जोधपुर. जोधपुर के डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह मंगलवार को आयोजित हुआ. इस मौके पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय को प्राचीन भारतीय आयुर्वेद चिकित्सकीय ज्ञान को पुस्तकों व शास्त्रों से बाहर लाने और आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार उसे विकसित करने की दृष्टि से कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आयुर्वेद के भारतीय विशिष्ट उत्पादों के पेटेन्टीकरण में भी आगे बढ़े.
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि भारतीय आयुष पद्धतियां, योग, प्राणायाम आदि प्रकृति से जुड़ा जीवन बचाने का ज्ञान है. नवीन अनुसंधानों ने इसे प्रमाणित किया है कि आयुर्वेद असाध्य रोगों में भी बहुत कारगर है. उन्होंने कहा कि इस ज्ञान का उपयोग जीवन बचाने के लिए कैसे हो? इस पर विश्वविद्यालय कार्य करे. कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय के पंचकर्म विभाग के अंतर्गत 'अंतराष्ट्रीय सेन्टर ऑफ ऐक्सीलेन्स' के निर्माण को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे आयुर्वेद पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. अपने संबोधन की शुरूआत में संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया.
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2416 को मिली उपाधियां: राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, प्राकृतिक और योग संकाय के 2 हजार 416 विद्यार्थियों को स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधियां प्रदान की. उन्होंने विभिन्न संकायों की 10 छात्राओं को और एक विद्यार्थी को कुल 11 स्वर्ण पदक प्रदान किए. उन्होंने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वैद्य बनवारी लाल गौड़ को विश्वविद्यालय डी. लिट. की मानद उपाधि प्रदान की. राज्यपाल विश्वविद्यालय परिसर में प्राकृतिक एवं योग महाविद्यालय भवन का ऑनलाइन लोकार्पण भी किया.