लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने पोस्ट के जरिए कहा कि देश के करोड़ों शोषित व उपेक्षित दलितों के आरक्षण विरोधी और उनकी आपसी एकता की दुश्मन जातिवादी पार्टियां आरक्षण में कोटे के बंटवारे के प्रति सक्रियता से साबित है कि भाजपा व कांग्रेस एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं. उनसे समाज व संविधान को खतरा घटा नहीं, बल्कि बढ़ा है.
1. देश के करोड़ों शोषित व उपेक्षित दलितों के आरक्षण विरोधी तथा उनकी आपसी एकता की दुश्मन जातिवादी पार्टियों द्वारा आरक्षण में कोटे के बंटवारे के प्रति सक्रियता से यह साबित है कि भाजपा व कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं तथा उनसे समाज व संविधान को खतरा घटा नहीं बल्कि बढ़ा है।
— Mayawati (@Mayawati) October 29, 2024
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है. लिखा कि हरियाणा की भाजपा सरकार के बाद अब तेलंगाना व कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भी दलितों को बांटने के लिए उनके आरक्षण के भीतर आरक्षण की नई व्यवस्था को आपाधापी में लागू करने का फैसला लिया है. वास्तव में आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने के इनके जारी षडयंत्र का नया प्रयास है. उन्होंने लिखा कि एससी, एसटी व अन्य उपेक्षितों की राजनीतिक शक्ति को खतरा मानने वाली भाजपा, कांग्रेस व सपा जैसी जातिवादी पार्टियों के विभाजनकारी इरादों व इनके साम, दाम, दण्ड, भेद जैसे हथकंडों से भी सावधानी जरूरी है जिससे संविधान निर्माता डा. भीमराव आंबेडकर का कारवां कमजोर न होकर मजबूत बना रहे.
बीते दो दिन पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने पोस्ट के जरिए कहा था कि यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस हिरासत में व्यापारी मोहित पांडेय की कथित तौर पर हुई मौत की घटना पर परिवार एवं लोगों में रोष और आक्रोश व्याप्त होना स्वाभाविक है. यह घटना अति निंदनीय है. मायावती ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार को न्याय देने के लिए प्रभावी कदम अवश्य उठाए. इसके अलावा, यहां प्रदेश में महिलाओं पर भी आए दिन हो रही जुल्म ज्यादती की घटनाएं अति चिंतनीय हैं, जिन पर भी सरकार ऐसे अपराधियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे, जो अत्यंत जरूरी है.
यह भी पढ़ें : करवा चौथ के दिन मायावती का बनाया आपत्तिजनक वीडियो, वायरल होते ही मचा बवाल, आरोपी गिरफ्तार
यह भी पढ़ें : मायावती ने हरियाणा सरकार के फैसले का किया विरोध, कहा- दलितों को बांटने का षडयंत्र