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नेचर इंडेक्स रैंकिंग में लखनऊ यूनिवर्सिटी को पीछे छोड़, गोरखपुर विश्वविद्यालय बना नंबर वन - Gorakhpur University

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 10, 2024, 3:52 PM IST

उच्च गुणवत्तापरक शोध और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) ने नेचर इंडेक्स रैंकिंग में टाॅप किया है. गोरखपुर विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से भी श्रेणी एक दर्जा मिला है.

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (Photo Credit: ETV Bharat)

गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) ने प्रतिष्ठित "नेचर इंडेक्स रैंकिंग" लखनऊ विश्व विद्यालय को पीछे छोड़ते हुए विशिष्ट स्थान प्राप्त करने में सफलता हासिल की है. गोरखपुर विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त किया है. यह मान्यता उच्च गुणवत्ता वाले शोध और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. नैक द्वारा A++ ग्रेड मान्यता प्राप्त करने के साथ साथ विश्वविद्यालय ने, QS एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग और कई अन्य वैश्विक रैंकिंग में भी उल्लेखनीय स्थान हासिल किया है. इसके अतिरिक्त गोरखपुर विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से श्रेणी 1 का दर्जा प्राप्त हुआ है.

कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन
कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन (Photo Credit: ETV Bharat)




कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा है कि कुलाधिपति और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निरंतर मार्गदर्शन में गोरखपुर विश्वविद्यालय को हाल ही में PM USHA योजना के तहत MERU (बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है. इस फंडिंग से विश्वविद्यालय के शोध और शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. वहीं नेचर इंडेक्स रैंकिंग ने गोरखपुर विश्वविद्यालय को शीर्ष संस्थानों में प्रमुखता से रखा है. यह उपलब्धि भी बड़ी है. विश्वविद्यालय भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 103वें और विश्वविद्यालयों में 47वें स्थान पर है. विशेष रूप से भौतिक विज्ञान में गोरखपुर विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा संस्थानों में 57वें और विश्वविद्यालयों में 28वें स्थान पर है. रसायन विज्ञान के क्षेत्र में गोरखपुर विश्वविद्यालय भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 118वें और विश्वविद्यालयों में 92वें स्थान पर है. प्राकृतिक विज्ञान पत्रिकाओं में अपने प्रकाशनों के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 95वें और विश्वविद्यालयों में 45वें स्थान पर है.




राज्य विश्वविद्यालयों में केवल दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय अपना स्थान बनाने में सफल हुए हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 238वें और विश्वविद्यालयों में 172वें स्थान पर है. लखनऊ विश्वविद्यालय रसायन विज्ञान रैंकिंग में स्थान नहीं बना पाया है और भौतिक विज्ञान और प्राकृतिक विज्ञान पत्रिका प्रकाशनों में निचले स्थान पर है. नेचर इंडेक्स रैंकिंग में गोरखपुर विश्वविद्यालय के वर्तमान योगदान में रसायन विज्ञान के शोध शामिल है. साथ ही भौतिकी पत्रिकाओं जैसे कि यूरोपियन फिजिकल जर्नल सी, मंथली नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी: लेटर्स और द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में तीन प्रकाशन है. इसके अतिरिक्त, रसायन विज्ञान रैंकिंग में ऑर्गेनिक लेटर्स में एक प्रकाशन शामिल है. कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि ये उपलब्धियां हमारे शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों के असाधारण कार्य का प्रमाण हैं. हम इन मान्यताओं से सम्मानित हैं और अपने शैक्षणिक और शोध प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम अपनी कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के प्रति उनके अटूट समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करते हैं.

यह भी पढ़ें : डीडीयू के प्रोफेसर ने सौर ऊर्जा से कीट-पतंगें पकड़ने का तरीका खोजा, यूके ने दिया पेटेंट - UK granted patent to DDU professor

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गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) ने प्रतिष्ठित "नेचर इंडेक्स रैंकिंग" लखनऊ विश्व विद्यालय को पीछे छोड़ते हुए विशिष्ट स्थान प्राप्त करने में सफलता हासिल की है. गोरखपुर विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त किया है. यह मान्यता उच्च गुणवत्ता वाले शोध और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. नैक द्वारा A++ ग्रेड मान्यता प्राप्त करने के साथ साथ विश्वविद्यालय ने, QS एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग और कई अन्य वैश्विक रैंकिंग में भी उल्लेखनीय स्थान हासिल किया है. इसके अतिरिक्त गोरखपुर विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से श्रेणी 1 का दर्जा प्राप्त हुआ है.

कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन
कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन (Photo Credit: ETV Bharat)




कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा है कि कुलाधिपति और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निरंतर मार्गदर्शन में गोरखपुर विश्वविद्यालय को हाल ही में PM USHA योजना के तहत MERU (बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है. इस फंडिंग से विश्वविद्यालय के शोध और शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. वहीं नेचर इंडेक्स रैंकिंग ने गोरखपुर विश्वविद्यालय को शीर्ष संस्थानों में प्रमुखता से रखा है. यह उपलब्धि भी बड़ी है. विश्वविद्यालय भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 103वें और विश्वविद्यालयों में 47वें स्थान पर है. विशेष रूप से भौतिक विज्ञान में गोरखपुर विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा संस्थानों में 57वें और विश्वविद्यालयों में 28वें स्थान पर है. रसायन विज्ञान के क्षेत्र में गोरखपुर विश्वविद्यालय भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 118वें और विश्वविद्यालयों में 92वें स्थान पर है. प्राकृतिक विज्ञान पत्रिकाओं में अपने प्रकाशनों के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 95वें और विश्वविद्यालयों में 45वें स्थान पर है.




राज्य विश्वविद्यालयों में केवल दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय अपना स्थान बनाने में सफल हुए हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 238वें और विश्वविद्यालयों में 172वें स्थान पर है. लखनऊ विश्वविद्यालय रसायन विज्ञान रैंकिंग में स्थान नहीं बना पाया है और भौतिक विज्ञान और प्राकृतिक विज्ञान पत्रिका प्रकाशनों में निचले स्थान पर है. नेचर इंडेक्स रैंकिंग में गोरखपुर विश्वविद्यालय के वर्तमान योगदान में रसायन विज्ञान के शोध शामिल है. साथ ही भौतिकी पत्रिकाओं जैसे कि यूरोपियन फिजिकल जर्नल सी, मंथली नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी: लेटर्स और द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में तीन प्रकाशन है. इसके अतिरिक्त, रसायन विज्ञान रैंकिंग में ऑर्गेनिक लेटर्स में एक प्रकाशन शामिल है. कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि ये उपलब्धियां हमारे शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों के असाधारण कार्य का प्रमाण हैं. हम इन मान्यताओं से सम्मानित हैं और अपने शैक्षणिक और शोध प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम अपनी कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के प्रति उनके अटूट समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करते हैं.

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