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Govardhan Puja 2024: आज या कल? कब की जाएगी गोवर्धन पूजा? जानें श्री कृष्ण पूजन का शुभ मुहूर्त - GOVARDHAN PUJA KAB HAI

Govardhan Puja 2024: इस साल 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा की जाएगी. गोवर्धन पूजा का संबंध भगवान श्री कृष्ण के साथ जुड़ा हुआ है.

Govardhan Puja 2024
गोवर्धन पूजा 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 1, 2024, 11:10 AM IST

Updated : Nov 1, 2024, 1:30 PM IST

कुल्लू: सनातन धर्म में कई त्योहार मनाए जाते हैं. ऐसे में दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का विधान है. जिसके चलते दीपावली के अगले दिन देशभर में गोवर्धन पूजा की जाती है. इस दिन विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है. शुभ मुहूर्त में भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना की जाती है और उनके प्रिय भोग भी दिए जाते हैं. इसके अलावा भारत के कई राज्यों में इस दिन अपने पालतू पशुओं की पूजा का भी विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन पूजा से व्यक्ति के जीवन में सफलता आती है और भगवान श्री कृष्ण की कृपा उन्हें मिलती है.

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

आचार्य शशिकांत शर्मा ने बताया कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर को शाम 6:16 से शुरू हो रही है और इसका समापन 2 नवंबर को रात 8:21 पर होगा. ऐसे में गोवर्धन पूजा का त्योहार 2 नवंबर को मनाया जाएगा.

  • प्रातः काल पूजा का मुहूर्त 6:34 से लेकर सुबह 8:45 तक रहेगा.
  • विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजे से लेकर 2:56 तक रहेगा.
  • संध्या काल का मुहूर्त दोपहर 3:30 से लेकर 5:35 तक रहेगा.
  • गोधूलि मुहूर्त शाम 6:05 से लेकर 6:30 तक रहेगा.

आचार्य शशिकांत शर्मा ने बताया, "गोवर्धन पूजा के दिन ही अन्नकूट पर्व भी मनाया जाता है और भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग भी लगाए जाते हैं."

क्यों मनाया जाता है गोवर्धन पूजा का पर्व?

आचार्य शशिकांत शर्मा का कहना है, "कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का घमंड तोड़ा था. भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से बचाने के लिए ब्रज के लोगों का साथ दिया और अपनी तर्जनी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था. जिसके चलते सभी लोग अपने जानवरों के साथ ही पर्वत के नीचे आ गए थे. उस दिन भगवान कृष्ण ने लोगों की रक्षा की थी तो और इसी वजह से ब्रज के लोगों ने गोवर्धन पूजा की शुरुआत की." ऐसे में हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है.

ये भी पढ़ें: क्या है बूढ़ी दिवाली, पटाखों का नहीं होता शोर...दीपावली के एक महीने बाद इसे क्यों और कैसे मनाते हैं लोग

ये भी पढ़ें: दिवाली पर पटाखों से अगर स्किन जल जाए तो क्या करें, जानिए डॉक्टर की सलाह

कुल्लू: सनातन धर्म में कई त्योहार मनाए जाते हैं. ऐसे में दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का विधान है. जिसके चलते दीपावली के अगले दिन देशभर में गोवर्धन पूजा की जाती है. इस दिन विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है. शुभ मुहूर्त में भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना की जाती है और उनके प्रिय भोग भी दिए जाते हैं. इसके अलावा भारत के कई राज्यों में इस दिन अपने पालतू पशुओं की पूजा का भी विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन पूजा से व्यक्ति के जीवन में सफलता आती है और भगवान श्री कृष्ण की कृपा उन्हें मिलती है.

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

आचार्य शशिकांत शर्मा ने बताया कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर को शाम 6:16 से शुरू हो रही है और इसका समापन 2 नवंबर को रात 8:21 पर होगा. ऐसे में गोवर्धन पूजा का त्योहार 2 नवंबर को मनाया जाएगा.

  • प्रातः काल पूजा का मुहूर्त 6:34 से लेकर सुबह 8:45 तक रहेगा.
  • विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजे से लेकर 2:56 तक रहेगा.
  • संध्या काल का मुहूर्त दोपहर 3:30 से लेकर 5:35 तक रहेगा.
  • गोधूलि मुहूर्त शाम 6:05 से लेकर 6:30 तक रहेगा.

आचार्य शशिकांत शर्मा ने बताया, "गोवर्धन पूजा के दिन ही अन्नकूट पर्व भी मनाया जाता है और भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग भी लगाए जाते हैं."

क्यों मनाया जाता है गोवर्धन पूजा का पर्व?

आचार्य शशिकांत शर्मा का कहना है, "कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का घमंड तोड़ा था. भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से बचाने के लिए ब्रज के लोगों का साथ दिया और अपनी तर्जनी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था. जिसके चलते सभी लोग अपने जानवरों के साथ ही पर्वत के नीचे आ गए थे. उस दिन भगवान कृष्ण ने लोगों की रक्षा की थी तो और इसी वजह से ब्रज के लोगों ने गोवर्धन पूजा की शुरुआत की." ऐसे में हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है.

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Last Updated : Nov 1, 2024, 1:30 PM IST
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