दौसा. जिले के महुखेड़ा गांव में नए साल पहले के दिन से शुरू हुआ एक बाघ का आतंक लगातार दूसरे दिन भी जारी है. लेकिन वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने में अभी तक नाकामयाब साबित हुई है. बुधवार को वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने बाघ को तीन बार ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया. लेकिन तीनों बार वन विभाग की टीम बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में नाकाम साबित रही.
वहीं बुधवार शाम से ही बाघ वनकर्मियों की नजरों से ओझल हो गया. इसके बाद गुरुवार सुबह 10 बजे तक बाघ वनकर्मियों को नजर नहीं आया. जिसके कारण अब वन विभाग बाघ को लेकर चिंतित है. हालांकि सरिस्का, रणथंभोर और जयपुर से आई वन विभाग की रेस्क्यू टीम सहित स्थानीय वनकर्मी लगातार बाघ की लोकेशन ट्रेस करने में लगे हुए है. हालांकि, वन विभाग के अधिकारी बाघ के फिर से सरिस्का लौटने की भी संभावना भी जता रहे हैं.
पकड़ में अभी नहीं आया ST-2402 : उपवन संरक्षक केतन कुमार ने बताया कि बाघ एसटी -2402 सरिस्का के जंगलों से निकलकर राजगढ़ होते हुए बैजूपाड़ा के महुखेड़ा गांव में पहुंचा है. जहां उसने एक महिला सहित तीन लोगों के उपर हमला किया है. जिसमें एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है जिसका जयपुर में इलाज जारी है. वहीं उन्होंने बताया कि मेल बाघ एसटी 2402 अभी 22 माह का है. जिसके चलते उसके रेडियो कॉलर नहीं लगाया गया है. इसके कारण बाघ की लोकेशन ट्रेस करने में परेशानी आ रही है.
बाघ ने रेस्क्यू टीम के उपर भी किया हमला : उपवन संरक्षक केतन कुमार ने बताया कि बुधवार शाम को बाघ को रेस्क्यू करने पहुंची टीम पर भी भाग ने हमला कर दिया. हालांकि रेस्क्यू टीम गाड़ी में सवार थी, जिसके चलते वनकर्मी बाघ के हमले से बच गए. लेकिन बाघ के पंजे से गाड़ी का एक शीशा टूट गया. साथ ही गाड़ी का गेट भी बाघ के पंजे के झपट्टे से क्षतिग्रस्त हो गया. वहीं बाघ द्वारा ग्रामीणों पर किए गए हमले की सूचना मिलने के बाद दौसा जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार यादव भी महुखेड़ा गांव में पहुंचे थे. जहां उन्होंने वनकर्मियों को बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू करने के निर्देश दिए. साथ ही ग्रामीणों को अकेले घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है.