देहरादून: कॉर्बेट के पाखरो टाइगर सफारी प्रकरण मामले में CBI जांच अगले चरण में पहुंच गई है. एक तरफ शासन को सीबीआई ने पहला पत्र लिखकर सचिवालय में दस्तक दी है तो दूसरी तरफ तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से भी सीबीआई ने पूछताछ की है. खास बात यह है कि हरक सिंह रावत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और ब्यूरोक्रेटस से जुड़े ऐसे दस्तावेज सीबीआई को सौंपने का दावा किया है, जिससे उनकी संलिप्तता का भी मामले में खुलासा होगा.
उत्तराखंड के वन महकमे को हिलाकर रख देने वाले पाखरो टाइगर सफारी मामले में अब नया मोड़ आ गया है. सीबीआई लंबे समय से इस मामले की जांच में जुटी हुई है. अब तक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निर्माण क्षेत्र तक जांच करने वाली CBI अब सचिवालय और तत्कालीन राजनेताओं तक भी दस्तक देने लगी है. खास बात यह है कि मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से भी सीबीआई ने पूछताछ की है. जिसमें हरक सिंह रावत ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज CBI के अफसरों को सौंपे हैं.
दस्तावेजों से तत्कालीन CM और अफसरों की संलिप्तता का दावा: ईटीवी भारत से Exclusive बात करते हुए तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया सीबीआई ने उन्हें 14 अगस्त को बुलाया था. इस दौरान उन्होंने सीबीआई द्वारा पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया. हरक सिंह रावत ने कहा उन्होंने अब तक इस बात को कहीं जाहिर नहीं होने दिया, लेकिन ईटीवी भारत के जरिए वो बताना चाहते हैं कि सीबीआई से पूछताछ के दौरान उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री और अफसरों की संलिप्तता से जुड़े गोपनीय दस्तावेज CBI को सौंपे हैं.
पाखरो टाइगर सफारी मामले में तत्कालीन डीएफओ किशन चंद की तैनाती से जुड़े सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में हरक सिंह रावत कहते हैं कि किशन चंद की तैनाती से लेकर दूसरी निर्माण कार्य से जुड़ी अनुमतियों के साथ ही कुछ ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी उन्होंने सीबीआई को दिए हैं, जो इस मामले की जांच के लिए बेहद जरूरी हैं.
प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट होने की दोहराई बात: हरक सिंह रावत ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पाखरो टाइगर सफारी ड्रीम प्रोजेक्ट होने की बात कही. उन्होंने कहा इस सफारी का निर्माण होना चाहिए. इससे क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही गढ़वाल मंडल के इस क्षेत्र का विकास भी होगा. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने जो घोषणा इसको लेकर की थी, उसका नोटिफिकेशन करना प्रधानमंत्री कार्यालय का काम है, लेकिन वह यह जानते हैं कि उस दौरान कॉर्बेट दौरे के बीच इसे प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया गया था.
सीबीआई ने हाल ही में शासन को भी लिखा पत्र: पाखरो प्रकरण में सीबीआई ने काफी हद तक जांच पूरी कर ली है. कॉर्बेट के पाखरो क्षेत्र में जाकर सीबीआई ने कई साक्ष्य जुटाए हैं. इसके अलावा कई बार सीबीआई के अफसर वन मुख्यालय भी पहुंचे. वहां से भी दस्तावेजों को जुटाया गया है. अब सीबीआई की जांच आगे बढ़ने के बाद उन्होंने संदिग्ध पाए गए अफसरों पर आगे की कार्रवाई करने के लिए शासन को इससे जुड़ा पत्र भी भेजा है.
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