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रिटायर्ड IPS बताकर जमाता था रौब, जांच में फर्जीवाड़ा का हुआ खुलासा

-गाजियाबाद पुलिस ने खुद को रिटायर्ड आईपीएस बताने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. - आरोपी आईपीएस अधिकारी बताकर रौब जमाता था.

68 वर्षीय रिटायर्ड फर्जी IPS का पर्दाफाश
68 वर्षीय रिटायर्ड फर्जी IPS का पर्दाफाश (IANS)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद पुलिस ने खुद को रिटायर्ड आईपीएस बताने वाले अनिल कटियाल को गिरफ्तार किया है. अनिल कटियाल खुद को मणिपुर कैडर का 1979 बैच का आईपीएस अधिकारी बताकर रौब जमाता था. गाजियाबाद की साहिबाबाद पुलिस टीम द्वारा फर्जी आईपीएस अधिकारी और उसके साथी को गिरफ्तार किया गया है. अनिल कटियाल ने गाजियाबाद के डीसीपी टीएचए के पीआरओ को फोन कर अपना परिचय दिया और उसके बाद डीसीपी टीएचए से मुलाकात भी की. मुलाकात करने का मकसद एक मामले में पैरवी करवाना था.

पढ़ाई करने गया था USA: अनिल कटियाल दिल्ली के ग्रेटर कैलाश फर्स्ट का रहने वाला है. अनिल के पिता आईआरएस अधिकारी रह चुके हैं. दिल्ली के सेल्स स्टीफन कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद अनिल ने 1979 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह असफल रहा. इसके बाद USA की एल यूनिवर्सिटी में पीएचडी की पढ़ाई करने चला गया. 1980 में अनिल अमेरिका छोड़ भारत वापस आ गया. भारत वापस आने के बाद अनिल कई मल्टीनेशनल कंपनी में प्रबंधक, जनरल मैनेजर, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट समेत कई पदों पर काम कर चुका है.

68 वर्षीय रिटायर्ड फर्जी IPS का पर्दाफाश (Etv bharat)

सेंट स्टीफंस से की पढ़ाई: अनिल कटियार के परिवार में उसके पिता आईआरएस अधिकारी और चचेरे भाई पुलिस अधिकारी रहे हैं. जिसकी वजह से उसकी अधिकारियों से शुरुआत से ही जान पहचान बनती गई. दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ाई के दौरान बनें मित्रों में से यूपीएससी परीक्षा पास कर बने अधिकारियों के साथ दोस्ती बढ़कर कई और अधिकारियों के साथ अनिल ने उठना बैठना शुरू किया. निजी टेलीकॉम कंपनी में कॉरपोरेट अफेयर्स में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत रहने के दौरान उसकी कई आईपीएस और उच्च अधिकारियों से जान पहचान बनती गई. अपनी जान पहचान का फायदा उठाकर अनिल ने खुद को 1969 बैच का आईपीएस अधिकारी बताना शुरू कर दिया, और सरकार के विभिन्न विभागों और कार्यालय से धोखाधड़ी से दलाल के रूप में काम करना शुरू किया.

IPS बताकर बनाए संबंध: अनिल कटियाल ने खुद को 1969 बैच का आईपीएस बताकर दिल्ली एनसीआर के कई आला अधिकारियों से संबंध स्थापित किया और अपनी फर्जी पहचान का दबाव बनाकर आर्थिक लाभ भी उठाता रहा. पुलिस के मुताबिक दिल्ली के उच्च पुलिस अधिकारी को रिटायर्ड आईपीएस बताकर एक निजी कंपनी के लिए बार लाइसेंस बनवाया था. दिल्ली के आरटीओ और आबकारी विभाग में भी खुद को रिटायर्ड आईपीएस बताकर अनिल ने अनुचित काम करवाया था.

विदेश मंत्री को बताया क्लासमेट: एक दो बार नहीं बल्कि अनिल ने कई बार फर्जी पहचान बताकर फायदा उठाया है. विदेश मंत्री को अपने कॉलेज का सहपाठी बताकर उनसे अपॉइंटमेंट लेने की कोशिश की थी. फर्जी आईपीएस बन एटीएस कंट्रोल रूम में कॉल करके पुलिस आयुक्त गाजियाबाद का सरकारी नंबर प्राप्त किया था.

