ग्वालियर: शहर में ऑनलाइन फ्रॉड का एक मामला सामने आया है. जहां ठगों ने रिटायर्ड बैंक मैनेजर और उनकी पत्नी को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा. गनीमत यह रही कि उन्होंने किसी तरह अपने एक रिश्तेदार को फोन करके इसकी सूचना दे दी और वो पुलिस लेकर बैंक मैनेजर के घर पहुंच गए. जिस समय वहां पुलिस पहुंची, उस समय भी साइबर ठगों ने बुजुर्ग दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट किया हुआ था.
रिटायर्ड बैंक मैनेजर को बनाया निशाना
साइबर ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. जालसाज क्या आम क्या खास सबको अपना निशाना बना रहे हैं. अधिकतर बार वो पैसा ऐंठने में सफल भी हो जाते हैं. लेकिन इस मामले में ग्वालियर की इस दंपत्ति ने सूझबूझ से काम लेकर खुद को ठगी का शिकार होने से बचा लिया. दरअसल, जनकगंज थाना क्षेत्र के छत्री मंडी निवासी गणेश नारायण मिश्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा के रिटायर्ड बैंक मैनेजर हैं. उनके परिवार में एक बेटा व बेटी है. बेटी बेंगलुरु में रहती है, जबकि बेटा गुना में जॉब करता है. यहां वह पत्नी मधु मिश्रा के साथ रहते हैं.
ठग ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया
पीड़ित दंपत्ति से मिली जानकारी के अनुसार, ''शुक्रवार की सुबह करीब सवा नौ बजे उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया और फोन करने वाले ने खुद को ट्राई (Telecom Regulatory Authority of India) का अफसर बताया. उसने कहा, आपके मोबाइल नंबर का उपयोग करके कई तरह के पैनिक मैसेज वायरल किए गए हैं. जिससे दो घंटे में आपका यह नंबर बंद हो जाएगा. अगला कॉल मुंबई सीबीआई से आने की बात कही. इसके बाद रिटायर्ड बैंक मैनेजर के मोबाइल पर एक व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया. कॉल रिसीव करते ही सामने पुलिस की वर्दी में एक अधिकारी नजर आया. उसने अपने आप को सीबीआई का अधिकारी बताया.''
फोन करने वाले इस फर्जी अधिकारी ने बताया कि आपके नंबर के जरिए जेट एयरवेज के नरेश गोयल को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए 538 करोड़ रुपए की राशि का लेनदेन किया गया है. यदि आप सहयोग करेंगे तो ठीक है, नहीं तो 5 मिनट में अंधेरी पुलिस आपको परिवार सहित गिरफ्तार कर लेगी. हमारी टीम अभी ग्वालियर में ही है. यह सुनकर बैंक मैनेजर व उनकी पत्नी घबरा गए. उन्होंने सहयोग करने के लिए हां कर दी.
महिला ने किसी तरह रिश्तेदार को दी सूचना
इसके बाद ठग ने उन्हें बोला, आप डिजिटल अरेस्ट हैं. इसके बाद उसने दंपत्ति को एक रूम में जाकर अंदर से दरवाजे और खिड़कियां बंद करने को कहा. फिर उसने उनसे आधार कार्ड नंबर, परिवार की डिटेल, अकाउंट की डिटेल सहित कई जानकारियां ली. ठगों ने गणेश मिश्रा की पत्नी को अपने काबू में करना चाहा. उनसे कहा, गणेश मिश्रा की बैंक में जो एफडी है उसे तुड़वाए और रकम गणेश के खाते में आने के बाद आरटीजीएस करें. मधु मिश्रा ने किसी तरह पूरे मामले की जानकारी अपनी बहन के पति राहुल को दे दी. राहुल ने तत्काल पुलिस को सूचित किया और शनिवार सुबह करीब 11:30 बजे वह पुलिस के साथ गणेश मिश्रा के घर पहुंच गया.
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आये दिन मामले आ रहे हैं सामने
जब पुलिस पहुंची तब तक ठगों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया हुआ था. राहुल ने ठगों को पहले समझाया फिर पुलिस के आने की बात कही. इसके बाद कॉल कट हो गया. यदि पुलिस समय पर नहीं पहुंचती तो दंपत्ति पैसा ट्रांसफर करने के लिए तैयार भी हो गए थे. लेकिन साथ ही बुजुर्ग दंपत्ति ने समझदारी और हिम्मत दिखाते हुए अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई को लुटने से बचा लिया.
मामले की जांच में जुटी पुलिस
जनकगंज थाना प्रभारी विपेन्द्र चौहान ने बताया कि, ''रिटायर्ड बैंक मैनेजर और उनकी पत्नी को कुछ ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया था. महिला ने अपने एक रिश्तेदार को मामले की जानकारी दी. जिसके बाद रिश्तेदार के साथ पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें ठगी से बचा लिया. दंपत्ति की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है.''
आए दिन साइबर फ्रॉड की खबरें देखने-सुनने के बाद भी लोग ठगों के जाल में लगातार फंसते जा रहे हैं. हैरानी तो तब होती है जब इसमें पढ़े-लिखे और बुद्धिजीवी वर्ग के लोग भी फंस जाते हैं और अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई ठगों के हवाले कर देते हैं.