ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी में एक बार फिर निजी कॉलेजों की संबद्धता में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पिछले 3 दिन से NSUI कार्यकर्ता कुछ अन्य छात्रों के साथ कुलपति कार्यालय के पास टेंट लगाकर भूख हड़ताल कर रहे हैं. इनमें से 3 छात्रों की हालत खराब हो गई. उन्हें आनन फ़ानन में एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल ले जाना पड़ा. बता दें कि एनएसयूई नेताओं के साथ 8 छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं. बुधवार को जब मेडिकल टीम इन आंदोलनकारी छात्रों का चेकअप करने पहुंची तो 3 छात्रों की हालत खराब पाई. इसके बाद युवराज पवैया, कृष्णा भारत बाद और शैंकी राणा को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
आंदोलनकारियों ने दी अंजाम भुगतने की चेतावनी
आंदोलनकारी छात्रों में इस बात का भी ग़ुस्सा है कि एक ही परिसर में होने के बावजूद विश्वविद्यालय के कुलगुरु उनसे मिलने तक नहीं आए. ऐसे में जब छात्रों की तबीयत बिगड़ी तो आंदोलनकारी कार्यकर्ताओं और छात्रों का ग़ुस्सा बढ़ गया. एम्बुलेंस से बीमार आंदोलनकारियों को ले जा रही अन्य छात्रों ने यह तक कह दिया कि अगर इनमें से किसी को भी कुछ हुआ तो अंजाम खतरनाक होंगे.
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गुरुवार शाम को आएंगे जीतू पटवारी
जीवाजी यूनिवर्सिटी में हंगामे की जानकारी मिलने पर कुछ कांग्रेस नेता मौके पर पहुंचे. NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से भी इस संबंध में बातचीत की गई. जीतू पटवारी ने गुरुवार शाम 4 बजे विश्वविध्यालय आकर NSUI कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात करेंगे. वहीं कांग्रेस नेता सुनील शर्मा का कहना है "यूनिवर्सिटी में आंदोलन कर रहे तीन छात्राओं की स्थिति चिंताजनक है." इधर विश्वविद्यालय थाना प्रभारी उपेंद्र छारी का कहना है "4 छात्राओं की तबीयत बिगड़ी है. जिन्हें अस्पताल भिजवा दिया गया है." इस बारे में विश्वविद्यालय प्रबंधन से ईटीवी भारत ने बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो सकी.