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महिला दिवस पर सरकार ने दी सौगात; वाराणसी के इंटर कॉलेज में खुला सूबे का पहला बेबी केयर सेंटर - महिला दिवस वाराणसी बेबी केयर सेंटर

उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वाराणसी में महिला शिक्षकों को एक खास तोहफा दिया है. जिससे बच्चों की न सिर्फ सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि वह विद्यार्थियों को बेहतर रुप से शिक्षित भी बना पाएंगी. जी हां यह तोहफा है क्रैच बेबी सेंटर का.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 8, 2024, 6:09 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वाराणसी में महिला शिक्षकों को एक खास तोहफा दिया है.

वाराणसी : उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वाराणसी में महिला शिक्षकों को एक खास तोहफा दिया है. जिससे बच्चों की न सिर्फ सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि वह विद्यार्थियों को बेहतर रुप से शिक्षित भी बना पाएंगी. जी हां यह तोहफा है क्रैच बेबी सेंटर का.वाराणसी के क्वीन्स इंटर कॉलेज में यूपी का पहला क्रेच बेबी सेंटर खोला गया है, जो पूर्ण रूप से महिला शिक्षकों के लिए समर्पित है. खास बात यह है कि यह एक ब्वाॉयज इंटर कॉलेज है, जहां पर महिला शिक्षकों को ये नई सुविधा अब मिलेगी.

इस सेंटर का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार मंत्री राजेंद्र जयसवाल ने किया. एस दौरान उन्होनें कहा कि इस राजकीय विद्यालय में एक नई शुरुआत हुई है. ये पूरे प्रदेश के लिए नजीर है.अब विद्यालय में ही नहीं, बल्कि अन्य सभी सरकारी विभागों में इस तरीके के सेंटर को खोलें जाने की जरूरत है, ताकि वहां आने वाली माताओं को बेहतर सुविधा मिल सके और उनके बच्चों का पूरा ख्याल रखा जा सके, जिससे वह और बेहतर तरीके से अपने कार्य को कर सके.वहीं इस सेंटर में सुविधाओं की बात करें तो इसमें बेड के साथ खिलौने व अन्य एक्स्ट्रा एक्टिविटी की व्यवस्था है. इसके साथ ही जहां पर निगरानी के लिए विशेष स्टाफ भी मौजूद रहेगा, जो इन बच्चों की देखभाल करेगा. यही नहीं यहां पर पुरुष शिक्षक भी अपने बच्चों को ले आ सकेंगे.

शिक्षकों की चिंता होगी दूर

इस सेंटर के बारे में विद्यालय की प्रवक्ता डॉक्टर विजया भारती ने बताया कि यह तीन तरह से कारगर होगा. पहला विद्यार्थियों के लिए, दूसरा हमारे स्वयं के बच्चों के लिए और तीसरा हमारे सभी शिक्षकों की मानसिक संतुष्टि के लिए. आज इसकी सौगात मिल जाने के बाद अब हमारे सभी शिक्षक और भी बेहतर तरीके से विद्यालय में अपना योगदान दे पाएंगे. क्योंकि अभी जब हम विद्यालय पढ़ाने के लिए आते हैं तो हमारे मन में बच्चों की सुरक्षा को लेकर के चिंता रहती है. लेकिन अभी यह चिंता दूर हो जाएगी और हम बच्चों को यही छोड़कर पढ़ा भी लेंगे और उनका ख्याल भी रख सकेंगे.

बच्चों का होगा सर्वांगीण विकास

विद्यालय की दूसरी शिक्षिका बताती हैं कि बच्चों के लिए यह सर्वांगीण विकास में भी मददगार साबित होगा. क्योंकि यहां पर हम सभी के बच्चे मौजूद रहेंगे और वह एक दूसरे से नई-नई चीज सीखेंगे, क्रिएटिव आइडियाज आएंगे. यही नहीं, डिलीवरी के बाद जो 2 महीने का हम शिक्षिकाएं सीसीएल लेती हैं,अपने बच्चों की देखभाल के लिए, वह भी बचेगा. और वे दो महीने विद्यालय में यहां पढ़ने वाले बच्चों के काम आएंगे. इससे उनका पठान-पाठन भी प्रभावित नहीं होगा और सिलेबस सही समय पर पूरा होगा, बच्चे बेहतर परफॉर्मेंस दे सकेंगे.