जानकारी जुटा रही पुलिस: फिलहाल, पुलिस अनिल कटियाल के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटा रही है. जबकि विनोद कपूर के खिलाफ इंदिरापुरम थाने में धोखाधड़ी के संबंध में एक मुकदमा दर्ज है. वही विनोद कपूर के अन्य आपराधिक इतिहास की पुलिस जानकारी कर रही है. पुलिस जानकारी जुटा रही है कि आखिर कब से आरोपी दलाली के कार्य में जुटे थे. बैंक अकाउंट की भी जानकारी की जा रही है कि आखिर अब तक दलाली और लाइसेंस के माध्यम से कितना पैसा कमा रखा है.

डिनर में बुलाता था अधिकारी: लोगों को कॉन्फिडेंस में लेने के लिए खुद को रिटायर्ड आईपीएस बताने वाला अनिल दिल्ली के बड़े होटलों में लंच और डिनर आयोजित करता था. जिसमें आला अधिकारियों समेत बड़े और प्रभावशाली लोगों को बुलाता था. पुलिस को अनिल कटियाल के फोन से कई ऑडियो रिकॉर्डिंग्स और व्हाट्सएप पर की गई बातचीत मिली है. जिसमें अनिल पैसे भेजने की बात भी कर रहा है.

दिनेश पी, पुलिस उपयुक्त ने कहा कि खुद को 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस बताकर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने और पुलिस के विरुद्ध मुकदमा लिखवाकर आजीवन कारावास की सजा दिलाने की धमकी देने वाले दिल्ली निवासी अनिल कटयाल और हरियाणा निवासी विनोद कपूर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. विवेचना के दौरान थाना साहिबाबाद पुलिस टीम द्वारा के तथ्य प्रकाश में आए हैं कि आरोपियों द्वारा आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से लोगों के साथ धोखाधड़ी और बेमानी करना, अधिकारियों पर अनैतिक दबाव बनाना, सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करना और जबरन अवैध वसूली करना पाया गया है. थाना साहिबाबाद पुलिस टीम द्वारा अनिल कटियाल को ग्रेटर नोएडा और विनोद कपूर को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है. आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

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नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद पुलिस ने खुद को रिटायर्ड आईपीएस बताने वाले अनिल कटियाल को गिरफ्तार किया है. अनिल कटियाल खुद को मणिपुर कैडर का 1979 बैच का आईपीएस अधिकारी बताकर रौब जमाता था. गाजियाबाद की साहिबाबाद पुलिस टीम द्वारा फर्जी आईपीएस अधिकारी और उसके साथी को गिरफ्तार किया गया है. अनिल कटियाल ने गाजियाबाद के डीसीपी टीएचए के पीआरओ को फोन कर अपना परिचय दिया और उसके बाद डीसीपी टीएचए से मुलाकात भी की. मुलाकात करने का मकसद एक मामले में पैरवी करवाना था.

पढ़ाई करने गया था USA: अनिल कटियाल दिल्ली के ग्रेटर कैलाश फर्स्ट का रहने वाला है. अनिल के पिता आईआरएस अधिकारी रह चुके हैं. दिल्ली के सेल्स स्टीफन कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद अनिल ने 1979 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह असफल रहा. इसके बाद USA की एल यूनिवर्सिटी में पीएचडी की पढ़ाई करने चला गया. 1980 में अनिल अमेरिका छोड़ भारत वापस आ गया. भारत वापस आने के बाद अनिल कई मल्टीनेशनल कंपनी में प्रबंधक, जनरल मैनेजर, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट समेत कई पदों पर काम कर चुका है.

