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Jagjit Singh Birth Anniversary : यादों में बरकरार गजल सम्राट, नक्शे कदम पर मासूम भी सीख रहे गजल के गुर

जगजीत सिंह की जयंती, सुरों का जादूगर व मखमली आवाज से दुनिया भर में पहचान बनाने वाले जगजीत सिंह का गुरुवार को जन्मदिन है. राजस्थान के श्रीगंगानगर में उनका जन्म हुआ था. शहर के एक स्कूल में उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया.

Birth anniversary of ghazal emperor Jagjit Singh
गजल सम्राट जगजीत सिंह की जयंती
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 8, 2024, 9:06 AM IST

Updated : Feb 9, 2024, 10:05 AM IST

गजल सम्राट जगजीत सिंह की जयंती

श्रीगंगानगर. 'होशवालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है'...इस गाने के सुर जब भी कानों में पड़ते हैं, जगजीत सिंह स्मृति पटल पर छप जाते हैं. गजल सम्राट जगजीत सिंह की गजलें ना केवल भारत में बल्कि भारतीय सीमाओं के बाहर विदेशों में भी खूब सुनी गईं. अपनी मखमली आवाज से जगजीत सिंह ने दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी जगह बनाई. बहुत कम लोग जानते हैं की गजल सम्राट जगजीत सिंह राजस्थान के गंगानगर से ताल्लुक रखते थे. उनका जन्म और तालीम इसी जिले में हुई थी. उनके चले जाने के बाद अब जिले का एक स्कूल उनकी यादों को संजोए रखने की कवायद कर रहा है. इस स्कूल में 150 के करीब बच्चे गजल गायकी के गुर सीख रहे हैं.

स्कूल के ऑडिटोरियम को भी जगजीत सिंह को समर्पित किया गया है. परिसर में दाखिल होने के बाद माहौल ऐसा नजर आता है कि मानो यह स्कूल नहीं, बल्कि गजल सम्राट की यादों को संजोए रखने का एक जरिया है. जगजीत सिंह की जयंती पर ईटीवी भारत ने स्कूल के बच्चे और स्टाफ से रूबरू होकर उनके दिल की बात को भी जाना. 8 फरवरी को गजल सम्राट जगजीत सिंह का जन्मदिन है. बता दें कि जगजीत सिंह श्रीगंगानगर में पैदा हुए और पले बढ़े थे. वो आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन श्रीगंगानगर में उनका जन्मदिन को खास तरह से मनाया गया.

एक स्कूल में बनाया गया ऑडिटोरियम : जगजीत सिंह की गजल गायकी से प्रभावित होकर श्रीगंगानगर के नोजगे स्कूल में एक ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है, जो जगजीत सिंह को समर्पित है. इस ऑडिटोरियम में 150 से अधिक बच्चे गजल गायकी सीख रहे हैं. ऑडिटोरियम में विशेष रूप सजावट की गयी और उन्हें याद किया गया.

स्कूल में संगीत की शिक्षा देने वाली टीचर शालिनी गुप्ता के अनुसार जिस प्रकार जगजीत सिंह ने श्रीगंगानगर और भारत का नाम रोशन किया, उनका प्रयास है कि श्रीगंगानगर से और भी जगजीत सिंह निकले और इलाके का नाम रोशन करें. इस दौरान स्कूल के बच्चों ने कुछ गजलें भी सुनाई. बच्चों ने कहा कि गजल गायकी से उनकी संगीत की जानकारी बढ़ती है. साथ ही एक सुकून भी मिलता है. बच्चों ने कहा कि जगजीत सिंह की हर गजल के शब्दों का बहुत सूंदर अर्थ निकलता हैं.

इसे भी पढ़ें : गजल सम्राट जगजीत सिंह की याद में 1 करोड़ की लागत से बनेगा स्मारक भवन

जहां जन्मे, वहां बन रहा स्मारक : श्रीगंगानगर के सिविल लाइन स्थित सरकारी क्वार्टर G-25 में आज से ठीक 83 साल पहले गजल सम्राट जगजीत सिंह का जन्म हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी श्रीगंगानगर में ही हुई थी. उसी सरकारी आवास G-25 को स्थानीय प्रशासन की ओर से जगजीत सिंह मेमोरियल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां दो मंजिला जगजीत सिंह स्मारक भवन निर्माणाधीन है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. जिसके बाद संगीत प्रेमियों को जगजीत सिंह को श्रद्धांजलि देने का एक मुकाम उपलब्ध हो सकेगा.

