम अहीरवाल क्षेत्र में हो रहा है, जो बीजेपी के लिए जीटी रोड बेल्ट की तरह हरियाणा की सत्ता में तीसरी बार जीतने के लिए अहम है. वहीं इस कार्यक्रम के जरिए अमित शाह अहीरवाल क्षेत्र यानी दक्षिण हरियाणा को साधने की पूरी कोशिश करेंगे.
क्या है अमित शाह का कार्यक्रम?: अमित शाह का महेंद्रगढ़ मैं होने वाला कार्यक्रम भी खास है. इसको लेकर हरियाणा बीजेपी के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली कहते हैं कि "देश के गृह मंत्री अमित शाह 16 जुलाई को महेंद्रगढ़ की ऐतिहासिक भूमि पर आ रहे हैं, जहां पर ओबीसी मोर्चे की तरफ से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में हमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का मार्गदर्शन मिलेगा. इस कार्यक्रम में सीएम के साथ साथ भारत सरकार और हरियाणा सरकार के मंत्री और सभी सांसद भी मौजूद रहेंगे. चुनावी वक्त में यह भव्य आयोजन हो रहा है".
चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी दौरे पर: 10 जुलाई को हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी हरियाणा दौरे पर हैं. इस दौरान जींद जिला के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद चंडीगढ़ आयेंगे. जहां वे देर शाम मुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. इस बारे में बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि धर्मेंद्र प्रधान जींद जिले के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद चंडीगढ़ आयेंगे. यहां भी उनकी बैठक रहेगी.
बीजेपी ने तेज की राजनीतिक गतिविधियां: चुनाव नजदीक हैं ऐसे में बीजेपी लोकसभा चुनाव में पार्टी को हुए नुकसान की भरपाई के लिए पूरा जोर लगा रही है. इसके लिए केंद्रीय नेताओं के दौरे भी तेजी से हो रहे हैं. बीजेपी जानती है कि इस बार उसका विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस से होना है. इसलिए बीजेपी अपने हर दांव उसके मुताबिक चल रही है. फिर चाहे बात आठ फीसद वोट बैंक वाले ब्रह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हो या फिर ओबीसी समाज पर पार्टी का फोकस यह बताता है कि पार्टी इस चुनाव को सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है.