गुरुग्राम: गुरुग्राम पुलिस ने 24 घंटे में ही ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी को सुलझा लिया है. पुलिस ने मामले में एक दंपति को गिरफ्तार किया है जिन्होंने 38 साल के पुष्पेन्द्र की हत्या कर लाश धानकोट नहर में फेंक दी थी.
नहर में मिली लाश: दस जून को धानकोट नहर की सफाई के दौरान सफाईकर्मी को एक युवक की लाश मिली थी. सफाईकर्मी ने पुलिस को बताया कि " सुबह करीब 9.30 बजे वह नहर के टैलपानी जाल से कचरा निकाल रहा था. सफाई के दौरान एक कट्टा जाल में रुका हुआ दिखाई दिया. अपने सफाई करने वाले फावड़े से उसे हटाने की कोशिश की तो कट्टा खुल गया जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति का शव था." पुलिस ने मृतक की पहचान और पोस्टमार्टम के लिए शव को मोर्चरी में रखवा दिया.
परिजनों ने की शव की पहचान: जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि पुलिस थाना सेक्टर-10A, गुरुग्राम के एरिया से बीते नौ तारीख को एक व्यक्ति के गुम होने के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने गुम हुए व्यक्ति के परिजनों से सम्पर्क करके धनकोट नहर में मिले अज्ञात शव की शिनाख्त कराई गई. मृतक का चेहरा पहचान की हालात में नही था. ऐसे में परिजनों ने मृतक के हाथ पर गुदे हुए अक्षर (PVKY) से शव की पहचान की. शव पुष्पेन्द्र की थी जो उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद का रहने वाला था.
पुलिस ने आरोपी दंपति को पकड़ा: पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर हत्या के आरोपी दंपति को गुरुग्राम के सरस्वती एनक्लेव से गिरफ्तार कर लिया. इनकी पहचान 30 वर्षीय नीलम और 34 वर्षीय रामनिवास के रूप में हुई. ये उत्तर प्रदेश के एटा के रहने वाले हैं.
प्रेम प्रसंग के चलते हत्या: आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि रामनिवास ऑटो चलाने का काम करता है और उसकी पत्नी नीलम एक कंपनी में करती है. उसी कंपनी में मृतक पुष्पेन्द्र भी काम करता था. काम के दौरान दोनों में प्रेम हो गया. लेकिन प्रेम प्रसंग की जानकारी नीलम के पति रामनिवास को हो गयी. इसके बाद नीलम और रामनिवास ने पुष्पेन्द्र की हत्या करने की योजना बना ली. नीलम ने पुष्पेन्द्र को मिलने के लिए रात दो बजे अपने घर बुलाया. तय समय पर पुष्पेन्द्र नीलम के घर आ गया. फिर नीलम ने अपने पति रामनिवास के साथ मिलकर पुष्पेन्द्र की गला दबाकर हत्या कर दी. हत्या करने के बाद इन्होंने शव को एक कट्टे में बांध दिया. इसके बाद रामनिवास शव को अपने ऑटो रिक्शा में रखकर धनकोट नहर में फेंक कर वापस आ गया. पुलिस से बचने के लिए इन्होंने उसी दिन अपना किराये का कमरा भी बदल लिया था.