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देशभर में हिमाचली सेब की महक, यूनिवर्सल कार्टन में मडियों में पहली बार पहुंची 1.11 करोड़ सेब की पेटियां - Apple Universal Carton

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 16, 2024, 4:45 PM IST

Updated : Sep 16, 2024, 5:44 PM IST

Apple Universal Court: इस साल पहली बार हिमाचली सेब यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से देशभर की मंडियों में पहुंच रहा है. अभी तक यूनिवर्सल कार्टन से देश की मंडियों में करीब 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार 542 पेटियां पहुंच चुकी है. सेब की गुणवत्ता को बनाए रखने व बेहतर दामों की आवश्यकता के तहत यूनिवर्सल कार्टन की उपयोगिता कारगर साबित हो रही है.

कॉन्सेप्ट इमेज
कॉन्सेप्ट इमेज (ETV BHARAT)

शिमला: हिमाचल की जीडीपी में पांच हजार करोड़ की मजबूत आर्थिकी का मुख्य आधार सेब की महक देश भर में फैल रही है. महानगरों सहित देश के हर राज्य में शौक के साथ लोग हिमाचली सेब की मिठास का आनंद ले रहे हैं. ये फल बहुत मेहनत करने के बाद मंडियों में पहुंचता है. इस साल पहली बार हिमाचली सेब यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से देशभर की मंडियों में पहुंच रहा है, जिससे बागवानों के उत्पाद की गुणवत्ता की सुरक्षा के साथ उन्हें बेहतर दाम मिल रहे हैं. सरकार के इस प्रयास से बागवानों को नई दिशा व आर्थिक स्थिति में और अधिक सुधार की उम्मीद जगी है.

एक करोड़ से अधिक पेटियां पहुंची मंडियों में

हिमाचल में इस बार सेब उत्पादन कम रहने की संभावना जताई गई है. अभी तक यूनिवर्सल कार्टन से देश की मंडियों में करीब 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार 542 पेटियां पहुंच चुकी है. प्रदेश में कृषि उत्पाद विपणन समिति के अन्तर्गत मंडियों और समितियों के माध्यम से स्थापित नियंत्रण कक्षों एपीएमसी में मंडियों के बाहर से जाने वाले माल के पंजीकरण के तहत अभी तक शिमला एवं किन्नौर समिति में 71 लाख 48 हजार 757, सोलन से 19 लाख 47 हजार 511, कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति कृषि उत्पाद विपणन समिति की ओर से 13 लाख 16 हजार 68 यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से सेब देश की मंडियों में भेजा गया हैं. कांगड़ा विपणन समिति से 5,201, सिरमौर 1,312, ऊना समिति के माध्यम से 918, बिलासपुर 456, हमीरपुर से 1921 व चम्बा कृषि उत्पाद विपणन समिति की ओर से 30 पेटी यूनिवर्सल कार्टन का कारोबार भी किया गया हैं वहीं एचपीएमसी द्वारा भी करीब 50 हजार यूनिवर्सल कार्टन प्रदेश की विभिन्न मंडियों में भेजे गए हैं.

यूनिवर्सल कार्टन के अनेक लाभ

सेब की गुणवत्ता को बनाए रखने व बेहतर दामों की आवश्यकता के तहत यूनिवर्सल कार्टन की उपयोगिता कारगर साबित हो रही है. पारम्परिक कार्टन के उपयोग से फसलों को नुकसान की आशंका और कीमतें गिरने की समस्या से भी निजात मिल रही है. यूनिवर्सल कार्टन से बागवानों को मानकीकृत, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाली पैकिंग सुविधा प्राप्त हुई है. जिससे फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई व बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है. इससे सेब को होने नुकसान से बचाया जा सकता है. इसके साथ गुणवत्ता भी बनी रहती है. इससे बागवानों को सेब की कीमत तय करने का अधिकार मिला है.

