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भिवानी पहुंचे कृषि मंत्री का बयान, बोले-पराली प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर की सब्सिडी पर सरकार का मंथन जारी - STUBBLE MANAGEMENT SUBSIDY

हरियाणा सरकार पराली प्रबंधन में इस्तेमाल हो रहे ट्रैक्टर पर सब्सिडी देने पर विचार कर रही है.

Haryana Agriculture Minister Shyam Singh Rana
Haryana Agriculture Minister Shyam Singh Rana (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 30, 2024, 7:27 PM IST

Updated : Nov 30, 2024, 8:14 PM IST

भिवानी: हरियाणा के प्रदूषण की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने पराली प्रबंधन को लेकर सख्त नियम बनाए हैं. ताकि किसान पराली को जलाए न और न ही पर्यावरण प्रदूषण फैल सके. जिसके चलते कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि पराली प्रबंधन को लेकर हरियाणा राज्य अग्रणीय राज्यों में है. पराली के प्रबंधन को लेकर एक लाख 882 मशीनें लगाई गई है. जिसका असर भी देखने को मिल रहा है.

'ट्रैक्टरों पर सब्सिडी का विचार कर रही सरकार': उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सुपर सीडर व अन्य पराली प्रबंधन की मशीनों के साथ ही पराली प्रबंधन के लिए उपयोग होने वाले ट्रैक्टरों पर भी सब्सिडी देने पर भी कृषि विभाग विचार कर रहा है. यह बात उन्होंने भिवानी में राजपूत प्रतिनिधि सभा द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित किया.

Haryana Agriculture Minister Shyam Singh Rana (Etv Bharat)

'डीएपी खाद की नहीं कमी': इस मौके पर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि इन दिनों गेहूं, सरसों व चना की बुवाई का कार्य चल रहा है. तथा रबी सीजन की अधिकत्तर बुवाई का कार्य पूरा भी हो चुका है. डीएपी की समस्या अब प्रदेश में नहीं रही. डीएपी का आयात विदेशों से होता है. डीएपी साउथ अफ्रीका से भारत में मंगवाया जाता है. जिसमें शिप, ट्रेन, लेबर संबंधी समस्याएं आती रही है. ऐसे में हमें कुछ प्रबंधन संबंधी समस्याओं का सामना जरूर करना पड़ा. हालांकि कृषि मंत्री ने कहा कि यूरिया का उत्पादन भारत देश में होता है. तथा इसकी कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी.

'पराली प्रबंधन का किसानों को फायदा': पराली प्रबंधन पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि जिन किसानों ने पेडी या जीरी की फसल बुवाई की है. उन्हे पराली जलाने की बजाए अपने खेतों में ही खाद के रूप में प्रयोग करनी चाहिए. इससे ना केवल खाद की बचत होगी, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी. पशुपालन मंत्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशु मेले का आयोजन करवाया जाएगा. जल्द ही तारीख व स्थान का निर्णय लिया जाएगा. हरियाणा प्रदेश साहीवाल, जर्सी, मुर्राह व ग्रीन नस्ल की दुधारू पशुओं के लिए जाना जाता है. तथा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार बेहतरीन कदम उठा रही हैं.

बच्चों को किया गया सम्मानित: इस मौके पर राजपूत प्रतिनिधि सभा द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में 500 के लगभग प्रतिभावान छात्र-छात्राओं, खेल व अन्य क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाने वाले युवाओं को कृषि मंत्री के हाथों नगद राशि व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया. सम्मान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से ना केवल उनका प्रोत्साहन बढ़ा है. बल्कि भविष्य में वे अपने क्षेत्र व राज्य का नाम ऊंचा करने के लिए मेहनत से कार्य करने के लिए प्रेरित हुए हैं.

ये भी पढ़ें: Stubble Burning Data: दिल्ली, एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर जोरदार सियासी घमासान, क्या कहते हैं पराली जलाने के आंकड़े ?

ये भी पढ़ें: पराली को लेकर हरियाणा सरकार गंभीर, पंजाब में बरती जा रही लापरवाही: मनोहर लाल

भिवानी: हरियाणा के प्रदूषण की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने पराली प्रबंधन को लेकर सख्त नियम बनाए हैं. ताकि किसान पराली को जलाए न और न ही पर्यावरण प्रदूषण फैल सके. जिसके चलते कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि पराली प्रबंधन को लेकर हरियाणा राज्य अग्रणीय राज्यों में है. पराली के प्रबंधन को लेकर एक लाख 882 मशीनें लगाई गई है. जिसका असर भी देखने को मिल रहा है.

'ट्रैक्टरों पर सब्सिडी का विचार कर रही सरकार': उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सुपर सीडर व अन्य पराली प्रबंधन की मशीनों के साथ ही पराली प्रबंधन के लिए उपयोग होने वाले ट्रैक्टरों पर भी सब्सिडी देने पर भी कृषि विभाग विचार कर रहा है. यह बात उन्होंने भिवानी में राजपूत प्रतिनिधि सभा द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित किया.

Haryana Agriculture Minister Shyam Singh Rana (Etv Bharat)

'डीएपी खाद की नहीं कमी': इस मौके पर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि इन दिनों गेहूं, सरसों व चना की बुवाई का कार्य चल रहा है. तथा रबी सीजन की अधिकत्तर बुवाई का कार्य पूरा भी हो चुका है. डीएपी की समस्या अब प्रदेश में नहीं रही. डीएपी का आयात विदेशों से होता है. डीएपी साउथ अफ्रीका से भारत में मंगवाया जाता है. जिसमें शिप, ट्रेन, लेबर संबंधी समस्याएं आती रही है. ऐसे में हमें कुछ प्रबंधन संबंधी समस्याओं का सामना जरूर करना पड़ा. हालांकि कृषि मंत्री ने कहा कि यूरिया का उत्पादन भारत देश में होता है. तथा इसकी कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी.

'पराली प्रबंधन का किसानों को फायदा': पराली प्रबंधन पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि जिन किसानों ने पेडी या जीरी की फसल बुवाई की है. उन्हे पराली जलाने की बजाए अपने खेतों में ही खाद के रूप में प्रयोग करनी चाहिए. इससे ना केवल खाद की बचत होगी, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी. पशुपालन मंत्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशु मेले का आयोजन करवाया जाएगा. जल्द ही तारीख व स्थान का निर्णय लिया जाएगा. हरियाणा प्रदेश साहीवाल, जर्सी, मुर्राह व ग्रीन नस्ल की दुधारू पशुओं के लिए जाना जाता है. तथा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार बेहतरीन कदम उठा रही हैं.

बच्चों को किया गया सम्मानित: इस मौके पर राजपूत प्रतिनिधि सभा द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में 500 के लगभग प्रतिभावान छात्र-छात्राओं, खेल व अन्य क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाने वाले युवाओं को कृषि मंत्री के हाथों नगद राशि व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया. सम्मान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से ना केवल उनका प्रोत्साहन बढ़ा है. बल्कि भविष्य में वे अपने क्षेत्र व राज्य का नाम ऊंचा करने के लिए मेहनत से कार्य करने के लिए प्रेरित हुए हैं.

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Last Updated : Nov 30, 2024, 8:14 PM IST
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