पंचकूला: हरियाणा प्रदेश की सभी आशा वर्कर्स ने शुक्रवार को राज्य स्तर पर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा ने जिला पंचकूला समेत अन्य सभी जिलों में बीजेपी विधायकों के आवास का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान आशा वर्कर्स ने प्रदेश सरकार के सामने ना केवल अपनी मांगें रखी, बल्कि उन्हें जल्द लागू किए जाने की मांग की.
आशा वर्कर्स यूनियन की प्रधान सुरेखा, कोषाध्यक्ष अनीता और महासचिव सुनीता के निर्देशों पर जिला पंचकूला में सीटू जिला प्रधान रमा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा और वरिष्ठ प्रधान रणधीर राघव के नेतृत्व में आशा वर्कर्स ने भारी विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की. हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष एवं विधायक ज्ञानचंद गुप्ता आज शहर से बाहर थे. नतीजतन सभी आशा वर्कर एकसाथ शहर के मेयर कुलभूषण गोयल के कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपनी सभी मांगों के संबंध में मेयर कुलभूषण गोयल को ज्ञापन सौंपा.
आशा वर्कर की प्रमुख मांगें:
- समझौते के अनुसार हड़ताल के दौरान आशा वर्कर्स को फिक्स 4 हजार रुपए दिए जाएं.
- आशा वर्कर को योग्यता के आधार पर पदोन्नति और सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा में पांच नंबर की छूट दी जाए.
- आशा पे-एप और गाइडलाइन में सुधार करते हुए दूसरे जिले में होने वाली डिलीवरी का लाभ तुरंत दिलवाया जाए.
- आशा वर्कर के डेथ क्लेम को बढ़ाने समेत उनके लिए बैंक लोन और कुछ अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाए.
- आशा की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष की जाए.
- आशा फैसिलिटेटर विजिट की प्रोत्साहन राशि बढ़ाई जाए और रिपोर्टिंग की प्रोत्साहन राशि दी जाए.
- आशाओं के ड्रेस के पैसे बढ़ाए जाएं और धुलाई भत्ता भी दिया जाए.
- रेवाड़ी में हटाई गई आशाओं को वापस नौकरी पर लिया जाए.
यूनियन के 5 सदस्यीय राज्य स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन उनके स्टाफ ने प्रतिनिधि मंडल को स्वास्थ्य मंत्री के साथ 4 मार्च को बातचीत का भरोसा दिया गया है. आशा वर्कर्स यूनियन ने प्रदेश सरकार को चेताया गया है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले 7 मार्च को दोबारा राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
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