हमीरपुर: जिला हमीरपुर की विशेष अदालत ने एक बाल यौन शोषण से जुड़े मामले में फैसला सुनाते हुए दोषी को 25 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. यौन शोषण का दोषी पीड़िता का ही पिता है. जिसे पॉक्सो एक्ट की धारा 6 और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) के तहत अदालत ने दोषी ठहराया. मामले में दोषी को 1 लाख रुपए जुर्माना भरने की भी सजा सुनाई गई है. इस मुकदमे की पैरवी हमीरपुर जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री ने की.
मां ने दर्ज करवाई शिकायत
मामले की शिकायत पुलिस में नाबालिग की मां ने दर्ज करवाई. पीड़िता की मां ने 20 जुलाई 2023 को महिला पुलिस थाना हमीरपुर में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसके पति ने अपनी ही बेटी के साथ यौन शोषण किया है. जिसके बाद पुलिस ने जांच की और आरोपी को अदालत में पेश किया गया. मामले में 20 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जो इस अपराध की भयावहता को उजागर करते हैं. जिसके बाद नाबालिग के पिता के दोषी पाए जाने पर उसे सजा दी गई. दोषी पेशे से ड्राइवर का काम करता था.
हमीरपुर जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री ने कहा, "बाल शोषण के अपराधियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई अत्यंत महत्वपूर्ण है. ये फैसला समाज को एक सशक्त संदेश देता है कि ऐसे अपराधों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और न्याय के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे."
दोषी को 1 लाख जुर्माने की सजा
पॉक्सो एक्ट के तहत यौन शोषण के दोषी को कोर्ट ने 25 साल की सजा के साथ एक लाख का जुर्माना भी लगाया है. अगर जुर्माना अदा न किया गया तो आरोपी को 6 महीने अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. साथ ही अदालत ने पीड़िता को 5 लाख रुपए मुआवजा प्रदान किया है. हमीरपुर जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री ने कहा कि ये फैसला बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने की जरूरत को दर्शाता है. खासकर परिवार के अंदर होने वाले ऐसे अपराधों के मामलों में ये न्यायपालिका की अहम भूमिका को भी दर्शाता है, जो न्याय प्रदान करने और ऐसे जघन्य अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान देती है.