कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है. इस उत्सव में सैकड़ों देवी-देवता मेले की शोभा बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा दशहरा उत्सव में विदेशी संस्कृति की झलक भी देखने को मिल रही है. अंतरराष्ट्रीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर अपने-अपने देश की संस्कृति से यहां लोगों को अवगत करवा रहे हैं. ऐसे में ढालपुर के रथ मैदान में इन दिनों सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है और विदेशी कलाकार भी यहां पर अपने देश की संस्कृति नृत्य के माध्यम से दर्शा रहे हैं.
देव संस्कृति के कायल हुए विदेशी कलाकार
इस बीच उज्बेकिस्तान के कलाकारों ने भी लोक नृत्य के जरिए दशहरा उत्सव में आए दर्शकों का मनोरंजन किया. वहीं, जिला कुल्लू की देव संस्कृति को देखकर विदेशी कलाकार भी इसके कायल हो गए हैं. विदेशी कलाकारों का कहना है कि इस तरह का उत्सव उन्होंने पहली बार देखा है. जहां पर देवी-देवता लोगों से बात करते हैं और लोग नाचते-गाते हुए देवता के रथ के साथ चलते हैं.
उज्बेकिस्तान में हिंदी गानों का खुमार
उज्बेकिस्तान के कलाकारों का कहना है कि भारत और उज्बेकिस्तान की संस्कृति आपस में काफी मिलती है और भाषा के कई शब्द ऐसे हैं, जो रोजाना दोनों देश इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में उन्हें जिला कुल्लू में घूमने का भी मौका मिला और यहां के पहाड़ भी उज्बेकिस्तान की तरह हरे भरे हैं. ऐसे में उन्हें ऐसा नहीं लग रहा है कि वह किसी और देश में घूमने आए हैं. कलाकारों का कहना है कि उन्हें हिंदी गाने काफी पसंद है और उज्बेकिस्तान में भी लोग बॉलीवुड के हिंदी गानों को सुनते हैं. ऐसे में वे अन्य देशों में भी अपनी प्रस्तुति देते समय हिंदी गाने गाते हैं और हिंदी फिल्मों को भी उज्बेकिस्तान के लोग काफी पसंद करते हैं.