जोधपुर: भगवान गणेश को सुख समृद्धि का देवता माना जाता है. प्रत्येक हिंदू के घर में भगवान गणेश की छोटी-बड़ी प्रतिमा मिलती हैं, लेकिन जोधपुर में एक घर ऐसा भी है, जहां एक नहीं, दो नहीं, दस नहीं बल्कि भगवान गणेश की 750 प्रकार की मूर्तियां और चित्र हैं. यह घर है शहर के नामवर फिजिशियन डॉ. विजय बालानी का, जिन्हें बचपन से ही गणेश भगवान की मूर्ती का कलेक्शन करना अच्छा लगता था. वो अपने बचपन से डॉक्टर बनने तक जहां भी गए, वहां से गणेश मूर्ति जरूर लेकर आए. सैकड़ों की संख्या में भगवान गणेश की मूर्तियों के चलते इन्होंने अपने घर के ड्राइंग रूम को भगवान गणेश को ही समर्पित कर दिया. इनके ड्राइंग रूम में जहां भी नजर दौड़ाएंगे, तो सिर्फ गणेश ही नजर आएंगे.
डॉ. विजय बालानी बताते हैं कि वह बचपन में क्रिकेट खेलते थे. बड़े हुए तो भी यह शौक जारी रहा. जब खेलने के लिए बाहर जाते थे तो शॉपिंग के दौरान गणेश भगवान की मूर्ति से आकर्षित होते थे. धीरे-धीरे यह सिलसिला शुरू हुआ. इसके बाद डॉक्टर बने तो भी यह क्रम जारी रहा. डॉक्टरी के बाद देश-विदेश कहीं पर भी गए, वहां अगर अलग खूबी की गणेश की मूर्ति मिली तो उसे लाना नहीं भूले. चाहे कश्मीर में अखरोट की लकड़ी के गणेश हो या केरल में नारियल से बनने वाली मूर्ति हो, वो उन्हें घर ले आते. बालानी बताते हैं कि उनके शौक को परिवार के लोग भी पूरा करते हैं, उनको भी अगर कहीं ऐसे गणेश नजर आ जाएं, जो उनके पास नहीं है तो वे ले आते हैं.
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अब गिफ्ट भी गणेश के ही मिलते हैं : डॉ. बालानी ने बताया कि इस शौक की जानकारी दोस्तों और रिश्तेदारों को हुई तो घर में अब कोई भी आयोजन होता है तो वे भी गणेश मूर्ति या पेटिंग ही गिफ्ट देते हैं. सभी का प्रयास होता है कि वे ऐसे गणेश दे जो उनके पास नहीं हो. डॉ. बालानी ने बताया कि उनके पास एक पंचमुखी गणेश भी हैं.
उन्होंने कहा कि उदयपुर में एक जगह पर उन्होंने गणेश म्यूजियम देखा तो सोचा कि इनसे ज्यादा तो हमारे घर में भगवन गणेश की मूर्तियां हैं. डॉ. बालानी ने बताया कि वे अब किसी मंदिर के साथ जुड़ कर जोधपुर में भगवान गणेश का संग्रहालय बनाने का सोच रहे हैं.