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अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस औषधमानकम: राज्यपाल बोले-आयुर्वेदिक औषधियों पर शोध और अनुसंधान को दें बढ़ावा - CONFERENCE ON AYURVEDIC MEDICINE

जोधपुर में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस 'औषधमानकम' में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने आयुर्वेदिक औषधियों पर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने का आह्वान किया.

Governor Haribhau Bagade ayurvedic medicine
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 5, 2024, 5:01 PM IST

जोधपुर: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का कहना है कि आयुर्वेद के भारतीय ज्ञान को युगानुकूल बनाते हुए इससे जुड़ी दुर्लभ औषधियों का पेटेंट, प्रमाणीकरण और इससे जुड़े स्वास्थ्यवर्धक गुणों का अधिकाधिक प्रसार किया जाए. उन्होंने आयुर्वेदिक औषधियों पर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ असाध्य रोगों में भी इनके उपयोग के परीक्षण और प्रसार की दिशा में कार्य करने आह्वान किया है.

राज्यपाल ने आयुर्वेद शोध पर दिया जोर (ETV Bharat Jodhpur)

बागड़े गुरुवार को जोधपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस 'औषधमानकम' को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारे आयुर्वेद के महान ज्ञान को सुनियोजित तरीके से देश से बाहर ले जाया गया. उस ज्ञान में कुछ हेर-फेर कर उसे अपना बनाने के प्रयास निरंतर हुए. इसलिए यह जरूरी है कि जो उपलब्ध ज्ञान हमारा है, आयुर्वेद की दुर्लभ औषधियां हैं, उनके पेटेंट की दिशा में निरंतर कार्य हो. समारोह को संबोधित करते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है जो शरीर, मन और आत्मा का संतुलन बनाए रखने में सहायक है. आयुर्वेद रोगों की रोकथाम और व्याधि के उपचार के रूप में संपूर्ण विश्व में लोकप्रिय है.

पढ़ें: आयुर्वेदिक दवाइयों की गुणवत्ता पर जोधपुर में 5 दिसंबर से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस 'औषधमानकम'

औषधियों की गुणवत्ता पर होगी चर्चा: तीन दिवसीय कांफ्रेंस में आयुर्वेद औषधियां के निर्माण और उनकी गुणवत्ता को लेकर चर्चा होगी. कुलपति प्रो वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि बाजार में तरह-तरह की आयुर्वेद औषधियां उपलब्ध हैं, लेकिन इनको लेकर कुछ मापदंड करने हैं जिसके लिए यहां विशेषज्ञ चर्चा करेंगे और निष्कर्ष सरकार को भेजेंगे. जिससे नीति बन सके.

पढ़ें: अब 18 साल तक को बच्चों को भी दिया जाएगा स्वर्णप्राशन, जानिए इस आयुर्वेदिक विधी का फायदे

यह रहे उपस्थित: कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति, कुलसचिव प्रो गोविंद सहाय शुक्ल, पूर्व कुलपति प्रो बी एल गौड़, उत्तराखंड विश्वद्यालय के वाइस चांसलर अरुण कुमार त्रिपाठी, गुजरात आयुर्वेद विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एस एस सावरीकर, एम्स जोधपुर के अध्यक्ष डॉ एस एस अग्रवाल, प्रबंध मंडल के सदस्य, अन्य निकायों के सदस्य, विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे.

जोधपुर: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का कहना है कि आयुर्वेद के भारतीय ज्ञान को युगानुकूल बनाते हुए इससे जुड़ी दुर्लभ औषधियों का पेटेंट, प्रमाणीकरण और इससे जुड़े स्वास्थ्यवर्धक गुणों का अधिकाधिक प्रसार किया जाए. उन्होंने आयुर्वेदिक औषधियों पर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ असाध्य रोगों में भी इनके उपयोग के परीक्षण और प्रसार की दिशा में कार्य करने आह्वान किया है.

राज्यपाल ने आयुर्वेद शोध पर दिया जोर (ETV Bharat Jodhpur)

बागड़े गुरुवार को जोधपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस 'औषधमानकम' को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारे आयुर्वेद के महान ज्ञान को सुनियोजित तरीके से देश से बाहर ले जाया गया. उस ज्ञान में कुछ हेर-फेर कर उसे अपना बनाने के प्रयास निरंतर हुए. इसलिए यह जरूरी है कि जो उपलब्ध ज्ञान हमारा है, आयुर्वेद की दुर्लभ औषधियां हैं, उनके पेटेंट की दिशा में निरंतर कार्य हो. समारोह को संबोधित करते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है जो शरीर, मन और आत्मा का संतुलन बनाए रखने में सहायक है. आयुर्वेद रोगों की रोकथाम और व्याधि के उपचार के रूप में संपूर्ण विश्व में लोकप्रिय है.

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औषधियों की गुणवत्ता पर होगी चर्चा: तीन दिवसीय कांफ्रेंस में आयुर्वेद औषधियां के निर्माण और उनकी गुणवत्ता को लेकर चर्चा होगी. कुलपति प्रो वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि बाजार में तरह-तरह की आयुर्वेद औषधियां उपलब्ध हैं, लेकिन इनको लेकर कुछ मापदंड करने हैं जिसके लिए यहां विशेषज्ञ चर्चा करेंगे और निष्कर्ष सरकार को भेजेंगे. जिससे नीति बन सके.

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यह रहे उपस्थित: कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति, कुलसचिव प्रो गोविंद सहाय शुक्ल, पूर्व कुलपति प्रो बी एल गौड़, उत्तराखंड विश्वद्यालय के वाइस चांसलर अरुण कुमार त्रिपाठी, गुजरात आयुर्वेद विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एस एस सावरीकर, एम्स जोधपुर के अध्यक्ष डॉ एस एस अग्रवाल, प्रबंध मंडल के सदस्य, अन्य निकायों के सदस्य, विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे.

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