गजल सम्राट जगजीत सिंह की जयंती

श्रीगंगानगर. 'होशवालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है'...इस गाने के सुर जब भी कानों में पड़ते हैं, जगजीत सिंह स्मृति पटल पर छप जाते हैं. गजल सम्राट जगजीत सिंह की गजलें ना केवल भारत में बल्कि भारतीय सीमाओं के बाहर विदेशों में भी खूब सुनी गईं. अपनी मखमली आवाज से जगजीत सिंह ने दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी जगह बनाई. बहुत कम लोग जानते हैं की गजल सम्राट जगजीत सिंह राजस्थान के गंगानगर से ताल्लुक रखते थे. उनका जन्म और तालीम इसी जिले में हुई थी. उनके चले जाने के बाद अब जिले का एक स्कूल उनकी यादों को संजोए रखने की कवायद कर रहा है. इस स्कूल में 150 के करीब बच्चे गजल गायकी के गुर सीख रहे हैं.

स्कूल के ऑडिटोरियम को भी जगजीत सिंह को समर्पित किया गया है. परिसर में दाखिल होने के बाद माहौल ऐसा नजर आता है कि मानो यह स्कूल नहीं, बल्कि गजल सम्राट की यादों को संजोए रखने का एक जरिया है. जगजीत सिंह की जयंती पर ईटीवी भारत ने स्कूल के बच्चे और स्टाफ से रूबरू होकर उनके दिल की बात को भी जाना. 8 फरवरी को गजल सम्राट जगजीत सिंह का जन्मदिन है. बता दें कि जगजीत सिंह श्रीगंगानगर में पैदा हुए और पले बढ़े थे. वो आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन श्रीगंगानगर में उनका जन्मदिन को खास तरह से मनाया गया.

एक स्कूल में बनाया गया ऑडिटोरियम : जगजीत सिंह की गजल गायकी से प्रभावित होकर श्रीगंगानगर के नोजगे स्कूल में एक ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है, जो जगजीत सिंह को समर्पित है. इस ऑडिटोरियम में 150 से अधिक बच्चे गजल गायकी सीख रहे हैं. ऑडिटोरियम में विशेष रूप सजावट की गयी और उन्हें याद किया गया.

स्कूल में संगीत की शिक्षा देने वाली टीचर शालिनी गुप्ता के अनुसार जिस प्रकार जगजीत सिंह ने श्रीगंगानगर और भारत का नाम रोशन किया, उनका प्रयास है कि श्रीगंगानगर से और भी जगजीत सिंह निकले और इलाके का नाम रोशन करें. इस दौरान स्कूल के बच्चों ने कुछ गजलें भी सुनाई. बच्चों ने कहा कि गजल गायकी से उनकी संगीत की जानकारी बढ़ती है. साथ ही एक सुकून भी मिलता है. बच्चों ने कहा कि जगजीत सिंह की हर गजल के शब्दों का बहुत सूंदर अर्थ निकलता हैं.

इसे भी पढ़ें : गजल सम्राट जगजीत सिंह की याद में 1 करोड़ की लागत से बनेगा स्मारक भवन

जहां जन्मे, वहां बन रहा स्मारक : श्रीगंगानगर के सिविल लाइन स्थित सरकारी क्वार्टर G-25 में आज से ठीक 83 साल पहले गजल सम्राट जगजीत सिंह का जन्म हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी श्रीगंगानगर में ही हुई थी. उसी सरकारी आवास G-25 को स्थानीय प्रशासन की ओर से जगजीत सिंह मेमोरियल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां दो मंजिला जगजीत सिंह स्मारक भवन निर्माणाधीन है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. जिसके बाद संगीत प्रेमियों को जगजीत सिंह को श्रद्धांजलि देने का एक मुकाम उपलब्ध हो सकेगा.

Last Updated : Feb 9, 2024, 10:05 AM IST
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