धमतरी: कुछ सरकारी स्कूलों में बढ़िया पढ़ाई होती है तो कुछ स्कूलों में सिर्फ पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति. धमतरी के पटौद गांव में सरकारी स्कूल का हाल बेहाल है. प्राथमिक शाला में कक्षा से लेकर कक्षा पांच तक सिर्फ 9 ही बच्चे हैं जो पढ़ने आते हैं. कक्षा चार में तो सिर्फ एक बच्ची ही पढ़ने आती है. इतने कम बच्चों की पढ़ाई भी स्कूल में ठीक नहीं हो पाती. इसी बात की शिकायत लेकर चौथी कक्षा की छात्रा मीनाक्षी अपने पिता के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची और पढ़ाई कराए जाने की मांग की. बच्ची का कहना था कि स्कूल में रोजना पढ़ाई कराई जाए. बच्ची की शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच की बात कही है.
स्कूल में पढ़ाई कराने की मांग: छात्रा मीनाक्षी और उसके पिता की मांग पर जिला शिक्षा अधिकारी ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि स्कूल में जाकर की जाएगी. बच्चों को शिक्षा मिले ये सुनिश्चित किया जाएगा. छात्रा की ये भी शिकायत थी कि स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका पढ़ाई कराने को लेकर गंभीर नहीं है. छात्रा के पिता ने भी कहा है कि बच्ची की स्कूल में ठीक से पढ़ाई हो इसकी व्यवस्था शिक्षकों को करनी चाहिए. पढ़ाई नहीं होने से उनकी बच्ची तीन महीने से स्कूल नहीं जा रही है. पढ़ाई नहीं होने से बच्ची का भविष्य अंधकारमय हो सकता है. पिता का आरोप है कि शिक्षिका उनकी बेटी को बीमार बताकर हमेशा स्कूल से घर भेज देती है. इसकी जांच की मांग भी परिवार ने की है. दोषी टीचर पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग भी की है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने दिया भरोसा: छात्रा मीनाक्षी और उसके पिता की शिकायत सुनने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी सकते में हैं. जिला शिक्षा अधिकारी डीआर जगदल्ले ने कहा है कि पालक को हमने समझाया है. उनसे कहा है कि शिक्षक का ट्रांसफर किसी समस्या का हल नहीं है. स्कूल में पढ़ाई का माहौल बेहतर को इसकी व्यवस्था की जाएगी. पालक बच्चे को स्कूल भेजें ये कहा गया है. पालक की जिद है कि शिक्षक को हटाया जाए. जबकी इस तरह की समस्या का ये कोई हल नहीं है.