लक्सर: गैरसैंण में आयोजित विधानसभा के मानसून सत्र में विधायकों के वेतन भत्तों की बढ़ोत्तरी से जुड़ा विधेयक पास किया गया. कई विधायक सरकार के फैसले से सहमत हैं तो कई विधायक जनहित में इस बात का समर्थन नहीं कर रहे हैं. खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा ने सरकार द्वारा बढ़ाए गए वेतन और भत्ते को गरीब और जरूरतमंद लोगों पर खर्च करने का फैसला लिया है. इस वेतन और भत्तों को वो गरीब बच्चों की पढ़ाई लिखाई, गरीब कन्याओं के विवाह और उनके खाने-पीने में खर्च करेंगे.
खानपुर विधायक उमेश कुमार शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पर पहले से ही करोड़ों रुपए का कर्ज है. इस कर्ज के ब्याज को चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है. ऐसी स्थिति में सरकार ने विधायकों के वेतन और भत्ते बढ़ाने का जो फैसला लिया है, वह जनहित में नहीं है. इसलिए वो जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बढ़े हुए वेतन और भत्ते को गरीब लोगों में खर्च करेंगे. उमेश कुमार द्वारा विधायकों के बढ़ाए वेतन भत्ते को गरीब बच्चों की पढ़ाई लिखाई और उनके खाने-पीने में खर्च करेंगे. गरीब और निर्धन कन्याओं का विवाह भी इसी पैसे से किया जाएगा.
बता दें कि अभी तक विधायकों को वेतन भत्ते के रूप में प्रतिमाह लगभग 2.90 लाख रुपए मिलते हैं. वहीं इस विधेयक के पास होने के बाद उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों को हर महीने वेतन-भत्ते के रूप में करीब चार लाख रुपए मिलेंगे. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी बढ़े हुए वेतन भत्ते के साथ ही अन्य सुविधाएं लेने से इनकार किया है. जिसके बाद खानपुर विधायक उमेश कुमार ने भी बढ़े हुए वेतन भत्ता को गरीब जनता पर खर्च करने का फैसला लिया है.
पढ़ें-बढ़े वेतन भत्ते लेने से गणेश गोदियाल का इंकार, नियामक आयोग बनाने की मांग, गिनाई पहाड़ की पीड़ा