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दीक्षांत समारोह में युवाओं से बोले राज्यपाल, रोजगार पाने के इच्छुक बनने की बजाय रोजगार देने वाले बनें - convocation ceremony in bikaner - CONVOCATION CEREMONY IN BIKANER

महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह शुक्रवार को आयोजित हुआ. इस दौरान राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के आलोक में देशभर में ऐसा वातावरण निर्मित करें, जिससे विद्यार्थी रोजगार पाने के इच्छुक बनने की बजाय रोजगार देने वाले बन सकें.

Maharaja Ganga Singh University
एक लाख 26 हजार 880 विद्यार्थियों को दी उपाधियां (photo etv bharat bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 7, 2024, 6:23 PM IST

बीकानेर. राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के आलोक में देशभर में ऐसा वातावरण निर्मित करें, जिससे विद्यार्थी रोजगार पाने के इच्छुक बनने की बजाय रोजगार देने वाले बन सकें. उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा स्थानीय विरासत को सहेजने-संवारने के लिए अपने परिसर में क्षेत्रीय इतिहास, सभ्यता, संस्कृति को परिलक्षित करने वाले केन्द्रों की स्थापना करने का भी आह्वान किया.

मिश्र शुक्रवार को बीकानेर में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बीकानेर को भाईचारे और सद्भाव की संस्कृति से जुड़ा शहर बताते हुए कहा कि यहां साहित्य और संस्कृति की समृद्ध परंपरा रही है. उन्होंने डॉ. छगन मोहता, यादवेंद्र शर्मा'चंद्र' और अजीज आजाद आदि साहित्यकारों और उनके लिखे का उल्लेख करते हुए बीकानेर की लघु चित्र शैलियां, उस्ता कला, मथेरण कला, लोक संगीत, नृत्य आदि का भी स्मरण किया.

उन्होंने कहा कि स्थानीय साहित्य, कला संस्कृति के प्रकाश में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय नई पीढ़ी को दिशा दे. उन्होंने विश्वविद्यालयों में शोध और अनुसंधान की ऐसी परम्परा बनाने की भी आवश्यकता जताई, जिससे हम अपनी धरोहर को संरक्षित कर सकें. राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा वही सार्थक है, जिसमें पाठ्य पुस्तकों के साथ विद्यार्थी जीवन-कौशल के साथ परिवेश की समझ से जुड़ सकें. जिसमें नवीन विचार और शोध के लिए विद्यार्थी उत्सुक हो.

पढ़ें: बीटीयू दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल, तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों को प्रधानता देने के लिए चिंतन की जरूरत

राष्ट्रीय नीति तक पहुंच हो: उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सब तक पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही के स्तंभों पर आधारित है. इस नीति का उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है जो सभी नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में विकसित करके देश के परिवर्तन में सीधे योगदान देने में सक्षम करने से जुड़ी है. उन्होंने नई शिक्षा नीति को विश्वविद्यालयों में पूरी तरह से लागू करने और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम निर्माण पर भी जोर दिया. कौशल विकास नई शिक्षा नीति की प्राथमिकताओं में है.

ऐसा पाठ्यक्रम करें तैयार: मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे पाठ्यक्रम निर्मित करें, जिसमें स्थानीय पर्यटन संभावनाओं के साथ स्थानीय संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण की दिशा-दृष्टि बन सकें. उन्होंने शिक्षा के जरिए विद्यार्थी की शारीरिक, बौद्धिक तथा भावात्मक शक्तियों को परिपुष्ट और विकसित किए जाने पर भी कार्य करने की आवश्यकता जताई.

छात्राओं की भागीदारी पर बोले राज्यपाल: उन्होंने 54 स्वर्ण पदक प्राप्तकर्त्ताओं में 44 छात्राएं होने पर प्रसन्नता जताई तथा कहा कि छात्राओं का यह प्रदर्शन उत्साहजनक है. लड़कियों को यदि अवसर मिलते हैं तो वे जीवन में तेजी से उत्कर्ष की ओर बढ़ती हैं. उन्होंने महिला शिक्षा एवं सशक्तीकरण के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की.

