जौनपुर: मंगलवार को जौनपुर में पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh Sentenced in Jaunpur) और उसके सहयोगी संतोष विक्रम को अपहरण और रंगदारी मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी ने दोषी करार दिया. सजा को लेकर बुधवार (6 मार्च 2024) को बहस होगी. अदालत ने यह फैसला 4 साल पुराने अपहरण और रंगदारी के मामले में सुनाया. पूर्व सांसद धनंजय सिंह को STP के परियोजना प्रबंधक को धमकाने और अपहरण करने के मामले में दोषी करार दिया गया. पुलिस ने पूर्व सांसद को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया.
मुजफ्फरनगर में नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण और रंगदारी के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम के खिलाफ FIR दर्ज करायी थी. संतोष विक्रम ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अभिनव सिंघल का अपहरण किया था और उनको पूर्व सांसद धनंजय सिंह के आवास पर ले गया था. वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर मौजूद थे. उन्होंने अभिनव सिंघल को धमकाया और कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया. जब अभिनव ने इनकार कर दिया, तो धमकी दी और रंगदारी मांगी.
इस मामले में अभिनव सिंघल का तहरीर पर FIR दर्ज की ग. इसके बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह गिरफ्तार कर लिये गये. इसके बाद उनको जमानत मिल गई थी. पुलिस ने उनको न्यायालय में पेश किया. जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना देखने वाले पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. अपहरण और रंगदारी मामले में बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी.
वर्तमान में जौनपुर से बहुजन समाज पार्टी (BSP) के श्याम सिंह सांसद हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण प्रताप सिंह को श्याम सिंह यादव ने धूल चटा दी थी. अब भारतीय जनता पार्टी ने आगामी चुनाव के लिए कृपाशंकर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है.