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पंजाब ने नहीं छोड़ा राजस्थान की नहरों में पूरा पानी, 5 जुलाई को जिला कलेक्ट्रेट ठप करने की दी चेतावनी - Farmers on strike

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 3, 2024, 8:00 PM IST

Gang Nahar Water Dispute, गंगनहर में पूरा सिंचाई पानी लेने की मांग को लेकर किसान एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को उन्होंने कैनाल का निरिक्षण किया, जिसके बाद उन्होंने 5 जुलाई को जिला कलेक्ट्रेट ठप करने की चेतावनी दी है.

पंजाब ने नहीं छोड़ा राजस्थान की नहरों में पूरा पानी
पंजाब ने नहीं छोड़ा राजस्थान की नहरों में पूरा पानी (ETV Bharat Sri Ganganagar)

श्रीगंगानगर. पिछले एक महीने से गंगनहर में राजस्थान के निर्धारित हिस्से के मुताबिक सिंचाई पानी की मांग कर रहे किसानों को अब भी राहत नहीं मिली है. पंजाब ने अब भी गंगनहर में पूरा पानी नहीं छोड़ा है. इसको लेकर बुधवार को किसानों ने पंजाब क्षेत्र में बीकानेर कैनाल का निरिक्षण किया. उन्होंने 5 जुलाई को जिला कलेक्ट्रेट ठप करने की चेतावनी दी है.

ग्रामीण किसान मजदूर समिति के प्रदेशाध्यक्ष रणजीत सिंह राजू व गंगनहर प्रोजेक्ट चेयरमैन हरविंद्र सिंह गिल के नेतृत्व में बुधवार को किसानों की एक टीम पंजाब दौरे पर रही. इस टीम ने आरडी 45 से हुसैनीवाला हेड तक पुरानी बीकानेर कैनाल के साथ साथ पैदल चलकर निरीक्षण किया. रणजीत सिंह राजू ने कहा कि पुरानी बीकानेर कैनाल में 300 से 400 क्यूसेक पानी और चलाया जा सकता है, लेकिन श्रीगंगानगर का सिंचाई विभाग, प्रशासन व राज्य सरकार गंगनहर में पूरा पानी लेने के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है.

पढ़ें. गंगनहर में पूरा सिंचाई पानी लेने की मांग, किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट पर लगाया महापड़ाव - Demand for water

हाथ पर हाथ धरे बैठी सरकार : रणजीत सिंह राजू ने राज्य सरकार, सिंचाई विभाग व प्रशासन पर 27 जून को हुए समझौते को जानबूझकर अनदेखा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि गंगनहर क्षेत्र का किसान आज खून के आंसू पीने के लिए मजबूर हो रहा है. सभी नहरों पर तीन-तीन बारियां खाली जा रही हैं. सिंचाई विभाग के 27 जून को हुए समझौते में प्रशासन ने पुरानी बीकानेर कैनाल के पटड़ों पर मिट्टी डालकर दुरुस्त करने का वादा किया था, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी वातानुकूलित कमरों का मोह नहीं छोड़ रहे हैं. उन्हें गंगनहर के किसानों की बिलकुल भी परवाह नहीं है. मूंग और ग्वार बिजाई का समय निकलता जा रहा है, लेकिन राज्य सरकार समेत पूरी मशीनरी हाथ पर हाथ धरे बैठी है.

पढ़ें. गंगनहर में राजस्थान के हिस्से के पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन, दो जिलों में चक्का जाम की दी चेतावनी

खुद को ठगा महसूस कर रहे किसान : उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के दो विधायक किसानों से हुए समझौते में शामिल थे. सादुलशहर विधायक गुरवीर बराड़ ने 27 जून को किसानों की सभा में आकर वादा किया था कि गंगनहर में पूरा पानी लेने के लिए सरकार गंभीर है. अगर गंगनहर में पानी पूरा न हुआ तो जयपुर और दिल्ली तक जाएंगे, लेकिन अब 5 दिन बीत जाने के बाद भी पानी पूरा नहीं होने पर किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

गंगासिंह चौक पर किसानों का धरना जारी : गंगनहर के किसानों का गंगासिंह चौक पर सिंचाई विभाग के कार्यालय के सामने 27 जून से लगातार धरना जारी है. धरने पर हर रोज किसान अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं. जीकेएस प्रदेशाध्यक्ष रणजीत राजू ने बताया कि आज जीकेएस टीम ने पंजाब क्षेत्र में पुरानी बीकानेर कैनाल का निरीक्षण किया. गुरुवार को प्रशासन व सिंचाई विभाग से समझौते की पालना न करने से संबंधित सवाल-जवाब करेगी. 5 जुलाई को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार फैसला लिया जाएगा.

