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उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष ने बढ़ाई चिंता, सीएम धामी ने दिए ये निर्देश - Human Wildlife Conflict Uttarakhand

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 19, 2024, 8:31 PM IST

Uttarakhand State Wildlife Board Meeting आज उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 20वीं समीक्षा बैठक हुई. जिसमें सीएम धामी ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने को कहा. साथ ही इस संघर्ष में जान गंवाने वाले के परिजनों और घायलों को जल्द से जल्द मुआवजा राशि उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. जानिए इसके अलावा क्या-क्या निर्देश दिए?

Human Wildlife Conflict in Uttarakhand
उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड बैठक (फोटो सोर्स- X@pushkardhami)

देहरादून: उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लगातार बढ़ रहे मानव वन्यजीव संघर्ष मामले को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 20वीं बैठक हुई. बैठक में सीएम धामी ने विभागीय अधिकारियों को मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए. साथ ही जंगलों से लगते हुए जगहों पर बायो फेंसिंग करने को कहा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विभागीय अधिकारी मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने और इसके समाधान के लिए नीति बनाते हुए गंभीरता से काम करें. मानव वन्यजीव संघर्ष में मृतकों के परिजनों और घायलों को जल्द से जल्द तय सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाए.

मानव वन्यजीव संघर्ष पर लगाम लगाने के लिए चिन्हित हॉट स्पॉट पर वन कर्मियों की गश्त बढ़ाने को कहा गया है. साथ ही वन कर्मियों को पर्याप्त मात्रा में उपकरण कैमरा ट्रैप, एनाइडर, ट्रेंकुलाइजर गन समेत अन्य जरूरी सामग्री दी जाए. इसके अलावा आधुनिक उपकरण जैसे ड्रोन के जरिए से भी जंगली जानवरों पर नजर रखी जाए.

सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन प्रभागों में मानव वन्यजीव संघर्ष के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, उन क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाए. हल्द्वानी में प्रस्तावित जू एंड सफारी के मास्टर प्लान पर जल्द डीपीआर बनाने को भी कहा. राजाजी टाइगर रिजर्व के तहत आने वाले चौरासी कुटिया का अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं.

वाइल्डलाइफ आधारित डॉक्यूमेंट्री या फिल्म पर जोर: उत्तराखंड में वन्यजीव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर तमाम नेशनल पार्कों का व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए वाइल्डलाइफ आधारित डॉक्यूमेंट्री या फिल्म तैयार किया जाए. इसके साथ ही तमाम क्षेत्रों में बर्ड वाचिंग कैंप का आयोजन भी किया जाए. वन क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास योजनाओं को नियमों के तहत पूरा किया जाए. ताकि, आम जनता को सहूलियत मिल सके.

टाइगर कंजरवेशन फाउंडेशन का गठन: वहीं, अधिकारियों ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ से मंजूरी मिल चुकी है. पौड़ी जिले के यमकेश्वर विकासखंड में किमसार-भोगपुर मोटर मार्ग के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ से मंजूरी मिल गई है. जिसका निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा. पिछले 9 सालों से पेंडिंग राजाजी टाइगर रिजर्व के लिए टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन का गठन कर लिया गया है.

उत्तराखंड में वन्यजीव प्रबंधन के सभी बिंदुओं को शामिल कर फॉरेस्ट लैंडस्केप रिस्टोरेशन के 10 वर्षीय प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है. जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 32 करोड़ की धनराशि भारत सरकार से स्वीकृत भी हो चुकी है. इसके अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को लेकर वित्तीय वर्ष 2023-24 में आधुनिक उपकरणों की खरीदी के लिए वन प्रभागों को 10 करोड़ 50 लाख रुपए की धनराशि दी गई है.

हल्द्वानी जू एंड सफारी को मंजूरी, 39,398 बंदरों का किया जा चुका नसबंदी: साल 2009 के बाद वन विश्राम भवनों की दरों को संशोधित किया गया है. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण भारत सरकार की ओर से हल्द्वानी जू एंड सफारी, हल्द्वानी के मास्टर प्लान को मंजूरी मिल गई है. प्रदेश में बंदर नसबंदी का काम मिशन मोड में किया जा रहा है. जिसके तहत जुलाई 2023 से 31 मार्च 2024 तक 39,398 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है.

मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए चलाया जा रहा 'लिविंग विद लैपर्ड' कार्यक्रम: वहीं, मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए 5 वन प्रभागों (गढ़वाल, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और नरेंद्रनगर) के तहत 'लिविंग विद लैपर्ड' कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की रोकथाम के लिए 31 वन प्रभागों के तहत 65 त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया गया है.

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देहरादून: उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लगातार बढ़ रहे मानव वन्यजीव संघर्ष मामले को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 20वीं बैठक हुई. बैठक में सीएम धामी ने विभागीय अधिकारियों को मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए. साथ ही जंगलों से लगते हुए जगहों पर बायो फेंसिंग करने को कहा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विभागीय अधिकारी मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने और इसके समाधान के लिए नीति बनाते हुए गंभीरता से काम करें. मानव वन्यजीव संघर्ष में मृतकों के परिजनों और घायलों को जल्द से जल्द तय सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाए.

मानव वन्यजीव संघर्ष पर लगाम लगाने के लिए चिन्हित हॉट स्पॉट पर वन कर्मियों की गश्त बढ़ाने को कहा गया है. साथ ही वन कर्मियों को पर्याप्त मात्रा में उपकरण कैमरा ट्रैप, एनाइडर, ट्रेंकुलाइजर गन समेत अन्य जरूरी सामग्री दी जाए. इसके अलावा आधुनिक उपकरण जैसे ड्रोन के जरिए से भी जंगली जानवरों पर नजर रखी जाए.

सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन प्रभागों में मानव वन्यजीव संघर्ष के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, उन क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाए. हल्द्वानी में प्रस्तावित जू एंड सफारी के मास्टर प्लान पर जल्द डीपीआर बनाने को भी कहा. राजाजी टाइगर रिजर्व के तहत आने वाले चौरासी कुटिया का अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं.

वाइल्डलाइफ आधारित डॉक्यूमेंट्री या फिल्म पर जोर: उत्तराखंड में वन्यजीव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर तमाम नेशनल पार्कों का व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए वाइल्डलाइफ आधारित डॉक्यूमेंट्री या फिल्म तैयार किया जाए. इसके साथ ही तमाम क्षेत्रों में बर्ड वाचिंग कैंप का आयोजन भी किया जाए. वन क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास योजनाओं को नियमों के तहत पूरा किया जाए. ताकि, आम जनता को सहूलियत मिल सके.

टाइगर कंजरवेशन फाउंडेशन का गठन: वहीं, अधिकारियों ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ से मंजूरी मिल चुकी है. पौड़ी जिले के यमकेश्वर विकासखंड में किमसार-भोगपुर मोटर मार्ग के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ से मंजूरी मिल गई है. जिसका निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा. पिछले 9 सालों से पेंडिंग राजाजी टाइगर रिजर्व के लिए टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन का गठन कर लिया गया है.

उत्तराखंड में वन्यजीव प्रबंधन के सभी बिंदुओं को शामिल कर फॉरेस्ट लैंडस्केप रिस्टोरेशन के 10 वर्षीय प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है. जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 32 करोड़ की धनराशि भारत सरकार से स्वीकृत भी हो चुकी है. इसके अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को लेकर वित्तीय वर्ष 2023-24 में आधुनिक उपकरणों की खरीदी के लिए वन प्रभागों को 10 करोड़ 50 लाख रुपए की धनराशि दी गई है.

हल्द्वानी जू एंड सफारी को मंजूरी, 39,398 बंदरों का किया जा चुका नसबंदी: साल 2009 के बाद वन विश्राम भवनों की दरों को संशोधित किया गया है. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण भारत सरकार की ओर से हल्द्वानी जू एंड सफारी, हल्द्वानी के मास्टर प्लान को मंजूरी मिल गई है. प्रदेश में बंदर नसबंदी का काम मिशन मोड में किया जा रहा है. जिसके तहत जुलाई 2023 से 31 मार्च 2024 तक 39,398 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है.

मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए चलाया जा रहा 'लिविंग विद लैपर्ड' कार्यक्रम: वहीं, मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए 5 वन प्रभागों (गढ़वाल, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और नरेंद्रनगर) के तहत 'लिविंग विद लैपर्ड' कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की रोकथाम के लिए 31 वन प्रभागों के तहत 65 त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया गया है.

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