शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहल करते बिजली के सभी मीटरों पर सब्सिडी छोड़ने का निर्णय लेने के साथ आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से भी बिजली पर सब्सिडी छोड़ने की अपील की है. इसे लेकर अब राजनीतिक दलों की भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में सुक्खू सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मीडिया से बात करते हुए सरकार का पक्ष रखा है.
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि, 'प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में साधन संपन्न लोगों से बिजली सब्सिडी छोड़ने की अपील मुख्यमंत्री की मजबूरी है. प्रदेश आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है. प्रदेश की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि मुफ्त में रेवड़ियां बांटी जा सकें. इसलिए समर्थ लोगों से बिजली सब्सिडी छोड़ने की अपील की गई है. वहीं मंत्रिमंडल, विधायक समेत अधिकारी भी बिजली सब्सिडी छोड़ रहे हैं. इस विषय पर राजनीतिक दलों को विचार करना चाहिए.'
वहीं हिमाचल में स्क्रैप नीति पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि, 'सरकार जल्द ही प्रदेश में स्क्रैप नीति लागू करने जा रही है. इसको लेकर नीति अंतिम चरण में है. प्रदेश में फिलहाल स्क्रैप को लेकर अपनी कोई पॉलिसी नहीं है. इसको लेकर संबंधित अधिकारियों और स्टेकहोल्डर से बात चल रही है. स्क्रैप की नीलामी और बेस प्राइस तय करने के लिए भी नीति बनाने के आदेश विभाग को दिए गए हैं. '
वहीं, खनन के मामलों पर हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि, 'प्रदेश सरकार खनन को रोकने के लिए कार्य कर रही है. प्रदेश में 13 वर्षों के बाद खनन नीति बदली गई है. अवैध खनन पर नकेल कसने के लिए सरकार ने 7 यूनिट प्रति टन से घटाकर 5 यूनिट प्रति टन सीमा तय की है. वहीं, जल्द ही हिमाचल में खनन से होने वाली आय दोगुनी करने को लेकर सरकार प्रयास कर रही है.'
जयराम पर भी प्रहार
हर्षवर्धन चौहान ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, जयराम ठाकुर सत्ता से बाहर होने के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी के सपने देख रहे हैं. प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को 5 साल के लिए जनमत दिया है. वहीं, प्रदेश में विधानसभा की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी जनता ने कांग्रेस की नीतियों पर भरोसा जताते हुए 6 विधायकों को चुनकर भेजा है. ऐसे में भाजपा को सत्ता हासिल करने का षड्यंत्र नाकाम हुआ है.