वहीं बिचौलियों और व्यापारियों की निर्भरता से बागवानों का बचाव होगा. यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से बागवान सीधे अपने उत्पाद की पैकिंग बेहतर रूप से करके अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए विशेष मानक भी निर्धारित किए गए हैं जिसमें आकार, तहों की संख्या, वजन अथवा क्षमता आदि मानकों का पालन कर उच्च गुणवत्ता वाले कार्टनांे के माध्यम से फलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है.

ये भी पढ़ें: क्या है गठिया का रोग? कैसे करें पहचान ? बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी हैं इससे पीड़ित

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शिमला: हिमाचल की जीडीपी में पांच हजार करोड़ की मजबूत आर्थिकी का मुख्य आधार सेब की महक देश भर में फैल रही है. महानगरों सहित देश के हर राज्य में शौक के साथ लोग हिमाचली सेब की मिठास का आनंद ले रहे हैं. ये फल बहुत मेहनत करने के बाद मंडियों में पहुंचता है. इस साल पहली बार हिमाचली सेब यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से देशभर की मंडियों में पहुंच रहा है, जिससे बागवानों के उत्पाद की गुणवत्ता की सुरक्षा के साथ उन्हें बेहतर दाम मिल रहे हैं. सरकार के इस प्रयास से बागवानों को नई दिशा व आर्थिक स्थिति में और अधिक सुधार की उम्मीद जगी है.

एक करोड़ से अधिक पेटियां पहुंची मंडियों में

हिमाचल में इस बार सेब उत्पादन कम रहने की संभावना जताई गई है. अभी तक यूनिवर्सल कार्टन से देश की मंडियों में करीब 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार 542 पेटियां पहुंच चुकी है. प्रदेश में कृषि उत्पाद विपणन समिति के अन्तर्गत मंडियों और समितियों के माध्यम से स्थापित नियंत्रण कक्षों एपीएमसी में मंडियों के बाहर से जाने वाले माल के पंजीकरण के तहत अभी तक शिमला एवं किन्नौर समिति में 71 लाख 48 हजार 757, सोलन से 19 लाख 47 हजार 511, कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति कृषि उत्पाद विपणन समिति की ओर से 13 लाख 16 हजार 68 यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से सेब देश की मंडियों में भेजा गया हैं. कांगड़ा विपणन समिति से 5,201, सिरमौर 1,312, ऊना समिति के माध्यम से 918, बिलासपुर 456, हमीरपुर से 1921 व चम्बा कृषि उत्पाद विपणन समिति की ओर से 30 पेटी यूनिवर्सल कार्टन का कारोबार भी किया गया हैं वहीं एचपीएमसी द्वारा भी करीब 50 हजार यूनिवर्सल कार्टन प्रदेश की विभिन्न मंडियों में भेजे गए हैं.

यूनिवर्सल कार्टन के अनेक लाभ

सेब की गुणवत्ता को बनाए रखने व बेहतर दामों की आवश्यकता के तहत यूनिवर्सल कार्टन की उपयोगिता कारगर साबित हो रही है. पारम्परिक कार्टन के उपयोग से फसलों को नुकसान की आशंका और कीमतें गिरने की समस्या से भी निजात मिल रही है. यूनिवर्सल कार्टन से बागवानों को मानकीकृत, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाली पैकिंग सुविधा प्राप्त हुई है. जिससे फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई व बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है. इससे सेब को होने नुकसान से बचाया जा सकता है. इसके साथ गुणवत्ता भी बनी रहती है. इससे बागवानों को सेब की कीमत तय करने का अधिकार मिला है.

वहीं बिचौलियों और व्यापारियों की निर्भरता से बागवानों का बचाव होगा. यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से बागवान सीधे अपने उत्पाद की पैकिंग बेहतर रूप से करके अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए विशेष मानक भी निर्धारित किए गए हैं जिसमें आकार, तहों की संख्या, वजन अथवा क्षमता आदि मानकों का पालन कर उच्च गुणवत्ता वाले कार्टनांे के माध्यम से फलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है.

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Last Updated : Sep 16, 2024, 5:44 PM IST
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