श्रीगंगानगर. पिछले एक महीने से गंगनहर में राजस्थान के निर्धारित हिस्से के मुताबिक सिंचाई पानी की मांग कर रहे किसानों को अब भी राहत नहीं मिली है. पंजाब ने अब भी गंगनहर में पूरा पानी नहीं छोड़ा है. इसको लेकर बुधवार को किसानों ने पंजाब क्षेत्र में बीकानेर कैनाल का निरिक्षण किया. उन्होंने 5 जुलाई को जिला कलेक्ट्रेट ठप करने की चेतावनी दी है.

ग्रामीण किसान मजदूर समिति के प्रदेशाध्यक्ष रणजीत सिंह राजू व गंगनहर प्रोजेक्ट चेयरमैन हरविंद्र सिंह गिल के नेतृत्व में बुधवार को किसानों की एक टीम पंजाब दौरे पर रही. इस टीम ने आरडी 45 से हुसैनीवाला हेड तक पुरानी बीकानेर कैनाल के साथ साथ पैदल चलकर निरीक्षण किया. रणजीत सिंह राजू ने कहा कि पुरानी बीकानेर कैनाल में 300 से 400 क्यूसेक पानी और चलाया जा सकता है, लेकिन श्रीगंगानगर का सिंचाई विभाग, प्रशासन व राज्य सरकार गंगनहर में पूरा पानी लेने के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है.

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हाथ पर हाथ धरे बैठी सरकार : रणजीत सिंह राजू ने राज्य सरकार, सिंचाई विभाग व प्रशासन पर 27 जून को हुए समझौते को जानबूझकर अनदेखा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि गंगनहर क्षेत्र का किसान आज खून के आंसू पीने के लिए मजबूर हो रहा है. सभी नहरों पर तीन-तीन बारियां खाली जा रही हैं. सिंचाई विभाग के 27 जून को हुए समझौते में प्रशासन ने पुरानी बीकानेर कैनाल के पटड़ों पर मिट्टी डालकर दुरुस्त करने का वादा किया था, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी वातानुकूलित कमरों का मोह नहीं छोड़ रहे हैं. उन्हें गंगनहर के किसानों की बिलकुल भी परवाह नहीं है. मूंग और ग्वार बिजाई का समय निकलता जा रहा है, लेकिन राज्य सरकार समेत पूरी मशीनरी हाथ पर हाथ धरे बैठी है.

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खुद को ठगा महसूस कर रहे किसान : उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के दो विधायक किसानों से हुए समझौते में शामिल थे. सादुलशहर विधायक गुरवीर बराड़ ने 27 जून को किसानों की सभा में आकर वादा किया था कि गंगनहर में पूरा पानी लेने के लिए सरकार गंभीर है. अगर गंगनहर में पानी पूरा न हुआ तो जयपुर और दिल्ली तक जाएंगे, लेकिन अब 5 दिन बीत जाने के बाद भी पानी पूरा नहीं होने पर किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

गंगासिंह चौक पर किसानों का धरना जारी : गंगनहर के किसानों का गंगासिंह चौक पर सिंचाई विभाग के कार्यालय के सामने 27 जून से लगातार धरना जारी है. धरने पर हर रोज किसान अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं. जीकेएस प्रदेशाध्यक्ष रणजीत राजू ने बताया कि आज जीकेएस टीम ने पंजाब क्षेत्र में पुरानी बीकानेर कैनाल का निरीक्षण किया. गुरुवार को प्रशासन व सिंचाई विभाग से समझौते की पालना न करने से संबंधित सवाल-जवाब करेगी. 5 जुलाई को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार फैसला लिया जाएगा.

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