68 वर्षीय रिटायर्ड फर्जी IPS का पर्दाफाश (Etv bharat)

सेंट स्टीफंस से की पढ़ाई: अनिल कटियार के परिवार में उसके पिता आईआरएस अधिकारी और चचेरे भाई पुलिस अधिकारी रहे हैं. जिसकी वजह से उसकी अधिकारियों से शुरुआत से ही जान पहचान बनती गई. दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ाई के दौरान बनें मित्रों में से यूपीएससी परीक्षा पास कर बने अधिकारियों के साथ दोस्ती बढ़कर कई और अधिकारियों के साथ अनिल ने उठना बैठना शुरू किया. निजी टेलीकॉम कंपनी में कॉरपोरेट अफेयर्स में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत रहने के दौरान उसकी कई आईपीएस और उच्च अधिकारियों से जान पहचान बनती गई. अपनी जान पहचान का फायदा उठाकर अनिल ने खुद को 1969 बैच का आईपीएस अधिकारी बताना शुरू कर दिया, और सरकार के विभिन्न विभागों और कार्यालय से धोखाधड़ी से दलाल के रूप में काम करना शुरू किया.

IPS बताकर बनाए संबंध: अनिल कटियाल ने खुद को 1969 बैच का आईपीएस बताकर दिल्ली एनसीआर के कई आला अधिकारियों से संबंध स्थापित किया और अपनी फर्जी पहचान का दबाव बनाकर आर्थिक लाभ भी उठाता रहा. पुलिस के मुताबिक दिल्ली के उच्च पुलिस अधिकारी को रिटायर्ड आईपीएस बताकर एक निजी कंपनी के लिए बार लाइसेंस बनवाया था. दिल्ली के आरटीओ और आबकारी विभाग में भी खुद को रिटायर्ड आईपीएस बताकर अनिल ने अनुचित काम करवाया था.

विदेश मंत्री को बताया क्लासमेट: एक दो बार नहीं बल्कि अनिल ने कई बार फर्जी पहचान बताकर फायदा उठाया है. विदेश मंत्री को अपने कॉलेज का सहपाठी बताकर उनसे अपॉइंटमेंट लेने की कोशिश की थी. फर्जी आईपीएस बन एटीएस कंट्रोल रूम में कॉल करके पुलिस आयुक्त गाजियाबाद का सरकारी नंबर प्राप्त किया था.

जानकारी जुटा रही पुलिस: फिलहाल, पुलिस अनिल कटियाल के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटा रही है. जबकि विनोद कपूर के खिलाफ इंदिरापुरम थाने में धोखाधड़ी के संबंध में एक मुकदमा दर्ज है. वही विनोद कपूर के अन्य आपराधिक इतिहास की पुलिस जानकारी कर रही है. पुलिस जानकारी जुटा रही है कि आखिर कब से आरोपी दलाली के कार्य में जुटे थे. बैंक अकाउंट की भी जानकारी की जा रही है कि आखिर अब तक दलाली और लाइसेंस के माध्यम से कितना पैसा कमा रखा है.

डिनर में बुलाता था अधिकारी: लोगों को कॉन्फिडेंस में लेने के लिए खुद को रिटायर्ड आईपीएस बताने वाला अनिल दिल्ली के बड़े होटलों में लंच और डिनर आयोजित करता था. जिसमें आला अधिकारियों समेत बड़े और प्रभावशाली लोगों को बुलाता था. पुलिस को अनिल कटियाल के फोन से कई ऑडियो रिकॉर्डिंग्स और व्हाट्सएप पर की गई बातचीत मिली है. जिसमें अनिल पैसे भेजने की बात भी कर रहा है.

दिनेश पी, पुलिस उपयुक्त ने कहा कि खुद को 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस बताकर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने और पुलिस के विरुद्ध मुकदमा लिखवाकर आजीवन कारावास की सजा दिलाने की धमकी देने वाले दिल्ली निवासी अनिल कटयाल और हरियाणा निवासी विनोद कपूर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. विवेचना के दौरान थाना साहिबाबाद पुलिस टीम द्वारा के तथ्य प्रकाश में आए हैं कि आरोपियों द्वारा आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से लोगों के साथ धोखाधड़ी और बेमानी करना, अधिकारियों पर अनैतिक दबाव बनाना, सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करना और जबरन अवैध वसूली करना पाया गया है. थाना साहिबाबाद पुलिस टीम द्वारा अनिल कटियाल को ग्रेटर नोएडा और विनोद कपूर को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है. आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

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