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बालोद वन विभाग की अनोखी पहल, वन्य प्राणियों की प्यास बुझाने के लिए जंगल में तैयार किया झिरिया - Jhiriya for wild animals in Balod

बालोद में वन विभाग ने अनोखी पहल की है. वन्य प्राणियों की प्यास बुझाने के लिए जंगल में झिरिया बनाए हैं. अब वन्य प्राणियों को भीषण गर्मी में पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

Jhiriya for wild animals in Balod
वन विभाग की खास पहल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 26, 2024, 7:43 PM IST

जंगल में बनाया गया झिरिया (ETV BHARAT)

बालोद: भीषण गर्मी में जानवरों को पानी के लिए वन विभाग की ओर से खास जुगाड़ किया जा रहा है. बालोद जिले के वन मंडल अंतर्गत वन्य प्राणियों को भीषण गर्मी में पानी के लिए भटकना न पड़े इसके लिए झिरिया तैयार किया गया है. ताकि वन्य प्राणी भटक कर गांव की ओर प्रवेश न करें. वन्य प्राणियों के लिए जंगलों के बीच में छोटे-छोटे गड्ढे, जिसे झिरिया कहा जाता है, वह बनाया जा रहा है. इस झिरिया में टैंकर के माध्यम से वहां पर पानी भी भरे जा रहे हैं. इस बारे में जिले के उपवन मंडल अधिकारी डिंपी बेस ने जानकारी दी कि वन्य प्राणियों को भीषण गर्मी में सुरक्षा और संरक्षण को देखते हुए यह प्रयास किया जा रहा है.

इतने झिरिया बनाए गए: उप वन मंडल अधिकारी डिंपी बैस ने बताया कि" बिगड़े वनों के सुधार कर वन्यप्राणियों के लिए झिरिया बनाया गया, जिसमें बालोद परिक्षेत्र में बालोद सर्कल बरही, कन्नेवाडा क्षेत्र में कुल 21 झिरिया और गुरूर परिक्षेत्र में पुरूर, गुरूर, बढ़भूम सर्कल (ओनाकोना, सोहतरा, मंगचुवा, बढ़भूम) में कुल झिरिया 24 का निर्माण किया गया. यह वो जगह है, जहां पर पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है. अब जानवरों को राहत मिलने लगी है."

प्लास्टिक शीट बिछाकर तैयार किया गया झिरिया: वन विभाग की मानें तो वन्यप्राणियों के लिए बनाए गए इस झिरिया में वृत्ताकार/चौकोर/आयताकार में मिट्टी हटाकर प्लास्टिक की शीट बिछाई जाती है.उसके बाहरी क्षेत्र को मिट्टी से ढक दिया जाता है. उसमें साफ पानी टैंकर से डाला जाता है, ताकि पानी जमीन में रिस न जाए. वहीं, बराबर रोजाना इन गड्ढों में ट्रैक्टर टैंकर के माध्यम से पानी डाला जा रहा है.

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जंगल में बनाया गया झिरिया (ETV BHARAT)

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इतने झिरिया बनाए गए: उप वन मंडल अधिकारी डिंपी बैस ने बताया कि" बिगड़े वनों के सुधार कर वन्यप्राणियों के लिए झिरिया बनाया गया, जिसमें बालोद परिक्षेत्र में बालोद सर्कल बरही, कन्नेवाडा क्षेत्र में कुल 21 झिरिया और गुरूर परिक्षेत्र में पुरूर, गुरूर, बढ़भूम सर्कल (ओनाकोना, सोहतरा, मंगचुवा, बढ़भूम) में कुल झिरिया 24 का निर्माण किया गया. यह वो जगह है, जहां पर पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है. अब जानवरों को राहत मिलने लगी है."

प्लास्टिक शीट बिछाकर तैयार किया गया झिरिया: वन विभाग की मानें तो वन्यप्राणियों के लिए बनाए गए इस झिरिया में वृत्ताकार/चौकोर/आयताकार में मिट्टी हटाकर प्लास्टिक की शीट बिछाई जाती है.उसके बाहरी क्षेत्र को मिट्टी से ढक दिया जाता है. उसमें साफ पानी टैंकर से डाला जाता है, ताकि पानी जमीन में रिस न जाए. वहीं, बराबर रोजाना इन गड्ढों में ट्रैक्टर टैंकर के माध्यम से पानी डाला जा रहा है.

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