रायपुर: राजस्व पटवारी संघ के बाद आवासीय एकलव्य विद्यालय के अतिथि शिक्षकों ने सोमवार से 3 दिवसीय मोर्चा खोल दिया है. अतिथि शिक्षकों की मांग है कि पूर्व और वर्तमान में नियुक्त किए गए अतिथि शिक्षकों को यथावत रखा जाए. सरकार ने जून 2024 में साल 2013-14 से लेकर साल 2017 में एकलव्य आवासीय विद्यालय में लगभग 630 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई. नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हो जाने के बाद सरकार ने आवासीय एकलव्य विद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया. नौकरी से निकाले जाने के चलते अतिथि शिक्षकों के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया. शिक्षकों की मांग है कि उनको स्कूलों में यथावत रखा जाए. शिक्षा विभाग के मंत्री से लेकर सीएम तक से अतिथि शिक्षक गुहार लगा चुके हैं.
अतिथि शिक्षकों के सामने रोजी रोटी का संकट: एकलव्य अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्राची पांडेय ने बताया कि "छत्तीसगढ़ के लगभग 74 आवासीय एकलव्य विद्यालय में लगभग 630 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति सरकार ने साल 2017 में की थी. उसके बाद केंद्र सरकार के द्वारा नियमित भर्ती होने से जून 2024 से अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए. ऐसे में उन्हें अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है. आवासीय एकलव्य विद्यालय से जून 2024 में इन अतिथि शिक्षकों को हटा दिया गया है. जिसके कारण इनको आर्थिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है."
'आत्मानंद या सरकारी स्कूलों में दी जाए नौकरी': एकलव्य अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवंती दास ने बताया कि "साल 2008 से लेकर साल 2010 में काम करने वाले अतिथि शिक्षकों को सरकार ने नियमित कर दिया है. उसके बाद 2013-14 और साल 2017 में जिन अतिथि शिक्षकों को आवासीय एकलव्य विद्यालय में नियुक्ति किया गया था उन्हें हटा दिया गया है''. प्रदेश मीडिया प्रभारी ने बताया कि ''टीजीटी अतिथि शिक्षकों को महीने में 42 हज़ार रुपये वेतन मिलता था. पीजीटी अतिथि शिक्षकों को महीने में 45 हज़ार रुपये के साथ ही आवास की सुविधा फ्री थी. आवासीय एकलव्य विद्यालय से हटाए जाने के बाद अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे में अतिथि शिक्षक चाहते हैं कि उन्हें आत्मानंद स्कूल या फिर सरकारी स्कूलों में संविदा के रूप में नियुक्त किया जाए''.