देहरादून: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होने के बाद अब सरकार विकास कार्यों पर जोर दे रही है. इसी कड़ी में साल 2023 में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान जो निवेश प्रस्ताव मिले थे, उसे धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है. तमाम विभाग इस काम में जुट गए हैं. ताकि, जल्द से जल्द निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतरा जा सके, लेकिन अभी भी सरकारी जमीनों पर निवेश की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. जिसके चलते कई विभाग ग्राउंडिंग करने में काफी पीछे दिखाई दे रहे हैं.
8 और 9 दिसंबर 2023 को आयोजित हुआ था उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: दरअसल, इन्वेस्टर्स समिट के दौरान राज्य सरकार ने निवेशकों से वादा किया था कि उन्हें सरकारी जमीन भी इंडस्ट्री लगाने के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि निवेशकों को किस तरह से सरकारी जमीन इंडस्ट्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. बता दें कि 8 और 9 दिसंबर 2023 को उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ था. जिसमें देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी निवेशक शामिल हुए थे.
3.5 लाख करोड़ के एमओयू हुए थे साइन: उत्तराखंड सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए न सिर्फ देश के प्रमुख शहरों बल्कि, विदेशों में भी तमाम रोड शो का आयोजन किया था. जिसका नतीजा ये रहा कि करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव पर सहमति बनी. जबकि, राज्य सरकार ने इन्वेस्टर समिट के दौरान करीब ढाई लाख करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर एमओयू साइन यानी समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding) करने का लक्ष्य रखा था.
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आयुष और वेलनेस सेक्टर में 375 करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग: तमाम विभागों की तरह आयुष विभाग भी आयुष एंड वेलनेस सेक्टर में हुए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतरने के लिए जोर दे रहा है. इन्वेस्टर्स समिट के दौरान आयुष एंड वेलनेस के क्षेत्र के निवेश के लिए करीब 18 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर एमओयू साइन हुए थे. जिसमें से वर्तमान समय तक 375 करोड़ रुपए के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है.
किस तरह से निवेशकों को मुहैया कराई जाएगी सरकारी जमीन? इसके अलावा तमाम निवेशक ऐसे भी हैं, जो राज्य सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के बिना ही धरातल पर निवेश कर रहे हैं, लेकिन आयुष विभाग में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक बड़ी समस्या यही है कि अभी तक सरकारी जमीन किस तरह से निवेशकों को उपलब्ध कराया जाएगा, इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है.
वहीं, आयुष सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि आयुष और वेलनेस सेक्टर में करीब 375 करोड़ रुपए की ग्राउंडिग कर लिया गया है. यानी आयुष के क्षेत्र में 375 करोड़ रुपए निवेश पर काम शुरू हो गया है. इसके अलावा बहुत सारे निवेशक ऐसे भी हैं, जिन्होंने धरातल पर अपना काम तो शुरू कर दिया है, लेकिन उन्होंने उद्योग विभाग का कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म नहीं भरा है.
ऐसे में विभागीय अधिकारी को निर्देश दिए है कि इस तरह के इंडस्ट्री को चिन्हित कर लिस्ट तैयार कर लें, ताकि आयुष विभाग में जो वास्तविक ग्राउंडिंग है, उस लिस्ट में शामिल कर सके. इतना ही नहीं कुछ निवेशक ऐसे भी हैं, जो सरकारी जमीन पर इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं. समिट के दौरान सरकार ने ये कमिट किया था कि जो सरकारी जमीनें है, उसपर भी इंडस्ट्री लगाने के लिए निवेशकों को दी जाएगी, लेकिन अभी तय निवेशकों को जमीन देने की प्रक्रिया नहीं हो पाई है.
जिसके चलते विभाग, निवेशकों को सरकारी जमीन ऑफर नहीं कर पा रहा है. इसके लिए इंडस्ट्री सचिव को एक पत्र भेजा गया था. लिहाजा, एक बार फिर राजस्व और उद्योग विभाग को पत्र भेजने जा रहे हैं. ताकि, इसकी जानकारी मिल सके कि अगर किसी निवेशक को इंडस्ट्री लगाने के लिए सरकारी जमीन देनी है तो उसकी पूरी प्रक्रिया क्या होगी? जिसके बाद आयुष विभाग आगे की प्रक्रिया करेगा.
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