यह भी पढ़ें: शाही ठाठ-बाट से निकली भगवान हनुमान की शोभायात्रा, राज्यपाल मिश्र ने किया शुभारंभ

अवार्ड भी दिए: मिश्र ने इससे पहले कला संकाय की छात्रा दिव्या हर्ष को कुलाधिपति पदक एवं शिक्षा संकाय की छात्रा किरण शर्मा को कुलपति पदक प्रदान किया.उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों में श्रेष्ठ विद्यार्थी को 'महाराजा गंगासिंह अवार्ड' और खेलकूद प्रतियोगिताओं में अव्वल प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को 'महाराजा करणी सिंह खेल अवार्ड' देने की शुरुआत की भी सराहना की. उन्होंने महाराजा गंगा सिंह द्वारा राजशाही के दौर में अपने क्षेत्र के विकास के लिए किए गए नवाचार, भीषण अकाल के दौर का सामना करते हुए इस समस्या से स्थायी रूप से छुटकारा पाने के लिए किए गए प्रयासों के तहत गंग नहर लाने की सराहना की.

एक लाख 26 हजार 880 विद्यार्थियों को दी उपाधियां: दीक्षान्त समारोह में परीक्षा वर्ष 2021 में उत्तीर्ण हुए एक लाख 26 हजार 880 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई. वहीं इसी वर्ष की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 54 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. दीक्षान्त समारोह में ही 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2021 तक के 39 विद्यार्थियों को विद्या-वाचस्पति की उपाधि भी प्रदान की गई.

यह भी पढ़ें: एक साथ राजस्थान और महाराष्ट्र के राज्यपाल पहुंचे मेहंदीपुर बालाजी धाम, रामकथा में हुए शामिल

शूटिंग रेंज का किया गया शिलान्यास: मिश्र ने विश्वविद्यालय के शिव काशी द्वार, बायोडाइवर्सिटी पार्क का लोकार्पण किया गया. राज्यपाल ने लेफ्टिनेंट कर्नल किशन सिंह शूटिंग रेन्ज, महर्षि भारद्वाज भवन के विस्तार कार्य का शिलान्यास किया. संत मीरा बाई सभागार में महाराजा गंगा सिंह की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया. सत्र 2022-23 के लिए विश्वविद्यालय योग विभाग की प्रियंका को महाराजा गंगा सिंह अवार्ड तथा चूरू बालिका महाविद्यालय की छात्रा निकिता लाम्बा को महाराजा करणी सिंह खेल अवार्ड प्रदान किया गया. समारोह में विश्वविद्यालय में आयोजित इन्डोर गेम, योगा, प्रश्नोत्तरी, रंगोली, गायन, नृत्य, भाषण एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया. अन्तर्राष्ट्रीय वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में कांस्य पदक प्राप्त करने वाली निकिता लाम्बा को 3 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई.

बीकानेर. राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के आलोक में देशभर में ऐसा वातावरण निर्मित करें, जिससे विद्यार्थी रोजगार पाने के इच्छुक बनने की बजाय रोजगार देने वाले बन सकें. उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा स्थानीय विरासत को सहेजने-संवारने के लिए अपने परिसर में क्षेत्रीय इतिहास, सभ्यता, संस्कृति को परिलक्षित करने वाले केन्द्रों की स्थापना करने का भी आह्वान किया.

मिश्र शुक्रवार को बीकानेर में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बीकानेर को भाईचारे और सद्भाव की संस्कृति से जुड़ा शहर बताते हुए कहा कि यहां साहित्य और संस्कृति की समृद्ध परंपरा रही है. उन्होंने डॉ. छगन मोहता, यादवेंद्र शर्मा'चंद्र' और अजीज आजाद आदि साहित्यकारों और उनके लिखे का उल्लेख करते हुए बीकानेर की लघु चित्र शैलियां, उस्ता कला, मथेरण कला, लोक संगीत, नृत्य आदि का भी स्मरण किया.

उन्होंने कहा कि स्थानीय साहित्य, कला संस्कृति के प्रकाश में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय नई पीढ़ी को दिशा दे. उन्होंने विश्वविद्यालयों में शोध और अनुसंधान की ऐसी परम्परा बनाने की भी आवश्यकता जताई, जिससे हम अपनी धरोहर को संरक्षित कर सकें. राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा वही सार्थक है, जिसमें पाठ्य पुस्तकों के साथ विद्यार्थी जीवन-कौशल के साथ परिवेश की समझ से जुड़ सकें. जिसमें नवीन विचार और शोध के लिए विद्यार्थी उत्सुक हो.