यह भी पढ़ें : PM Modi कल पहुंचेंगे संसदीय क्षेत्र, बाबा विश्वनाथ का दर्शन और चुनावी तैयारी की करेंगे समीक्षा

यह भी पढ़ें : महिला दिवस विशेष; पहले पति की नसबंदी कराई, फिर लोगों को बताया परिवार नियोजन का फायदा, पढ़िए काशी की आशा दीदी की कहानी

उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वाराणसी में महिला शिक्षकों को एक खास तोहफा दिया है.

वाराणसी : उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वाराणसी में महिला शिक्षकों को एक खास तोहफा दिया है. जिससे बच्चों की न सिर्फ सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि वह विद्यार्थियों को बेहतर रुप से शिक्षित भी बना पाएंगी. जी हां यह तोहफा है क्रैच बेबी सेंटर का.वाराणसी के क्वीन्स इंटर कॉलेज में यूपी का पहला क्रेच बेबी सेंटर खोला गया है, जो पूर्ण रूप से महिला शिक्षकों के लिए समर्पित है. खास बात यह है कि यह एक ब्वाॉयज इंटर कॉलेज है, जहां पर महिला शिक्षकों को ये नई सुविधा अब मिलेगी.

इस सेंटर का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार मंत्री राजेंद्र जयसवाल ने किया. एस दौरान उन्होनें कहा कि इस राजकीय विद्यालय में एक नई शुरुआत हुई है. ये पूरे प्रदेश के लिए नजीर है.अब विद्यालय में ही नहीं, बल्कि अन्य सभी सरकारी विभागों में इस तरीके के सेंटर को खोलें जाने की जरूरत है, ताकि वहां आने वाली माताओं को बेहतर सुविधा मिल सके और उनके बच्चों का पूरा ख्याल रखा जा सके, जिससे वह और बेहतर तरीके से अपने कार्य को कर सके.वहीं इस सेंटर में सुविधाओं की बात करें तो इसमें बेड के साथ खिलौने व अन्य एक्स्ट्रा एक्टिविटी की व्यवस्था है. इसके साथ ही जहां पर निगरानी के लिए विशेष स्टाफ भी मौजूद रहेगा, जो इन बच्चों की देखभाल करेगा. यही नहीं यहां पर पुरुष शिक्षक भी अपने बच्चों को ले आ सकेंगे.

शिक्षकों की चिंता होगी दूर

इस सेंटर के बारे में विद्यालय की प्रवक्ता डॉक्टर विजया भारती ने बताया कि यह तीन तरह से कारगर होगा. पहला विद्यार्थियों के लिए, दूसरा हमारे स्वयं के बच्चों के लिए और तीसरा हमारे सभी शिक्षकों की मानसिक संतुष्टि के लिए. आज इसकी सौगात मिल जाने के बाद अब हमारे सभी शिक्षक और भी बेहतर तरीके से विद्यालय में अपना योगदान दे पाएंगे. क्योंकि अभी जब हम विद्यालय पढ़ाने के लिए आते हैं तो हमारे मन में बच्चों की सुरक्षा को लेकर के चिंता रहती है. लेकिन अभी यह चिंता दूर हो जाएगी और हम बच्चों को यही छोड़कर पढ़ा भी लेंगे और उनका ख्याल भी रख सकेंगे.

बच्चों का होगा सर्वांगीण विकास

विद्यालय की दूसरी शिक्षिका बताती हैं कि बच्चों के लिए यह सर्वांगीण विकास में भी मददगार साबित होगा. क्योंकि यहां पर हम सभी के बच्चे मौजूद रहेंगे और वह एक दूसरे से नई-नई चीज सीखेंगे, क्रिएटिव आइडियाज आएंगे. यही नहीं, डिलीवरी के बाद जो 2 महीने का हम शिक्षिकाएं सीसीएल लेती हैं,अपने बच्चों की देखभाल के लिए, वह भी बचेगा. और वे दो महीने विद्यालय में यहां पढ़ने वाले बच्चों के काम आएंगे. इससे उनका पठान-पाठन भी प्रभावित नहीं होगा और सिलेबस सही समय पर पूरा होगा, बच्चे बेहतर परफॉर्मेंस दे सकेंगे.

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