पढ़ें: बीटीयू दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल, तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों को प्रधानता देने के लिए चिंतन की जरूरत

राष्ट्रीय नीति तक पहुंच हो: उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सब तक पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही के स्तंभों पर आधारित है. इस नीति का उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है जो सभी नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में विकसित करके देश के परिवर्तन में सीधे योगदान देने में सक्षम करने से जुड़ी है. उन्होंने नई शिक्षा नीति को विश्वविद्यालयों में पूरी तरह से लागू करने और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम निर्माण पर भी जोर दिया. कौशल विकास नई शिक्षा नीति की प्राथमिकताओं में है.

ऐसा पाठ्यक्रम करें तैयार: मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे पाठ्यक्रम निर्मित करें, जिसमें स्थानीय पर्यटन संभावनाओं के साथ स्थानीय संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण की दिशा-दृष्टि बन सकें. उन्होंने शिक्षा के जरिए विद्यार्थी की शारीरिक, बौद्धिक तथा भावात्मक शक्तियों को परिपुष्ट और विकसित किए जाने पर भी कार्य करने की आवश्यकता जताई.

छात्राओं की भागीदारी पर बोले राज्यपाल: उन्होंने 54 स्वर्ण पदक प्राप्तकर्त्ताओं में 44 छात्राएं होने पर प्रसन्नता जताई तथा कहा कि छात्राओं का यह प्रदर्शन उत्साहजनक है. लड़कियों को यदि अवसर मिलते हैं तो वे जीवन में तेजी से उत्कर्ष की ओर बढ़ती हैं. उन्होंने महिला शिक्षा एवं सशक्तीकरण के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की.

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अवार्ड भी दिए: मिश्र ने इससे पहले कला संकाय की छात्रा दिव्या हर्ष को कुलाधिपति पदक एवं शिक्षा संकाय की छात्रा किरण शर्मा को कुलपति पदक प्रदान किया.उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों में श्रेष्ठ विद्यार्थी को 'महाराजा गंगासिंह अवार्ड' और खेलकूद प्रतियोगिताओं में अव्वल प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को 'महाराजा करणी सिंह खेल अवार्ड' देने की शुरुआत की भी सराहना की. उन्होंने महाराजा गंगा सिंह द्वारा राजशाही के दौर में अपने क्षेत्र के विकास के लिए किए गए नवाचार, भीषण अकाल के दौर का सामना करते हुए इस समस्या से स्थायी रूप से छुटकारा पाने के लिए किए गए प्रयासों के तहत गंग नहर लाने की सराहना की.

एक लाख 26 हजार 880 विद्यार्थियों को दी उपाधियां: दीक्षान्त समारोह में परीक्षा वर्ष 2021 में उत्तीर्ण हुए एक लाख 26 हजार 880 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई. वहीं इसी वर्ष की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 54 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. दीक्षान्त समारोह में ही 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2021 तक के 39 विद्यार्थियों को विद्या-वाचस्पति की उपाधि भी प्रदान की गई.

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शूटिंग रेंज का किया गया शिलान्यास: मिश्र ने विश्वविद्यालय के शिव काशी द्वार, बायोडाइवर्सिटी पार्क का लोकार्पण किया गया. राज्यपाल ने लेफ्टिनेंट कर्नल किशन सिंह शूटिंग रेन्ज, महर्षि भारद्वाज भवन के विस्तार कार्य का शिलान्यास किया. संत मीरा बाई सभागार में महाराजा गंगा सिंह की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया. सत्र 2022-23 के लिए विश्वविद्यालय योग विभाग की प्रियंका को महाराजा गंगा सिंह अवार्ड तथा चूरू बालिका महाविद्यालय की छात्रा निकिता लाम्बा को महाराजा करणी सिंह खेल अवार्ड प्रदान किया गया. समारोह में विश्वविद्यालय में आयोजित इन्डोर गेम, योगा, प्रश्नोत्तरी, रंगोली, गायन, नृत्य, भाषण एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया. अन्तर्राष्ट्रीय वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में कांस्य पदक प्राप्त करने वाली निकिता लाम्बा को 3 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई.

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